मुरादाबाद : सवालों के घेरे में स्थानीय पुलिस, शरीर पर चढ़ने के तुरंत बाद कैसे बंद हुआ ट्रैक्टर?

मुरादाबाद : सवालों के घेरे में स्थानीय पुलिस, शरीर पर चढ़ने के तुरंत बाद कैसे बंद हुआ ट्रैक्टर?

मुरादाबाद, अमृत विचार। ठाकुरद्वारा थाना क्षेत्र में शुक्रवार सुबह हुए बवाल ने स्थानीय पुलिस को कटघरे में खड़ा कर दिया। वारदात के दौरान के कई वीडियो और फोटो सामने आए हैं, जो बेहद चौकाने वाले हैं। एक फोटो में मोनू का शव ट्रैक्टर के टायर के नीचे दबा हुआ है। जबकि उसका सिर टायर के बीच वाले हिस्से में टकरा रहा है। अब सवाल ये है कि ट्रैक्टर की सीट से उछलकर मोनू टायर के नीचे दबने के तुरंत बाद ट्रैक्टर बंद कैसे हुआ? हालांकि छोटी-मोटी बाधा ट्रैक्टर आसानी से पार कर देता है। फिलहाल एसएसपी की निगरानी में पूरे प्रकरण की जांच की जा रही है।

थाना क्षेत्र के दलपतपुर गांव निवासी धर्मपाल का बेटा लोकेश उर्फ मोनू (25) की मौत से गांव में हुए बवाल के बाद बेहद चौकाने वाले वीडियो और फोटो सामने आ रहे हैं। गांव के पूर्व प्रधान मनोहर सिंह ने बताया कि मोनू करीब 2:30 बजे घर ट्रैक्टर ट्राली लेकर घर से निकला था। इसी बीच सीसीटीवी फुटेज में करीब 3 बजे पुलिस की सफेद रंग की कार मोनू के ट्रैक्टर का पीछा करती नजर आ रही है। पुलिस से बचने के लिए मोनू ने ट्रैक्टर धान के खेत में घुसा दिया। इसी दौरान करीब 4 बजे मोनू ट्रैक्टर की सीट से उछलकर टायर के नीचे आ गया। टायर के बीचों बीच मोनू का शरीर दबने के तुरंत बाद ट्रैक्टर अचानक से बंद हो गया। जबकि मोनू का सिर टायर के बीच वाले हिस्से से टकराता हुआ नजर आ रहा है।

अब सवाल है कि शरीर पर चढ़ने के तुरंत बाद ट्रैक्टर बंद कैसे हुआ? जबकि ट्रैक्टर शरीर से भी मोटी और ऊंची आंट आसानी से पार कर देता है। दूसरा कि ट्रैक्टर का पीछा कर रहे कार सवार पुलिस कर्मी कहां थे? ऐसे में स्थानीय पुलिस की भूमिका को कटघरे में खड़ा कर दिया है। फिलहाल एसएसपी की निगरानी में पूरे प्रकरण की जांच कराई जा रही है। एसएसपी ने शुक्रवार को ही ठाकुरद्वारा थानेदार समेत सात पुलिस कर्मियों को निलंबित किया था। साथ ही सीओ राजेश कुमार को भी सर्किल से हटाकर जिला मुख्यालय से संबद्ध कर दिया था।

एक घंटे तक जिंदगी और मौत की जंग लड़ता रहा मोनू
धान के खेत में ट्रैक्टर घुसाने के बाद उछलकर ट्रैक्टर के पहिये से दबने के बाद मोनू करीब एक घंटे तक जिंदगी और मौत की जंग लड़ता रहा। सूत्रों के मुताबिक टायर से दबने के बाद मोनू चीखा चिल्लाया। लेकिन गांव से 500 मीटर दूर की चीखें किसी ने नहीं सुनी। मोनू के घर से निकलने के आधे घंटे बाद भी पुलिस की गाड़ी ने उसका पीछा करना शुरू कर दिया था। ट्रैक्टर को भगाते-भगाते मोनू गांव से 500 मीटर दूर निकल गया था। इसी दौरान धान के खेत में अनियंत्रित ट्रैक्टर घुस गया। टायर से निकलने के लिए मोनू ने प्रयास किया था, लेकिन सफलता नहीं मिली। इसके बाद एक घंटे तक जिंदगी और मौत से लड़ते-लड़ते मोनू ने दम तोड़ दिया।

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