रुद्रपुर: किताब विक्रेता से बलवीर बना साइबर अपराध का सरगना, कोविड काल में ठप हो गया था कारोबार

रुद्रपुर: किताब विक्रेता से बलवीर बना साइबर अपराध का सरगना, कोविड काल में ठप हो गया था कारोबार

मनोज आर्या, रुद्रपुर, अमृत विचार। 65 लाख की साइबर ठगी, कई प्रदेशों में करोड़ों की ठगी करने वाला बलवीर सिंह नेगी पहले सामान्य जीवन व्यतीत कर रहा था। दिल्ली में उसका पब्लिकेशन का कारोबार बहुत ही शानदार चल रहा था, लेकिन कोविड काल के बाद बलवीर के शातिर दिमाग में साइबर ठगी का आइडिया आया और उसने शेयर मार्केट, ऑनलाइन ट्रेडिंग की आड़ में ठगी करनी शुरू कर दी।

साइबर क्राइम थाना प्रभारी अरुण कुमार ने बताया कि पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वर्ष 1994 में ही उसका अपना पैतृक गांव नैन चमोली गढ़वाल उत्तराखंड को छोड़ दिया था और रोहिला विला अंबेडकरनगर बिजवासन थाना कापसखेड़ा साउट वेस्ट नई दिल्ली में जाकर रहने लगा। इसी दौरान उसने पब्लिकेशन का कारोबारी शुरू किया और कुछ समय बाद धंधा इतना शानदार चला कि नामी गिरामी मेडिकल कॉलेज, इंस्टीट्यूट और स्कूलों में किताबों की सप्लाई करने लगा। वर्ष 2020 से 2021 में कोविड काल में धंधा चौपट हो गया और वर्ष 2022 में बलवीर नेगी ने साइबर ठगों से संपर्क बनाना शुरू कर दिया।

उन्होंने बताया कि पिछले दो साल के अंदर उसने अपने सोशल मीडिया पर कई फर्जी अकाउंट खोलकर ट्रेडिंग, ऑनलाइन शेयर मार्केट बनाकर लोगों को ठगना शुरू कर दिया। देखते ही देखते एक पब्लिकेशन का कारोबार करने वाले बलवीर देश-प्रदेश का साइबर अपराधी बन बैठा। जिसने कम समय में काफी धन कमाना चाहा। साइबर पुलिस की प्रारंभिक तफ्तीश में कई अहम सबूत भी मिले हैं।

अपराध का तरीका
आरोपी बलवीर द्वारा व्हाटसअप ग्रुप में कई नामों से बनाए गए लिंक से जोड़ता था और फिर ऑनलाइन शेयर या ट्रेडिंग के नाम पर कम निवेश पर मोटा मुनाफा कमाने का प्रलोभन देता था। यही नहीं जब आरोपी ने कुछ निवेश करवाया तो कुछ दिन बाद ही खाते में मुनाफा भी डाला था। धीरे-धीरे जाल में फंसा आरोपी विश्वास करता था और भारी भरकम रकम खाते में आने के बाद शीघ्र दूसरे खाते में डालने के बाद अकाउंट लिंक बंद कर देता। इसके बाद व्यक्ति ठगी का शिकार हो जाता है।

कई प्रदेशों में हैं 14 ठगी के मुकदमे
कुमाऊं साइबर क्राइम थाना पुलिस ने आरोपी बलवीर की गिरफ्तारी के बाद जब टीम ने मुख्य आरोपी का आपराधिक इतिहास खंगाला तो आंध्र प्रदेश, बिहार में तीन, दिल्ली में दो, हरियाणा, पंजाब, तमिलनाडु, वेस्ट बंगाल, केरल में दो, कर्नाटक, महाराष्ट्र में 14 मुकदमे पंजीकृत होने की जानकारी मिली। इसके अलावा टीम ने आरोपी का आपराधिक इतिहास जानने के लिए कई प्रदेशों की पुलिस वेबसाइट पर डिटेल डाल दी है।

सोशल मीडिया में चलती थीं कई स्कीमें
आधुनिक की दौर में जितनी तेजी से लोग जुड़ते हैं उतनी ही तेजी से ठगी का शिकार भी हो रहे हैं। इसी कारण आरोपी बलवीर ने सोशल मीडिया से इसकी शुरू की। उसने सोशल मीडिया पर निवेश स्कीम चलाई और छोटे-छोटे निवेश पर मोटी रकम देने के बाद इनाम भी देता था। यदि कोई व्यक्ति 1000 से 2000 रुपये का निवेश करता था तो आरोपी फौरन उसके खाते में बढ़ाकर रकम डाल देता था। जब कोई लाखों की रकम डालता था तो फर्जी अकाउंट बंद हो जाता था और जुड़े सभी लोग दूसरे व्हाट्सएप ग्रुप में जुड़ जाते थे।