मोबाइल से मिलेगी सुरक्षा और स्मार्ट शिक्षा भी; IIT Kanpur व BISAG-N ने डिजिटल शिक्षा और आपदा अलर्ट के लिए किया करार
कानपुर, अमृत विचार। डायरेक्ट-टू-मोबाइल तकनीक के जरिए आपदा के समय मोबाइल अलर्ट की तकनीक और प्रभावी बनाने तथा शिक्षण सामग्री को मोबाइल तक तेजी से पहुंचाने के लिए आईआईटी कानपुर के साथ इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत भास्कराचार्य नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्पेस एप्लीकेशन एंड जियोइन्फॉर्मेटिक्स (बीआईएसएजी-एन) ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
दोनों संस्थानों के बीच इस महत्वपूर्ण साझेदारी का उद्देश्य डायरेक्ट-टू-मोबाइल तकनीक के जरिए संभावनाओं के नए द्वार खोलना है। यह साझेदारी न केवल शिक्षा और सार्वजनिक सुरक्षा क्षेत्र में व्यापक सहयोग का मार्ग प्रशस्त करेगी, बल्कि विभिन्न सार्वजनिक आवश्यकताओं के लिए डायरेक्ट टू मोबाइल प्रौद्योगिकी की उपयोगिता बढ़ाने में तकनीकी नवाचारों में भी मदद करेगी। इस परियोजना में नॉलेज पार्टनर, आईआईटी कानपुर तकनीकी नवाचार का नेतृत्व करेगा।
समझौता ज्ञापन पर आईआईटी के निदेशक प्रो. मनिंद्र अग्रवाल और बीआईएसएजी-एन के महानिदेशक टीपी सिंह ने हस्ताक्षर किए। आईआईटी निदेशक प्रो. मणीन्द्र अग्रवाल ने कहा कि देश में डायरेक्ट टू मोबाइल तकनीक शिक्षा तक समान पहुंच प्रदान करके डिजिटल विभाजन को पाट सकती है। इस नवाचार में देश के हर कोने तक पहुंचने की क्षमता है।
बीआईएसएजी-एन के महानिदेशक टीपी सिंह ने कहा कि कहा कि संस्थान शिक्षा और जन कल्याण के उद्देश्य को आगे बढ़ाने वाली उभरती हुई तकनीक अपनाने में हमेशा आगे रहा है। डायरेक्ट टू मोबाइल तकनीक क्रांतिकारी बदलाव लाने में बहुत आशाजनक है। समारोह में तेजस नेटवर्क के कार्यकारी उपाध्यक्ष पराग नाइक तथा सहायक उपाध्यक्ष प्रशांत मारू के अलावा शैक्षिक मीडिया पर यूजीसी समिति सदस्य प्रो. मोहम्मद कासिम उपस्थित रहे।
15 तक आवेदन
आईआईटी समेत देश के पांच प्रमुख इंजीनियरिंग संस्थान मिलकर भविष्य की चुनौतियों पर चर्चा करेंगे। उनके निदान और पब्लिक पॉलिसी पर भी चर्चा करेंगे। इसके लिए पांचों संस्थान मिलकर ब्रह्मास्त्र – 2024 का आयोजन करेंगे। इस आयोजन के लिए देशभर के सभी ज्ञनातक छात्रों को आमंत्रित किया गया है। यह प्रतियोगिता निशुल्क है। इस प्रतियोगिता का ऑनलाइन आवेदन करने की तिथि 15 अक्टूबर है। प्रतियोगिता में विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ भी मौजूद रहेंगे।