Women's T20 World Cup : ऑस्ट्रेलिया का टी20 विश्व कप में वर्चस्व खत्म करने उतरेंगे प्रतिद्वंद्वी
दुबई। भारत, इंग्लैंड और दक्षिण अफ्रीका जैसी टीमें गुरुवार से शुरू होने वाले महिला टी20 विश्व कप में ऑस्ट्रेलिया का पिछले लंबे समय से चला आ रहा वर्चस्व खत्म करने की कोशिश करेंगी। टूर्नामेंट की शुरुआत गुरुवार को शारजाह में होने वाले दो मैचों से होगी। इनमें पहला मैच बांग्लादेश और स्कॉटलैंड तथा दूसरा मैच पाकिस्तान और श्रीलंका के बीच खेला जाएगा।
पहले इस टूर्नामेंट का आयोजन बांग्लादेश में होना था लेकिन वहां राजनीतिक अशांति के कारण अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने इसे संयुक्त अरब अमीरात में स्थानांतरित कर दिया था। दस टीमों के बीच खेले जाने वाले इस टूर्नामेंट में ऑस्ट्रेलिया को हराना सभी टीमों के लिए सबसे बड़ी चुनौती होगी। अभी तक इस प्रतियोगिता का नौ बार आयोजन किया जा चुका है जिसमें ऑस्ट्रेलिया ने छह बार खिताब जीता है। वह पिछली तीन बार का चैंपियन भी है।
इंग्लैंड, भारत और दक्षिण अफ्रीका में समय-समय पर दिखाया है कि ऑस्ट्रेलिया को हराया जा सकता है लेकिन जब विश्व कप की बात आती है तो उसको पराजित करना किसी भी टीम के लिए आसान नहीं होता है। लगभग 18 महीने पहले दक्षिण अफ्रीका में टीम को चैंपियन बनाने के बाद मेग लैनिंग ने संन्यास ले लिया था और अब ऑस्ट्रेलिया का इस प्रतियोगिता में दबदबा बरकरार रखने का जिम्मा एलिसा हीली के कंधों पर होगा जिन्हें टीम की कप्तानी सौंपी गई है। हीली आगे बढ़कर नेतृत्व करना चाहेगी लेकिन अगर वह ऐसा करने में नाकाम रहती हैं तब भी टीम के पास एलिसे पेरी, एशले गार्डनर और ग्रेस हैरिस जैसी मैच विजेता खिलाड़ी हैं।
ऑस्ट्रेलिया को ग्रुप ए में भारत, पाकिस्तान, न्यूजीलैंड और श्रीलंका के साथ रखा गया है जबकि ग्रुप बी में इंग्लैंड, दक्षिण अफ्रीका, वेस्टइंडीज, बांग्लादेश और स्कॉटलैंड हैं। प्रत्येक ग्रुप से शीर्ष पर रहने वाली दो टीमें सेमीफाइनल में जगह बनाएंगी। इंग्लैंड ने 2009 में पहला टी20 महिला विश्व कप जीता था लेकिन इसके बाद उसे तीन बार फाइनल में ऑस्ट्रेलिया से हार का सामना करना पड़ा था। उसकी टीम ने हालांकि पिछले साल महिला एशेज में अपने इस प्रमुख प्रतिद्वंद्वी को हराकर श्रृंखला जीती थी जिससे उसकी टीम प्रेरणा लेना चाहेगी।
उम्मीद की जा रही है कि संयुक्त अरब अमीरात की पिचें स्पिनरों के लिए मददगार होंगी और ऐसे में इग्लैंड की तुरुप का इक्का सोफी एक्लेस्टोन की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाएगी। टीम में उनका साथ देने के लिए सारा ग्लेन और चार्ली डीन जैसे गेंदबाज शामिल हैं। अनुभवी नेट स्कीवर ब्रंट इंग्लैंड की बल्लेबाजी का मुख्य स्तंभ हैं। सलामी बल्लेबाज माइया बाउचर विश्व कप में पदार्पण करने वाली खिलाड़ियों में से एक होंगी जिन पर सबकी निगाह टिकी रहेगी। ऑस्ट्रेलिया के सामने कड़ी चुनौती पेश करने वाली एक और टीम भारत है लेकिन वह भी अपने इस प्रतिद्वंद्वी के सामने आखिरी बाधा पार करने में नाकाम रही है। हरमनप्रीत कौर की अगुवाई वाली टीम टी20 विश्व कप 2020 और राष्ट्रमंडल खेल 2022 के फाइनल में ऑस्ट्रेलिया से हार गई थी।
भारतीय टीम को हाल में एशिया कप के फाइनल में श्रीलंका से हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद उसे तैयारी का बहुत मौका नहीं मिला। टीम ने अपनी फिटनेस और फील्डिंग पर काफी काम किया है और उम्मीद है कि इसके सकारात्मक परिणाम टूर्नामेंट के दौरान देखने को मिलेंगे। यहां की परिस्थितियां भारतीय टीम के अनुकूल हो सकती हैं।
बल्लेबाजी विभाग में सलामी बल्लेबाज शैफाली वर्मा और स्मृति मंधाना पर जिम्मेदारी होगी जबकि हरमनप्रीत और ऋचा घोष को बीच के ओवरों और डेथ ओवरों में अपनी भूमिका निभानी होगी। हरमनप्रीत 2018 से टीम की कमान संभाल रही हैं और इस बार उन पर दबाव होगा क्योंकि टीम के असफल होने पर उन्हें अपनी कप्तानी से हाथ धोना पड़ सकता है। दक्षिण अफ्रीका ने पिछले टी20 विश्व कप में अपने घरेलू मैदान पर अच्छा प्रदर्शन किया था। उसकी टीम पहली बार इस टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंची थी जहां उसे आस्ट्रेलिया ने हरा दिया था। उसकी टीम ने हाल में मिला-जुला प्रदर्शन किया है लेकिन यहां वह कुछ चौंकाने वाले परिणाम दे सकती है।
ये भी पढ़ें : Kho Kho World Cup : भारत में पहली बार होगा खो-खो विश्व कप, 24 देश लेंगे हिस्सा