बाराबंकी: सफाई हासिए पर, डेंगू मलेरिया को पैर पसारने का पूरा मौका

29 वार्डाें के नाले नालियों में जमा गंदा पानी, बीमारियों को लेकर गंभीर नहीं नगर पालिका  

 बाराबंकी:  सफाई हासिए पर, डेंगू मलेरिया को पैर पसारने का पूरा मौका

बाराबंकी: अमृत विचार। 29 वार्ड वाली नगरपालिका परिषद में सफाईकर्मियों की लंबी चौड़ी फौज है, जो प्रतिदिन साफ सफाई करते देखे जा रहे इसके बावजूद नाले नालियों का पानी आगे सरक ही नहीं रहा। बात करें डेंगू मलेरिया फैलाने वाले मच्छरों के लार्वा के पनपने की तो शहर में कोई वार्ड ऐसा नहीं जहां नालियों मे पटी पड़ी गंदगी इन लार्वा को भरपूर पनपने का मौका न दे रही हो। संचारी रोग नियंत्रण अभियान चल रहा, लगातार आमजन को जागरूक रहने को कहा जा रहा पर मच्छरों के वास्तविक जन्मस्थलों पर कोई ध्यान ही नहीं दे रहा। बैठक पर बैठक हो रही पर रोगों की जड़ पर कोई काम नहीं हो रहा। 

एक अक्टूबर से शुरु होकर संचारी रोग नियंत्रण अभियान माह के अंत तक चलेगा। इसके तहत शहरवासियों व ग्रामीण इलाकों में डेंगू मलेरिया से बचने के लिए जागरुकता फैलाई जाएगी, दवाओं का छिड़काव किया जाएगा व बीमारियों से बचने संबंधी सलाह दी जाएगी। एक नजर शहर के हालात पर ही डाली जाए तो हकीकत चौंकाने वाली है। शहर में कुल 29 वार्ड हैं, जहां कूड़ा निस्तारण व नाली सफाई का जिम्मा सैकड़ों सफाई कर्मचारियों पर है। इसमें कोई संदेह नहीं कि प्रतिदिन कूड़ा उठाया जा रहा लेकिन दूसरा पहलू यह है कि नाली सफाई करने वालों की संख्या बहुत कम बची है इसलिए वार्डवार ड्यूटी लगाई जा रही। साफ है कि नालियों की सफाई रोज नहीं की जा रही।

नतीजा यह कि नाले व नालियों में तह तक जमा कूड़ा, गंदगी सिल्ट जमी हुई है और सीपेज न होने की वजह से ऊपर का पानी बहुत ही धीमी गति से बह रहा। नाले नाली ही नहीं शहर में तमाम जगहों पर किसी न किसी रूप में जमा पानी मच्छरों के बढ़ने के अड्डे बन गए हैं। शाम होते ही इन अड्डों व नाले नालियों के इर्द गिर्द मच्छरों का झु़ंड आतंक मचा देता है। यह सर्वविदित है कि एक चम्मच में भरा पानी भी मच्छरों का लार्वा बनाने के लिए काफी है तो नाले नालियों में जमा पानी से उपजने वाली स्थिति का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है। इन नाले नालियों की प्रतिदिन सफाई न होने की वजह से अगर यह कहा जाए कि शहर डेंगू, मलेरिया जैसी बीमारियों के बेहद करीब है तो गलत न होगा। 

जिला अस्पताल में डेंगू वार्ड बनाया गया है जबकि मलेरिया के मरीजों को सामान्य स्थिति में यहीं पर दवा दी जा रही अन्यथा गंभीर दशा में लखनऊ रेफर किया जाएगा। अब तक डेंगू के 28 व मलेरिया के 61 मरीज सामने आ चुके हैं। आने वाले दिनों में इनकी संख्या बढ़ने के पूरे आसार हैं। दिन में पड़ने वाली गर्मी की वजह से फिलहाल स्थिति काबू में है पर मौसम के परिवर्तन के साथ ही मरीजों की संख्या बढ़ती जाएगी। वैसे भी शाम घिरते ही मच्छरों के आतंक से शहर तो क्या ग्रामीण इलाकों का कोई भी हिस्सा शायद ही बचता हो।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. अवधेश यादव कहते हैं कि डेंगू मलेरिया से निपटने का पहला उपाय ही साफ सफाई है। प्रत्येक सप्ताह बैठक की जा रही और 12 विभाग अभियान में शामिल हैं। शहर की सफाई के विषय में आगामी सोमवार को होने वाली बैठक में प्रमुखता से बात रखी जाएगी।