प्रश्नपत्र लीक कराने में शामिल पूर्व प्रधानाचार्य गिरफ्तार

पारुल सोलोमन प्रयागराज स्थित विशप जानसन इंटर कॉलेज की पूर्व प्रधानाचार्य रही हैं

प्रश्नपत्र लीक कराने में शामिल पूर्व प्रधानाचार्य गिरफ्तार

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। वर्ष 2023 में हुई आरओ-एआरओ परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक कराने के आरोप में पुलिस ने प्रयागराज के विशप जानसन गर्ल्स स्कूल एंड कॉलेज की पूर्व प्रधानाचार्य को गिरफ्तार किया है। एसटीएफ ने यह गिरफ्तारी इसी कॉलेज से 04 अप्रैल को गिरफ्तार एक आरोपी की शिनाख्त के बाद की है। एसटीएफ ने पूर्व प्रधानाचार्य से पूछताछ शुरू कर दी है।

विशप जानसन गर्ल्स स्कूल एंड कॉलेज की पूर्व प्रधानाचार्य पारुल सोलोमन को एसटीएफ ने गुरुवार को गिरफ्तार किया है। एसटीएफ अधिकारियों ने बताया कि अर्पित विनीत यशवंत नामक व्यक्ति इसी कॉलेज में कार्मिक था, जिसको प्रश्नपत्र लीक कराने के आरोप में 04 अप्रैल को गिरफ्तार किया गया था।  इस दौरान जब उससे पूछताछ शुरू की गई तब पता चला कि उसकी नियोक्ता एवं तत्कालीन प्रधानाचार्य पारुल सोलोमन के इशारे पर वह प्रश्नपत्र लीक कराने में मदद कर रहा था। बतादें कि एसटीएफ ने पारुल सोलोमन की गिरफ्तारी एसटीएफ कार्यालय में ही पूछताछ के दौरान की है।

स्कूल से धक्का देकर था निकला

पारुल सोलोमन डॉयोसिस ऑफ लखनऊ के पूर्व बिशप पीटर बलदेव की बेटी हैं। पारुल सोलोमन कुछ दिनों पहले विवादों में आईं थी। यह मामला उस वक्त का है, जब डॉयोसिस ऑफ लखनऊ के बिशप मॉरिस एडगर दान और उसके साथ के लोगों ने ताला तोड़कर कॉलेज पर कब्जा किया था। जिसका वीडियो वायरल होने के बाद बिशप समेत अन्य पर केस दर्ज किया गया था। यहां मामला बीते 2 जुलाई का है। जब पारुल सोलोमन कॉलेज के अपने केबिन में बाहर से ताला लगवाकर ऑफिस में बैठी थीं, उस दौरान बिशप और उनके लोग कॉलेज में घुसकर ऑफिस का दरवाजा हथौड़ी से तोड़ दिया था। पारुल का मोबाइल छीन लिया था। उस दौरान करीब आधे घंटे तक हंगामा चला। आखिरी में आरोपियों ने पारुल को धक्का देकर आफिस से बाहर निकाल दिया था। 3 जुलाई को प्रिंसिपल की शिकायत पर कर्नलगंज थाने में बिशप मॉरिस एडगर दान समेत 10-12 लोगों पर केस किया किया गया था। 

 यूपी एसटी एफ को मिली थी जांच

आर-एआरओ का एग्जाम 11 फरवरी 2024 को हुआ था। इसका नोटिफिकेशन 2023 में जारी किया गया था। इसके बाद यूपी एसटीएफ को पेपर लीक की जांच सौंपी गई। इस परीक्षा के शुरू होने से पहले ही पेपर सोशल मीडिया पर वायरल होने की शिकायत हुई थी। इसके बाद इस परीक्षा को रद्द कर दिया गया था और यूपी एसटीएफ को इसकी जांच सौंपी गई थी। एसटीएफ के जारी बयान के के अनुसार, पेपर 11 फरवरी की सुबह प्रयागराज के परीक्षा केंद्र बिशप जॉन्सन गर्ल्स स्कूल एण्ड कॉलेज से लीक हुआ था। इसके साथ ही जांच में ये यह बात सामने आई थी कि पेपर परीक्षा केंद्र के अलावा कहीं और से भी लीक हो सकता है। इसके बाद टीम प्रिंटिंग प्रेस की जानकारी जुटाने में लग गयी।  जिसके बाद भोपाल की एक प्रिटिंग प्रेस का नाम सामने आया था।  

एसटीएफ की जांच में कै नाम के खुलासे

इंजीनियरिंग कॉलेज के स्टूडेंट्स पेपर लीक मास्टरमाइंड एसटी एफ की जांच में सामने आया था कि राजीव नयन मिश्रा, सुभाष प्रकाश, विशाल दुबे और सुनील रघुवंशी (प्रिटिंग प्रेस कर्मचारी) अलग-अलग प्राइवेट इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़े थे। विशाल को जब पता चला कि उसके साथ का पढ़ा हुआ सुनील रघुवंशी प्रिटिंग प्रेस में नौकरी करता है, तो यह बात विशाल दुबे ने मास्टरमाइंड राजीव नयन मिश्रा उर्फ राहुल और सुभाष प्रकाश को बताई थी। विशाल दुबे ने सुनील रघुवंशी को पैसे का लालच देते यूपी में होने वाले किसी भी परीक्षा के क्वेश्चन पेपर छपने पर उसे बताने को कहा। पैसे के लालच में सुनील रघुवंशी तैयार हो गया और उसने प्रिटिंग प्रेस में एक क्वेश्चन पेपर छपने की बात उसको बता दी। राजीव नयन मिश्रा, विशाल दुबे और सुभाष प्रकाश ने इस प्रश्न पत्र को आउट कराने के लिए सुनील रघुवंशी को तैयार कर लिया। 3 फरवरी 2024 को सुनील मौका देखकर प्रिटिंग प्रेस मशीन के एक पार्ट को बाहर ठीक कराने के नाम पर अपने पीने के पानी के बोतल के साथ लेकर प्रेस से आ गया। इन्हीं में क्वेश्चन पेपर छुपाकर बाहर लाया था।

1 लाख से ज्यादा कैंडिडेट्स हुए थे शामिल RO के 334 और ARO के 77 कुल 411 पोस्ट के लिए 12 फरवरी 2024 को यूपी के 58 जिलों में 2387 सेंटर्स पर एग्जाम हुआ था। इस एग्जाम के लिए 10 लाख 76 हजार कैंडिडेट्स ने अप्लाई किया था, जिसमें से लगभग 64% कैंडिडेट्स ने एग्जाम दिया था। दावा किया गया था कि इस एग्जाम के पहले ही इसके जवाब वॉट्सऐप पर वायरल हो गए थे।  इंजीनियरिंग कॉलेज के स्टूडेंट्स पेपर लीक मास्टरमाइंड STF इंवेस्टिगेशन में सामने आया था कि राजीव नयन मिश्रा, सुभाष प्रकाश, विशाल दुबे और सुनील रघुवंशी (प्रिटिंग प्रेस कर्मचारी) अलग-अलग प्राइवेट इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़े थे। विशाल को जब पता चला कि उसके साथ का पढ़ा हुआ सुनील रघुवंशी प्रिटिंग प्रेस में नौकरी करता है, तो यह बात विशाल दुबे ने मास्टरमाइंड राजीव नयन मिश्रा उर्फ राहुल और सुभाष प्रकाश को बताई।