बाराबंकी: थमे सरयू नदी के कदम पर तराई में दुश्वारियां अपार, अभी भी खतरे के निशान से 79 सेमी ऊपर जलस्तर

कहीं तटबंध तो कहीं बाढ़ के पानी में गुजर रही रातें, नाव पर बैठकर बाढ़ ग्रस्त गांवों तक गए एडीएम

बाराबंकी: थमे सरयू नदी के कदम पर तराई में दुश्वारियां अपार, अभी भी खतरे के निशान से 79 सेमी ऊपर जलस्तर

रामनगर/सूरतगंज/सिरौलीगौसपुर/बाराबंकी, अमृत विचार। खतरे के निशान से 88 सेमी ऊपर जाकर ठहरी सरयू नदी का जलस्तर अभी भी 79 सेमी पर रुका हुआ है। गांवों में तेजी से फैले बाढ़ के पानी ने दर्जनों गांव व खेतों को जलमग्न कर रखा है। संपर्क व मुख्य मार्ग पानी में डूबे हुए हैं और तमाम ग्रामीणों की रात बाढ़ के पानी में ही गुजर रही। तटबंध पर ठहरे सैकड़ों ग्रामीणों को अब बस मदद का ही सहारा है। मवेशी चारे के लिए परेशान हैं तो घर गृहस्थी पानी में डूब जाने से ग्रामीण खासे चिंतित हैं। सोमवार को जिले के आला अफसरों ने तराई क्षेत्र पहुंचकर हालात का जायजा लिया, वहीं पीड़ितों में लंच पैकेट वितरित कराए। 

नेपाल के गिरजा व बनबसा बैराज से छोड़े गए पानी ने तराई के हालात बदल दिए हैं। सरयू नदी का जलस्तर सोमवार भले ही खतरे के निशान से 79 सेंटीमीटर ऊपर रहा पर अचानक आई बाढ़ के कारण तराई क्षेत्र में बसे लोगों का जीवन अस्त व्यस्त हो गया है। तलहटी में बसे दर्जनों गाँव पानी से घिर गए हैं। सैकड़ो एकड़ खेतों में खड़ी फसले जलमग्न हो गयी है। जिससे किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खिंच गयी हैं। नदी की तलहटी में बसे कई गांव के घरों में पानी प्रवेश हो गया है जहाँ के लोगो ने पलायन कर ऊंचे स्थानों पर शरण ली है। प्रशासन लगातार बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों पर नजर बनाए हुए हैं। 

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बाढ़ पीड़ितों को लंच पैकेट राशन किट तिरपाल, पिपिया का वितरण किया जा रहा है। रामनगर के तपेसिपाह कोरिनपुरवा सिसौडा बुधई पुरवा जैनपुरवा लहड़रा सहित दर्जनों गाँवो में पानी भरा है लोगों को आवागमन में भी दुश्वारियां का सामना करना पड़ रहा है। ग्राम दुर्गापुर का मुख्य मार्ग व प्राथमिक विद्यालय तथा पंचायत भवन में पानी भरा है। तहसीलदार भूपेंद्र विक्रम सिंह लगातार बाढ़ पीड़ितों से संवाद कर हर सम्भव मदद पहुंचाने में जुटे हुए है। बाढ़ खंड अधिशासी अभियंता शशिकांत सिंह ने बताया नदी का जलस्तर घट रहा है। 

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सिरौलीगौसपुर के प्रभावित गांवों में अपर जिलाधिकारी ने एसडीएम तहसीलदार के साथ नाव से बैठकर बाढ़ प्रभावित गांवों का स्थलीय निरीक्षण कर स्थिति का जायजा लिया। सोमवार को अपर जिलाधिकारी अरुण कुमार सिंह एसडीएम प्रीति सिंह तहसीलदार नरसिंह नरायण वर्मा के साथ बाढ़ प्रभावित क्षेत्र सनवा सिरौली गुंग आदि गांवों का निरीक्षण किया। एडीएम नाव से गांव पहुंचे जहां पर उन्होंने ग्रामीणों से उनकी समस्याएं जानी।एडीएम ने बाढ़ पीड़ितों में राहत सामग्री वितरण करने के निर्देश देते हुए कहा कि बाढ़ पीड़ितों को किसी प्रकार की समस्या ना हो। उनको समय से लंच की पैकेट वितरण करते रहें तथा सनावां बाढ़ चौकी सहित सभी बाढ़ राहत केंद्रों को भी अलर्ट किया।

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उन्होंने कहा कि जब तक बाढ़ है तब तक राजस्व कर्मी बाढ़ चौकी पर तैनात रहेंगे। एडीएम अरुण कुमार सिंह ने बांध पर रह रहे बाढ़ पीड़ितों से भी बातचीत की तथा बाढ़ राहत केंद्र से मिलने वाली राहत सामग्री के बारे में भी जानकारी लिया। सीएचसी अधीक्षक डाक्टर सन्तोष सिंह स्वास्थ्य कर्मियों एंव दवा एम्बुलेंस के साथ बाढ प्रभावित गांवों को पंहुच कर ग्रामीणों के स्वास्थ्य का परीक्षण कर दवायें दी।

कई गांव टापू, कई के अस्तित्व को खतरा
सूरतगंज, बाराबंकी। रामनगर तहसील के बाढ़ प्रभावित क्षेत्र कटान के कारण बबुरी गांव का अस्तित्व पूर्व में समाप्त हो चुका है। वहीं केदारीपुर गांव का, तिहारा हिस्सा पहले ही सरयू नदी में विलीन हो चुका। शेष घर को काट कर, नदी धीरे-धीरे बेलहरी गांव को समाप्त करने में जुटी है। बाढ़ ने चार दिनों में नदी ने कच्चे पक्के 41 घरों को अपने आगोश में ले लिया है। कटान की गति में प्रतिदिन इजाफा हो रहा। सरयू नदी के उफनाने के बाद बाबपुरवा, क्योलीपुरवा, उधिया, हेतमापुर, सरसंडा, बलाईपुरवा, पर्वतपुर, गायघाट, बिझला, अकौना एवं डिहुवा सहित एक दर्जन से अधिक गांव भी टापू बने हुए हैं। वहीं करीब तीन सौ परिवारों ने तटबंध पर शरण ले रखी है। पण्डितपुरवा गांव स्थित बाढ़ राहत केंद्र में तहसीलदार भूपेंद्र विक्रम सिंह की उपस्थित में छह सौ बाढ़ पीड़ितों को, और नदी के उस पार स्थित जमका में लेखपाल रवि प्रकाश ने छह सौ बाढ़ पीड़ित को राहत किट दी।

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