कन्नौज: दुष्कर्म पीड़िता की बुआ की जमानत याचिका खारिज 

12 सितंबर को सुनवाई के बाद कोर्ट ने फैसला किया था सुरक्षित

कन्नौज: दुष्कर्म पीड़िता की बुआ की जमानत याचिका खारिज 

कन्नौज, अमृत विचार। पॉक्सो एक्ट कोर्ट में किशोरी से दुष्कर्म मामले की सहआरोपी पीड़िता की बुआ की जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया है। अधिवक्ताओं की ओर से पेश की गई दलीलों के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित कर लिया था।

किशोरी से दुष्कर्म कराने के सहयोग में पुलिस ने पीड़िता की बुआ को मामले में सहआरोपी बनाया था। पुलिस ने 21 अगस्त को उसे गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया था। इसके बाद मेडिकल कराकर 22 अगस्त को जेल भेज दिया था। इसके बाद उसके अधिवक्ता भूपेंद्र तोमर की ओर से पॉक्सो कोर्ट में जमानत याचिका दाखिल की गई। 12 सितंबर को सुनवाई हुई थी। पॉक्सो एक्ट न्यायाधीश अलका यादव ने फैसला सुरक्षित कर लिया था। शासकीय अधिवक्ता नवीन दुबे ने बताया कि सहआरोपी बुआ की जमानत याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दिया है। किशोरी से दुष्कर्म के मामले में उसकी भूमिका सदिग्ध मिली है। पर्याप्त सक्ष्यों के आधार पर कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी है।

यह था मामला

दरअसल, 11 अगस्त की रात चौधरी चंदन सिंह महाविद्यालय से वहां के अध्यक्ष व पूर्व ब्लाक प्रमुख नवाब सिंह यादव को पुलिस ने किशोरी से दुष्कर्म के आरोप में गिरफ्तार किया था। मामला हाई प्रोफाइल होने से शासन की तरफ से भी सख्ती थी तो प्रशासन ने भी इसका संज्ञान लिया था। 

आरोपी की गिरफ्तारी के बाद पीड़िता की बुआ ने घूम-घूमकर बयानबाजी करके नगर के कुछ सपा नेताओं के नाम इस कांड में ले डाले थे। फिर जब पीड़िता के दादा-दादी और माता-पिता आए तो केस का रुख ही बदल गया। माता ने अपनी ननद पर गंभीर आरोप लगाए तो पुलिस ने बुआ को भी सह आरोपी बना दिया। इसके बाद आरोपित बुआ फरार हो गई थी। पुलिस ने तमाम प्रयास के बाद उसे 21 अगस्त को गिरफ्तार कर लिया था। 

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