बाराबंकी : सनातन धर्म में ऊंच-नीच, जाति वर्ग की जगह नहीं: चम्पत राय

भगवान लक्ष्मी नारायण मंदिर के वार्षिकोत्सव समारोह में बोले श्री रामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव 

बाराबंकी : सनातन धर्म में ऊंच-नीच, जाति वर्ग की जगह नहीं: चम्पत राय

बाराबंकी, अमृत विचार । सनातन धर्म मे छुआ छूत,ऊंच नीच व जाति-वर्ग की कोई जगह नही है भगवान श्रीराम ने सबरी , हनुमान , जटायू सरीखे लोगों को अपने गले लगाकर सनातन संस्कृति को मजबूती प्रदान किया इसी नाते वे मर्यादा पुरुषोत्तम कहलाये और उनकी पूजा समूचे विश्व मे होती है।

यह बात बुधवार को  देवा क्षेत्र के बरेठी स्थित नारायण सेवा संस्थान में भगवान लक्ष्मी नारायण मंदिर का वार्षिक उत्सव समारोह के मुूख्य अतिथि रहे श्री रामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चम्पत राय ने कही। उन्होंने समारोह में मौजूद लोगो का आवाहन करते हुए कहा कि हम सब को संयुक्त रूप से अशिक्षा को दूर करने व स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन उपलब्ध करवाने का प्रयत्न करना होगा। वहीं श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के राष्ट्रीय महासचिव अनिल मिश्र ने कहा कि, नारायण सेवा संस्थान द्वारा समाज के उत्थान के लिए चलाये जा रहे बहुआयामी प्रकल्प समाज को मजबूत करने का प्रभावी उपक्रम बनेगा।

हम सब का दायित्व बनता है कि , नारायण सेवा संस्थान के द्वारा संचालित प्रकल्प संचालन में प्रभावी भूमिका तय करें। संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रभु नारायण ने सेवा संस्थान द्वारा चलाये जा रहे समाज उत्थान में बहुउपयोगी प्रकल्पों के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि स्थानीय बच्चों को निःशुल्क शिक्षण प्रशिक्षण व्यवस्था बालिकाओं महिलाओं को विभिन्न आयामों में दक्षता प्रदान करने का कार्य किया जा रहा है। आयोजित समारोह में मालवीय मिशन अध्यक्ष (अवध) संजीव श्रीवास्तव, समाजसेवी वरिष्ठ अधिवक्ता केडी सिंह, भाजपा जिला महामंत्री संदीप गुप्ता, सेवा प्रमुख अवध क्षेत्र देवेंद्र अस्थाना समेत भारी संख्या में लोग उपस्थित रहे।

रामलला का भोग और प्रसाद शुद्ध

चम्पत राय ने कहा कि प्रभु श्रीराम की नगरी अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण कार्य जारी है। फरवरी या मार्च 2025 तक तक राम मंदिर का मुख्य शिखर बनकर तैयार हो जाएगा। उन्होंने मंदिर में भगवान को चढ़ने वाले भोग और प्रसाद को लेकर चल रही तरह तरह की बहस को लेकर कहा कि राम जन्मभूमि का प्रसाद इलायची दाने का है। उसमें घी, दूध या खोये का प्रयोग ही नहीं होता। भोग और प्रसाद में किसी तरह की अशुद्धि की आशंका नहीं रहती। बाकी जांच करने का काम प्रशासन का है। फूड इंस्पेक्टर को समय समय पर जांच करना ही चाहिये।