लखनऊ: डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के स्थापना दिवस पर बोले CM योगी, पांच वर्ष में खत्म होगी डॉक्टरों की कमी
पहली बार पीपीपी मोड पर मेडिकल कॉलेज का निर्माण करा रही सरकार: मुख्यमंत्री
लखनऊ, अमृत विचार। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि एक जिला एक मेडिकल की कॉलेज की दिशा में तेजी से काम हो रहा है। पहली बार केंद्र और राज्य सरकार पीपीपी मोड पर भी मेडिकल कॉलेज बनाने जा रही है। इससे अगले 5 से 7 वर्ष में डॉक्टरों की कमी नहीं रहेगी। सभी पीएचसी, सीएचसी को डॉक्टर मिलेंगे। इसके साथ ही आरएमएल, एसजीपीजीआई, केजीएमयू समेत अन्य संस्थानों को अच्छे विशेषज्ञ चिकित्सक मिलेंगे।
मुख्यमंत्री योगी शुक्रवार को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित डॉ. राममनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के चतुर्थ स्थापना दिवस समारोह में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। योगी ने वार्षिक रिपोर्ट का विमोचन और नवनिर्मित भवन का लोकार्पण भी किया। साथ ही कई प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर और प्रोफेसर जेआर को मेडल व सर्टिफिकेट प्रदान कर सम्मानित किया।
लखनऊ में डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के स्थापना दिवस समारोह में... https://t.co/Bjdg7omefR
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) September 13, 2024
मुख्यमंत्री ने कहा कि आरएमएल उत्तर भारत का गेटवे है। यह उपब्लधि ऐसे ही नहीं मिली है। इसके पीछे सकारात्मक सोच और टीमवर्क है। कहा कि पूर्वी उत्तर प्रदेश में इंसेफेलाइटिस को लेकर इस बार भी दो बार सर्वे कराया गया, जिसमें सामने आया कि एक भी बच्चे की मौत नहीं हुई है। यह सब बेहतर समन्वय और संवाद से हो पाया। आज इंसेफेलाइटिस को पूरी तरह से समाप्त कर दिया गया है, लेकिन अफसोस है कि अब तक इस पर कोई स्टडी पेपर नहीं लिखा गया, जबकि यह सफलता का मॉडल है। वहीं वर्ष 2020 में कोविड-19 महामारी आई तो टीम 11 का गठन कर काबू पाया गया। यह हमें इंसेफेलाइटिस के सफलतापूर्वक समाधान के बाद प्राप्त हुए अनुभव से संभव हुआ।
आज लखनऊ में डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के चतुर्थ स्थापना दिवस समारोह में सम्मिलित हुआ।
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इस अवसर पर चिकित्सा-शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले विभिन्न लोगों को सम्मानित किया गया। साथ ही, संस्थान के वार्षिक प्रतिवेदन की बुकलेट का विमोचन एवं विकास कार्यों… pic.twitter.com/rz7I3QVpz8
इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, राज्यमंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह, मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह, प्रमुख सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य, परिवार कल्याण और चिकित्सा शिक्षा पार्थ सारथी सेन शर्मा, संस्थान के निदेशक डॉ. सीएम सिंह, प्रो. अजय कुमार सिंह आदि उपस्थित थे।
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