पीलीभीत: चांदडांडी घोटाले में ग्राम प्रधान व तीन सचिव समेत छह से होगी 1.57 लाख की रिकवरी

दोषियों के खिलाफ प्रतिकूल प्रविष्टि देने के निर्देश

पीलीभीत: चांदडांडी घोटाले में ग्राम प्रधान व तीन सचिव समेत छह से होगी 1.57 लाख की रिकवरी

पीलीभीत, अमृत विचार। ग्राम पंचायत चांदडांडी में हुए घोटाले की अंतिम जांच पूरी कर ली गई। जांच के बाद डीएम ने दोषी ग्राम प्रधान समेत तीन तत्कालीन सचिवों समेत छह कर्मचारियों से 1.57 लाख की रिकवरी करने के आदेश दिए हैं। वहीं डीएम ने कठोर चेतावनी के साथ सात माह से सीज चल रहे ग्राम प्रधान के वित्तीय एवं प्रशासनिक अधिकार बहाल कर दिए। इस मामले में दोषी पाए गए तीन तत्कालीन सचिवों समेत एडीओ सांख्यकी को प्रतिकूल प्रविष्टि देने के भी निर्देश दिए हैं।

ललौरीखेड़ा ब्लॉक की ग्राम पंचायत चांदडांडी के ग्रामीणों ने गत वर्ष ग्राम प्रधान पर आवास के नाम पर 10-10 हजार रुपये वसूलने एवं मनरेगा व ग्राम निधि से कराए गए कार्यों की जांच कराने की मांग की थी। तत्कालीन डीएम के निर्देश पर जांच अधिकारी नामित हुए जिला प्रशिक्षण अधिकारी एवं शारदा सागर खंड के अधिशासी अभियंता ने गांव पहुंचकर शिकायत की प्रारंभिक जांच की थी। जांच रिपोर्ट के आधार पर प्रथम दृष्टया दोषी पाए गए ग्राम प्रधान, सचिव, रोजगार सेवक और तकनीकी सहायक को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। जवाब संतोषजनक न होने पर डीएम संजय कुमार सिंह ने 10 मई को ग्राम प्रधान महेंद्र पाल के प्रशासनिक एवं वित्तीय अधिकार सीज कर दिए थे। साथ ही प्रकरण की अंतिम जांच के लिए उप निदेशक कृषि एवं पीडब्ल्यूडी के अधिशासी अभियंता को जांच अधिकारी नामित करते हुए जांच करने के निर्देश दिए थे। अंतिम जांच पूरी करते हुए जांच अधिकारियों ने रिपोर्ट 20 सितंबर को डीएम को सौंप दी। अंतिम जांच में ग्राम निधि से 16,500 रुपये निकालकर ग्राम प्रधान द्वारा अपने व्यक्तिगत खाते में मजदूरों की मजदूरी का भुगतान लेना पाया गया। इस मामले में डीएम ने दोषी ग्राम प्रधान एवं ग्राम पंचायत अधिकारी वीरेंद्र कुमार से 8250-8250 रुपये की रिकवरी कर ग्राम निधि खाते में जमा करने के निर्देश दिए।  इसके अलावा ग्राम पंचायत में मनरेगा के तहत नाली खुदाई कार्य में 1,40556 रुपये का दुरुपयोग पाया गया। इस मामले में डीएम ने दोषी ग्राम प्रधान महेंद्र पाल, तत्कालीन ग्राम पंचायत अधिकारी/एडीओ पंचायत अमरिया अतुल पाठक, तत्कालीन ग्राम विकास अधिकारी राधेश्याम, रोजगार सेवक व्रजेश कुमार एवं तकनीकी सहायक मोहम्मद कय्यूम से दुरुपयोगित धनराशि के 20-20 प्रतिशत के हिसाब से प्रत्येक से 28111 रुपये की रिकवरी किए जाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही डीएम ने ग्राम प्रधान के सीज अधिकार इस कठोर चेतावनी के साथ बहाल कर दिए कि ग्राम प्रधान दुरुपयोगित धनराशि तत्काल खातों में जमा कर देंगें।

चार को थमाई जाएगी प्रतिकूल प्रविष्टि
प्रकरण की अंतिम जांच के बाद डीएम ने पांच कर्मचारियों को प्रतिकूल प्रविष्टि एवं रोजगार सेवक और तकनीकी सहायक को कठोर चेतावनी जारी करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने अनियमितता करने के दोषी गए ग्राम पंचायत अधिकारी वीरेंद्र कुमार, तत्कालीन ग्राम पंचायत अधिकारी/एडीओ पंचायत अमरिया अतुल पाठक, तत्कालीन ग्राम विकास अधिकारी राधेश्याम एवं एडीओ सांख्यिकी आभाष कुमार को प्रतिकूल प्रविष्टि जारी करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही सोलर लाइट खरीद में नियमों का पालन न करने पर ग्राम पंचायत अधिकारी अखिलेश गुप्ता को भी विशेष प्रतिकूल प्रविष्टि जारी करने के निर्देश दिए गए हैं।

जानिए क्या बोले जिला पंचायत राज अधिकारी
जिला पंचायत राज अधिकारी सतीश कुमार ने बताया कि ग्राम पंचायत चांदडांडी की अंतिम जांच में वित्तीय अनियमितता सिद्ध होने पर जिलाधिकारी द्वारा कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। इसमें दोषी पाए गए ग्राम प्रधान समेत अन्य कर्मचारियों से दुरुपयोगित धनराशि की रिकवरी की जाएगी। दोषी कर्मचारियों को प्रतिकूल प्रविष्टि जारी की जा रही है।

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