अब बैकुंठ धाम में ग्रीन क्रिमिनेशन मशीनों से होगा शवदाह, कान्हा उपवन में तैयार किए गए उपलों का होगा इस्तेमाल
लखनऊ, अमृत विचार: बैकुंठ धाम (भैंसाकुंड) में लकड़ी का प्रयोग कम करने के लिए नगर निगम 3 करोड़ खर्च कर 3 ग्रीन क्रिमिनेशन मशीनें लगा रहा है। इन मशीनों में शवदाह के लिए लकड़ी के साथ कान्हा उपवन में तैयार गाय के गोबर के उपलों का भी इस्तेमाल किया जाएगा। इससे एक शवदाह में लगने वाली लगभग 9 मन लकड़ी का इस्तेमाल आधा हो जाएगा।
नगर निगम के मुख्य अभियंता महेश वर्मा ने रविवार को बैकुंठ धाम का निरीक्षण कर विकास कार्यों का जायजा लिया। उन्होंने बताया कि अगले महीने से यह व्यवस्था शुरू हो जाएगी। इन मशीनों से शवदाह के लिए लकड़ी का इस्तेमाल कम हो जाएगा।
2020 में भी लगाई थीं दो मशीनें, 6 महीने ही चलीं
कोविड-19 के दौरान बैकुंठ धाम में अंतिम संस्कार के लिए कतारें लग गई थीं। शवदाह के लिए लकड़ी की कमी हो गई थी। इसे देखते हुए नगर निगम के विद्युत विभाग ने दो मशीनें लगवाई थीं। जिनमें 9 मन की जगह शवदाह के लिए लगभग 4.5 मन लकड़ी ही खर्च होती थी। लेकिन ये मशीनें लगभग छह महीनें ही चलीं। इसके बाद से मशीनें बंद पड़ी हैं और लगभग खराब हो चुकी हैं। इस बार यह प्रयोग कब तक प्रभावी रहेगा यह आने वाला वक्त बताएगा।
अगले माह से 3 ग्रीन क्रिमिनेशन मशीनें लगाकर नई व्यवस्था को लागू कर दिया जाएगा। इससे लकड़ी की खपत कम होगी और शवदाह करने आए लोगों का खर्च कम होगा। साथ ही लकड़ी की डिमांड घटेगी।
महेश वर्मा, मुख्य अभियंता, नगर निगम लखनऊ
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