लखीमपुर खीरी: मूड़ा अस्सी में मिली बाघ की लोकेशन; वनकर्मियों ने हथिनियों की मदद से की कांबिंग, वर्षा ने रोका सर्च अभियान

लखीमपुर खीरी: मूड़ा अस्सी में मिली बाघ की लोकेशन; वनकर्मियों ने हथिनियों की मदद से की कांबिंग, वर्षा ने रोका सर्च अभियान

लखीमपुर खीरी, अमृत विचार। महेशपुर रेंज के ग्राम इमलिया और मूड़ा अस्सी में एक माह से बाघ को पकड़ने के लिए विफल रहने के कारण वन विभाग ने अब हाथियों की मदद लेकर थर्मल ड्रोन कैमरे के साथ कांबिंग की है। कैमरे में बाघ की लोकेशन मूड़ा अस्सी में गन्ने के खेत में बैठे मिली है, लेकिन वर्षा और गन्ने का रकबा अधिक होने से बाघ को ट्रैंकुलाइज नहीं किया जा सका।

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महेशपुर रेंज के ग्राम इमलिया में 27 अगस्त को अमरीश और मूड़ा अस्सी में 11 सितंबर को जाकिर अली पर हमला कर निवाला बनाने वाले बाघ की कांबिंग कर लोकेशन पता करने के लिए ट्रैंकुलाइज विशेशज्ञ डॉ दयाशंकर और नितेश कटियार दिन रात एक किए हुए हैं। गन्ने का रकबा अधिक होने की वजह से कोलकाता से थर्मल ड्रोन कैमरा भी मंगवाया गया। दो पिंजड़ा लगाकर पशु बांधने के बाद भी बाघ पिंजड़े तक नहीं आ सका, जिससे दुधवा से हथिनी सुलोचना और डायना को मंगाया गया। 

शुक्रवार सुबह ट्रैंकुलाइजर विशेषज्ञ और महेशपुर रेंज के डिप्टी रेंजर रामनरेश वर्मा, सुरेंद्रपाल गौतम आदि वनकर्मियों ने हथिनियों पर बैठकर थर्मल ड्रोन से लोकेशन पता करने का प्रयास किया तो कैमरे में बाघ की लोकेशन गन्ने के खेत में मिली है। इस बीच बारिश हो जाने से कांबिंग अभियान पर ब्रेक लग गया। 

वनकर्मियों ने बताया कि आदम खोर बाघ को पकड़ने के लिये लोगो के सहयोग से दोनों महावतों अयूब और मेहताब ने कड़ी मशक्कत के बाद सूर्यास्त से पहले कांम्बिंग की। रेंजर नरेशपाल सिंह ने बताया कि बारिश के थमने के पश्चात ही आदमखोर बाघ को हाथियों के द्वारा कांम्बिंग कराकर शीघ्र ही बाघ को ट्रैंकुलाइज किया जायेगा।

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