पहली बार प्राचीन रामलीला में संत निभाएंगे पात्रों का किरदार : फिल्मी रामलीला को अमर्यादित बताते हुए किया ऐलान, लाइव प्रसारण भी होगा 

पहली बार प्राचीन रामलीला में संत निभाएंगे पात्रों का किरदार : फिल्मी रामलीला को अमर्यादित बताते हुए किया ऐलान, लाइव प्रसारण भी होगा 

अयोध्या, अमृत विचार : रामनगरी के भगवताचार्य स्मारक सदन में परंपरागत रूप से 30 सितंबर से प्रारंभ हो रही प्राचीन रामलीला में पहली बार संत भी पात्रों का किरदार निभाएंगे। फिल्मी रामलीला को अमर्यादित बताते हुए संतों ने इसका ऐलान किया है। इसका प्रसारण आस्था और संस्कार चैनल पर लाइव होगा। 

संत श्री तुलसीदास रामलीला समिति के द्वारा रामलीला के आयोजन को लेकर संतों की बैठक सम्पन्न हुई, जिसमें रामायण के प्रसंग पर अयोध्या के ही कलाकारों के द्वारा 30 सितंबर से लेकर 14 अक्टूबर को श्री राम राज्याभिषेक तक का कार्यक्रम संपन्न किया जाएगा। 
इस वर्ष होने वाली रामलीला में रोजाना कोई न कोई संत रामलीला में किसी न किसी पात्र में नजर आएंगे। रामलीला न्यास के कोषाध्यक्ष महंत अवधेश दास ने कहा कि अयोध्या में फिल्मी रामलीला होती है, जिसमें फिल्मी कलाकार रामलीला करते  हैं। यह रामलीला अमर्यादित है।

अयोध्या की धरती पर मर्यादित रामलीला का मंचन किया जाना चाहिए। वहीं महंत राघवाचार्य ने कहा कि प्रभु राम की लीला सनातन धर्म और हिंदुओं की परंपरा संस्कृति से अनुसार किया जाना चाहिए है। इसमें निभाने वाले पात्र भी उसके अनुरूप रहें। इस दौरान निवाड़ी अनी अखाड़ा के महंत मुरली दास, महंत जन्मेजय शरण, पुजारी हेमंत दास, संकट मोचन सेवा के राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत संजय दास, राम लखन दास नागा समेत अन्य लोग मौजूद रहे।

संतों की चेतावनी मर्यादा में हो रामलीला 

अयोध्या में फ़िल्मी सितारों की रामलीला के मंचन को लेकर अयोध्या के साधु-संतों में नाराजगी है। संतों का आरोप है कि किरदार निभाने वाले कलाकारों के मन में किसी प्रकार का भाव नहीं दिखाई देता। हालांकि इस रामलीला के आयोजन को लेकर विरोध नहीं कर रहे, लेकिन लीला का मंचन मर्यादा के अनुकूल होना चाहिए। वहीं संकट मोचन सेवा के राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत संजय दास ने चेतावनी भी दी है कि आमर्यादित रामलीला का मंचन किया गया तो अंजाम भुगतना पड़ेगा। 

30 सितंबर को नारद मोह, रावण जन्म 
1 अक्टूबर को श्री राम जन्म, मुनि आगमन
2 अक्टूबर को फुलवारी लीला, नगर दर्शन
3 अक्टूबर को धनुष यज्ञ, परशुराम लक्ष्मण संवाद
4 अक्टूबर को सीताराम विवाह महोत्सव, श्री राम कलेवा
5 अक्टूबर को कैकेई कोप भवन, वन गमन लीला 
6 अक्टूबर को निषाद मिलन, दशरथ मरण, चित्रकूट
7 अक्टूबर को नककटैया, सीता हरण, सुग्रीव मिताई 
8 अक्टूबर को बालि वध, लंका दहन
9 अक्टूबर को विभीषण शरणागति, सेतुबंध 
10 अक्टूबर को अंगद रावण संवाद, लक्ष्मण शक्ति
11 अक्टूबर को कुंभकर्ण, मेघनाथ वध, सुलोचना सती 
12 अक्टूबर को अहिरावण वध, रावण वध 
13 अक्टूबर को भारत मिलाप- भव्य शोभायात्रा 
14 अक्टूबर को श्री राम राज्याभिषेक, बंदर विदाई

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