रणनीतिक लक्ष्य की ओर

 रणनीतिक लक्ष्य की ओर

भारत न केवल पांचवीं सबसे बड़ी बल्कि दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था भी है। चूंकि देश के पास अपने तेल और गैस संसाधन नहीं हैं, इसलिए भारत के तेज विकास के लिए जरूरी है कि सौर, पवन, परमाणु और जल विद्युत के बल पर 2047 तक विकसित देश बनाने की दिशा में आगे बढ़ा जाए। देश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करके ही भारत अक्षय ऊर्जा में वैश्विक नेता बन सकता है। इसके लिए सरकार पूरी प्रतिबद्धता के साथ लगी हुई है। सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गांधीनगर में चौथे ग्लोबल री-इन्वेस्ट रिन्यूएबल एनर्जी इन्वेस्टर्स मीट का उद्घाटन किया।

उन्होंने कहा कि भारत की विविधता, पैमाने, क्षमता, संभावना और प्रदर्शन सभी अद्वितीय हैं। आयोजन के मिशन से साफ है कि भारत 2030 तक अपनी अक्षय ऊर्जा क्षमता का उल्लेखनीय विस्तार करने के रणनीतिक लक्ष्य की ओर तेजी से बढ़ रहा है। सरकार ने अपने तीसरे कार्यकाल के पहले 100 दिनों में देश की तेज प्रगति के लिए हर क्षेत्र और कारक पर ध्यान देने की कोशिश की है। भारत में ऐसे 17 शहरों की पहचान हुई  है जिन्हें सोलर सिटी के तौर पर विकसित किया जाएगा। कृषि क्षेत्र में  किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए  सौर उर्जा उत्पादन का माध्यम बना रहे हैं।

स्थापित अक्षय ऊर्जा क्षमता में वैश्विक रूप से चौथे सबसे बड़े देश के रूप में, भारत का लक्ष्य वैश्विक ऊर्जा संक्रमण में अपने नेतृत्व को और मजबूत करना है। सरकार ने शुरुआती 100 दिनों में ग्रीन एनर्जी से जुड़े कई फैसले लिए। भारत 31 हजार मेगावाट हाइड्रोपावर जनरेट करने के लिए भी काम कर रहा है। इसके लिए 12 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा स्वीकृत किए जा चुके हैं। रेलवे नेटवर्क बढ़ाने की दिशा में भी  पिछले 100 दिनों में 15 से ज्यादा सेमी हाईस्पीड वंदे भारत एक्सप्रेस लांच किए गए। ऐसा  रेलवे नेटवर्क को विस्तार देने के लिए किया है।

पहली बार है जब कोई हाई प्रोफाइल इवेंट राजधानी दिल्ली से बाहर हो रही है। महत्वपूर्ण है कि बैंकों और वित्तीय संस्थानों ने हरित परियोजनाओं में 32.45 लाख करोड़ रुपये के वित्तपोषण की प्रतिबद्धता जताई है। इसके अलावा अदाणी समूह ने नवीकरणीय ऊर्जा में 4.05 लाख करोड़ रुपये निवेश करने का वादा किया है। इन निवेश से 70 हजार से अिधक लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है। सरकार का 12 नए औद्योगिक शहर निर्माण करने का फैसला रोजगार बढ़ाने की दिशा में अहम साबित होगा। इससे भारतीय अर्थव्यवस्था को अधिक मजबूती मिलेगी।