रायबरेली: मृतक के नाम खनन के अनुमति पत्र पर कर दी संस्तुति, लेखपाल निलंबित
ऊंचाहार/रायबरेली, अमृत विचार। गंगा एक्सप्रेस वे में मिट्टी खनन के लिए सारे नियम कानून ताक पर रख दिए गए हैं। बिना अनुमति लिए बड़े पैमाने पर खनन किया गया है, अनुमति पत्र भी मनमाने तरीके से बनाया गया, जिसका एक मामला उजागर हुआ है, जिसमें मृतक के नाम खनन के अनुमति पत्र पर लेखपाल ने संस्तुति रिपोर्ट लगा दी। इसमें अब एसडीएम ने लेखपाल को निलंबित कर दिया है।
ज्ञात हो कि निर्माणाधीन गंगा एक्सप्रेस वे के ठेकेदारों ने मिट्टी खनन में सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों से मिलकर खूब मनमानी की है। एक ठेकेदार ने लेखपाल से मिलकर मृत किसान की भूमि में मिट्टी खनन का अनुमति पत्र बनवा डाला। मामला गैर आबाद गांव शाहाबाद का है।
गंगा एक्सप्रेस वे का निर्माण करा रही एक कंस्ट्रक्शन कंपनी के ठेकेदार ने क्षेत्र के गैर आबाद गाँव शाहाबाद में कमोली गाँव निवासी रमेश व उनके मृतक भाई भूपेंद्र सिंह के नाम मिट्टी खनन के लिए अनुमति पत्र का आवेदन किया था। जिसमें भूपेंद्र सिंह के मृतक होने के बावजूद भी क्षेत्रीय लेखपाल आलोक अवस्थी ने 16 करोड़ 64 लाख 62 हजार घन मीटर मिट्टी खनन संस्तुति की रिपोर्ट लगा दी।
एसडीएम सिदार्थ चौधरी द्वारा खतौनी का मिलान कराने पर लेखपाल की करतूत सामने आ गई।जिसके बाद एसडीएम ने तहसीलदार से जांच कर आख्या रिपोर्ट मांगी।जांच में हेराफेरी मिलने पर एसडीएम ने लेखपाल को निलंबित कर दिया।
एसडीएम ने बताया कि गलत रिपोर्ट लगाने के मामले में लेखपाल को निलंबित कर नायब तहसीलदार को जांच दी गई है।
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