Promotion: इलाहाबाद हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, कहा- समान पदों पर कार्यरत कर्मचारियों को पदोन्नति के समान अवसर दिया जाना जरूरी

Promotion: इलाहाबाद हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, कहा- समान पदों पर कार्यरत कर्मचारियों को पदोन्नति के समान अवसर दिया जाना जरूरी

प्रयागराज, अमृत विचार। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने पदोन्नति के एक मामले पर विचार करते हुए कहा कि जिस उम्मीदवार के पास अपेक्षित शैक्षणिक योग्यता है, वह अन्य सभी मानदंडों को पूरा करने पर पदोन्नति का हकदार है। यह मायने नहीं रखता है कि यह मानदंड सेवा से पहले पूरे किए गए थे या सेवा के दौरान पूरे किए गए। पदोन्नति के नियमों को उदारतापूर्वक लागू किया जाना चाहिए, जिससे कर्मचारियों में ठहराव न आए और उनका मनोबल बढ़े। कोर्ट ने यह माना कि समान पदों पर कार्यरत कर्मचारियों को पदोन्नति के समान अवसर दिए जाने चाहिए। 

कोर्ट ने मौजूदा मामले में विपक्षी के तर्क का खंडन करते हुए कहा कि स्टोरकीपर के पद का नियमों में उल्लेख न होने के कारण याची को पदोन्नति के लिए अयोग्य नहीं ठहराया जा सकता। समान या एक ही कैडर में आने वाले कर्मचारियों को सेवा में अपने करियर को आगे बढ़ाने के लिए समान अवसर दिए जाने चाहिए। राजकुमार की याचिका को स्वीकार करते हुए न्यायमूर्ति अजीत कुमार की एकलपीठ ने  विपक्षियों को याची की पदोन्नति के संबंध में उचित आदेश पारित करने का निर्देश दिया। दरअसल याची स्टोरकीपर ग्रेड-1 के पद पर कार्यरत है।

जूनियर इंजीनियर के पद पर पदोन्नति के लिए उसका आवेदन यह कहते हुए खारिज कर दिया गया कि उपरोक्त पद के लिए उपलब्ध 5% कोटा केवल ड्राफ्ट्समैन/ ड्रेसर/क्लर्क/प्रयोगशाला सहायकों की श्रेणी में आने वाले कर्मचारियों द्वारा ही प्राप्त किया जा सकता है, जिनके पास इंजीनियरिंग में आवश्यक डिप्लोमा है और जिन्होंने 5 साल की नियमित सेवा पूरी कर ली है। याची के पदोन्नति के अनुरोध को इस आधार पर भी खारिज किया गया कि उसने सेवा में प्रवेश करने से पहले अपना डिप्लोमा हासिल कर लिया था। अस्वीकृति आदेश को चुनौती देते हुए याची ने तर्क दिया कि किसी उम्मीदवार को सेवा अवधि के दौरान या उससे पहले अपेक्षित योग्यता हासिल कर लेने पर अयोग्य घोषित करना हाई कोर्ट द्वारा निर्धारित दिशा निर्देशों के विपरीत है। 

याची ने आगे तर्क दिया कि स्टोरकीपर का पद ग्रुप- सी कर्मचारियों की श्रेणी में आता है, इसलिए उसकी पदोन्नति के आवेदन पर विचार किया जाना चाहिए। याची की नियुक्ति की परिस्थितियों की जांच करते हुए कोर्ट ने माना कि उम्मीदवार को नियमों के अनुसार आवश्यक शैक्षिक मानदंड पूरा करना चाहिए। याची के पास अपेक्षित मानदंड है और उसने नियमों के तहत आवश्यक अवधि तक सेवा की है। अतः वह जूनियर इंजीनियर (मैकेनिकल) के पद पर पदोन्नति के लिए पात्र है।