Kannauj: वार्डन की संविदा खत्म, 16 साल की यादें लेकर हुईं विदा, बिलख-बिलख कर रोईं छात्राएं, शिक्षिकाएं भी हुईं भावुक

Kannauj: वार्डन की संविदा खत्म, 16 साल की यादें लेकर हुईं विदा, बिलख-बिलख कर रोईं छात्राएं, शिक्षिकाएं भी हुईं भावुक

कन्नौज, अमृत विचार। स्थान- कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय मित्रसेनपुर। दूरी- जिला मुख्यालय से करीब आठ किलोमीटर। तारीख- 23 सितंबर व समय शाम साढ़े सात बजे। स्कूल परिसर में महिलाओं व बालिकाओं की जोर-जोर से रोने की आवाजें आ रहीं हैं। शोर सुनकर गांव के कुछ लोग भी मौके पर पहुंच जाते हैं। गमगीन माहौल देखकर ग्रामीण भी भावुक हो जाते हैं। 

दरअसल, जिले के चार बालिका आवासीय विद्यालयों के नौ शिक्षक-शिक्षिकाओं की संविदा 16 सितंबर को समाप्त हो गई थी। 2020 में आए नए शासनादेश की वजह से इन लोगों का नवीनीकरण नहीं हुआ। नवीनीकरण न होने के चलते ज्यादातर लोगों ने पहले ही स्कूल छोड़ दिया। 

मित्रसेनपुर में वार्डन रहीं रश्मि मिश्रा जब सोमवार को रात में स्कूल छोड़कर गईं तो वहां की छात्राएं चिपटकर रोने लगीं। अन्य शिक्षिकाएं भी भावुक हो गईं। जब रश्मि मिश्रा गाड़ी में बैठने लगीं तो छात्राएं वहां भी पहुंचीं और खूब रोईं। निवर्तमान वार्डन भी छात्राओं को देखकर भावुक हो गईं। 

उन्होंने बताया करीब 16 साल की यादें उनके साथ जा रहीं हैं। स्कूल परिवार की तरह था। यहां बहुत कुछ सीखने को मिला। दूसरी ओर इसी विद्यालय में अंशकालिक शिक्षक रहे प्रदीप औदिच्य भी पहले जा चुके हैं। वरिष्ठ पूर्ण कालिक शिक्षिका मंजूलता पाल को वार्डन का चार्ज दिया गया है। 

छात्राओं की तबियत बिगड़ी, घर गईं

ब्लॉक सदर कन्नौज क्षेत्र के गांव बहादुरपुर उज्जैना निवासी छात्रा साक्षी यादव व साक्षी भदौरिया की सोमवार की शाम ही तबियत बिगड़ गई। उनके परिजन विद्यालय आए और घर ले गए। छात्रा अल्का, राधा व प्रिया ने बताया कि वार्डन के घर जाने का गम सभी को है।

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