बरेली: केलाडांडी मामले में शहाबुद्दीन ने भाजपा विधायक की भूमिका पर खड़े किए सवाल, राज्यपाल संतोष गंगवार से की शिकायत

मौलाना शहाबुद्दीन और विधायक डॉ. एमपी आर्या के बीच हुई थी नोकझोंक

बरेली: केलाडांडी मामले में शहाबुद्दीन ने भाजपा विधायक की भूमिका पर खड़े किए सवाल, राज्यपाल संतोष गंगवार से की शिकायत

बरेली, अमृत विचार। कई दिनों पहले केला डांडी में विवादित मस्जिद को लेकर के बवाल खड़ा हो गया था। मस्जिद की दिवार गिराएं जाने के बाद दोनों समुदाय के लोगों में तनाव का माहौल है। दोबारा दीवार बनाने के विरोध में भाजपा के विधायक डॉ. एमपी आर्य ने आपत्ति जताते हुए धरना दे दिया था। पूरे मामले में नवाबगंज भाजपा विधायक डॉ. एमपी आर्या की भूमिका पर सवाल खड़ा करते हुए मौलाना शहाबुद्दीन झारखंड के राज्यपाल संतोष गंगवार से मिले। 

दरअसल ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी और भाजपा विधायक डॉ. एमपी आर्य के बीच काफी तीखी नोक-झोंक भी हुई। मौलाना का कहना था कि गिराई गई दीवार को पुलिस ने दोबारा बनवाकर शांति पैदा करने का कार्य किया, मगर विधायक के पहुंचने और धरना देने से माहौल खराब हो गया। अगर विधायक वहां नहीं पहुंचते तो इतना बड़ा विवाद नहीं होता। मौलाना का आरोप है कि विधायक ने उल्टा उन्हें ही दंगाई कह दिया। अब मौलाना शहाबुद्दीन ने झारखंड के राज्यपाल संतोष गंगवार से मिलकर विधायक की शिकायत की। जिस पर राज्यपाल ने विधायक से बात करने का आश्वासन दिया। मौलाना ने उनसे ये भी आग्रह किया कि आप अपने स्तर से दोनों पक्षों को बुलाकर बातचीत करके समास्या का समाधान करा दें। ताकि दोनों समुदाय के लोग जिस तरह पहले भाईचारे के साथ रहते आए हैं। ऐसे ही फिर भाईचारा और मिलजुल कर रहने लगे। जिला पुलिस और प्रशासन ने पूरे इंसाफ के साथ कार्रवाई की है। पक्षपात का आरोप लगाने वाले माहौल को शांत करने के बजाय खराब करना चह रहे हैं।

विधायक नहीं माने तो मुख्यमंत्री से मिलूंगा
मौलाना ने कहा कि विधायक डॉ एमपी आर्य अगर दोनों समुदाय को लड़ाने जैसी बातें करेंगे और अपने अंदर सुधार पैदा नहीं करेंगे तो फिर वह लखनऊ जाकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी और संगाठन मंत्री धर्मपाल सिंह से भी शिकायत करेंगे। विधायक मुझे सिर्फ एक धार्मिक व्यक्ति न समझे बल्कि वह अपनी मुस्लिम कौम और देश के लिए समाजिक व राजनीतिक भी काम भी करते हैं। भाजपा का शीर्ष नेतृत्व उन्हें खूब जानता है।

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