मांगा मृत्यु प्रमाण पत्र, करा दी गांव में सफाई और हो गया निस्तारण...कन्नौज में IGRS पर पीड़ितों की शिकायतों के निस्तारण में घोर मनमानी

ब्लॉक की रिपोर्ट सही मानते हुए कलेक्ट्रेट से हो गया मामला स्पेशल क्लोज

मांगा मृत्यु प्रमाण पत्र, करा दी गांव में सफाई और हो गया निस्तारण...कन्नौज में IGRS पर पीड़ितों की शिकायतों के निस्तारण में घोर मनमानी

कन्नौज, (अजय मिश्र)। आईजीआरएस पर पीड़ितों की शिकायतों के निस्तारण में जिले में अंधेर हो रहा है। एक ओर अधिकारी व कर्मी मनमानी रिपोर्ट लगाकर गलत तरीके से निस्तारण करते है तो डीएम स्तर से उसी गलत आख्या में स्पेशल क्लोज कर निस्तारित कर दिया जाता है।

जिससे फरियादी दोबारा फीड बैक देने लायक भी नहीं बचता है। ऐसा ही एक मामला सामने आया है। इसमें युवक ने दादी का मृत्यु प्रमाण पत्र मांगा लेकिन गांव में सफाई कराने की रिपोर्ट लगाकर उसे निस्तारित कर दिया गया। 

मामला तहसील सदर कन्नौज क्षेत्र की ग्राम पंचायत जलालाबाद का है। गांव निवासी एकांश त्रिपाठी (विकास) ने बताया कि चार नवंबर 2016 को दादी शारदा देवी पत्नी शिव स्वरूप त्रिपाठी का निधन हो गया था। एकांश के पिता सुबोध त्रिपाठी और बाबा शिव स्वरूप त्रिपाठी का पूर्व में ही निधन हो चुका है। एकांश ने दादी का मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के लिए आईजीआरएस व सीएम हेल्पलाइन से मांग की। 

आरोप लगाया कि प्रधान मीना देवी व सचिव प्रमोद यादव की ओर से मृत्यु प्रमाण नहीं बनाया जा रहा है। शिकायत संदर्भ संख्या 92416000009600 दर्ज हो जाने के बाद कर्मियों व अफसरों ने अपना खेल शुरू कर दिया। 25 मई को शिकायत डीपीआरओ को अग्रसारित कर दी गई। इस शिकायत के निस्तारण का समय नौ जून तक था। 

मामला प्रमाण पत्र मांगे जाने का था लेकिन पांच जून को ब्लॉक स्तर से आख्या लगा दी गई कि गांव में सफाई करा दी गई है। प्रकरण निस्तारित किया जाता है। एकांश त्रिपाठी ने 14 जून को फीड बैक दिया कि उसे अब तक दादी का मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं मिला है। गलत रिपोर्ट लगाकर शिकायत का निस्तारण किया गया है। अधिकारियों की कार्रवाई से वह असंतुष्ट है कृपया पुन: जांच कर समस्या का समाधान किया जाए।   

मामला जलालाबाद का, उमर्दा ने कैसे लगाई रिपोर्ट

खास बात यह है कि मृत्यु प्रमाण पत्र का मामला ब्लॉक जलालाबाद का लेकिन शिकायत निस्तारण में जो रिपोर्ट लगाई गई है वह ब्लॉक उमर्दा की है। कहा जा रहा है कि संबंधित विकास खंड क्षेत्र से ही आख्या अपलोड होती है तो दूसरे ब्लॉक की रिपोर्ट कैसे लग गई। इतना ही नहीं जब फरियादी के फीडबैक के बाद प्रकरण कलेक्ट्रेट पहुंचा तो वहां भी पंचायती राज विभाग के कर्मियों की रिपोर्ट को सही मानते हुए उसमें स्पेशल क्लोज रिपोर्ट लगा दी गई। 

यह लगाई गई है प्रभारी एडीओ पंचायत ने आख्या

पांच जून को प्रभारी सहायक विकास अधिकारी पंचायत उमर्दा ने आख्या में बताया कि मौके पर सफाईकर्मी को भेजकर पुन: सफाई कार्य करा दिया गया है। कृपया शिकायत का निस्तारण करें, उसके बाद उसे निस्तारण कर दिया गया। 14 जून को असंतुष्ट फीड बैक के बाद उसे डीएम के पास भेजा गया। 17 जून को रिपोर्ट फिर लगाई गई कि उक्त ग्राम में मौके पर सफाईकर्मी को भेजकर फिर से सफाई करा दी गई है। इसको स्पेशल क्लोज निस्तारित कर दिया गया। 

जानिए क्या है स्पेशल क्लोज रिपोर्ट

जब कोई अधिकारी शिकायत निस्तारण में स्पेशल क्लोज रिपोर्ट लगा दी जाती है तो उसके बाद फरियादी अपना फीडबैक नहीं दे सकता। मामला वहीं समाप्त कर दिया जाता है। भले ही इसमें सरकारी महकमे की ही गलती क्यों न हो। चर्चा है कि इसी वजह से शिकायतों के निस्तारण में सीएम डैशबोर्ड में जिले की रैंक खराब आती है। हालांकि कभी-कभी अधिकारी बेहतर तरीके से निस्तारण करने का दावा करते हुए अपनी पीठ जरूर थपथपा लेते है।

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