बरेली : खुद को बेकसूर बताने वाला जाफरी निकला क्रूर ठग

गरीब परिवारों के बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ कर करोड़ों कमाए, कॉलेज में ही बनाई जाती थीं फर्जी डिग्री और मार्कशीट

बरेली : खुद को बेकसूर बताने वाला जाफरी निकला क्रूर ठग

बरेली, अमृत विचार। तीन दिन पहले आईजी के सामने पुलिस की जांच पर सवाल खड़े कर पूरे परिवार के साथ आत्महत्या कर लेने की धमकी देने वाले शेर अली जाफरी की एसआईटी ने कुंडली खोली तो वह गरीब परिवारों के बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ करने वाला क्रूर ठग निकला। बड़ा खुलासा यह हुआ कि फर्जी मार्कशीट और डिग्री बनाने का पूरा सेटअप उसने अपने कॉलेज में ही बना रखा गया था। यहीं वह कानपुर के छत्रपति शाहू जी महाराज और रुड़की के मदरहुड विश्वविद्यालय के अलावा उड़ीसा, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के विश्वविद्यालयों के नाम की मार्कशीट और डिग्री बनाकर छात्रों को थमा देता था।

एसआईटी की छानबीन में पता चला है कि छात्रों से ठगी के इस खेल को अंजाम देने के लिए जाफरी के साथ पूरा गिरोह काम करता था। यह गिरोह कई साल से छात्रों के साथ ठगी कर रहा था। उम्मीद जताई जा रही है कि एसआईटी की जांच में ठगी के तमाम पुराने मामले भी सामने आ सकते हैं। यह भी साफ हुआ है कि शेर अली जाफरी की ओर से विद्यार्थियों से ऑनलाइन फीस लेने की मनाही थी। दबाव बनाया जाता था कि वे फीस का पैसा कैश में ही अदा करें। सिर्फ डी फार्मा के विद्यार्थियों से 3.69 करोड़ की ठगी की पुष्टि हुई है। कहा जा रहा है कि पुराने मामले खुलने के बाद विद्यार्थियों से ठगी गई रकम इससे कई गुना ज्यादा हो सकती है।

अब तक की जांच में यह भी पता चला है कि आस्था कंसल्टेंसी चलाने वाला विजय शर्मा ठगी के धंधे में जाफरी का प्रमुख सहयोगी है। शांति विहार निवासी विजय शर्मा की काफी सरगर्मी से तलाश की जा रही है। एसआईटी की अगुवाई कर रहे एसपी दक्षिणी के मुताबिक जाफरी के खेल का मास्टरमाइंड विजय शर्मा ही था। उम्मीद है कि विजय शर्मा की गिरफ्तारी के बाद ही जाफरी की पूरी कुंडली खुलेगी और इस फर्जीवाड़े में शामिल कई और चेहरे बेनकाब होंगे।

बरेली से लखनऊ तक नेताओं के काटे चक्कर
शेर अली जाफरी गिरफ्तारी के पहले बरेली से लखनऊ तक सत्ताधारी नेताओं के घर और कार्यालय के चक्कर काटता रहा लेकिन एसपी दक्षिणी मानुष पारीक की अगुवाई में एसआईटी की ओर से उसे गिरफ्तार करने से पहले तमाम ठोस साक्ष्य इकट्ठे कर लिए जिसकी वजह से पुलिस पर उन्हें गिरफ्तार न करने के लिए कोई दबाव नहीं बनाया जा सका और जाफरी का राजनीतिक रसूख धरा रह गया।

तीन आपराधिक केस होने के बावजूद ले रखा था गनर
जाफरी और उसके बेटे फिरोज पर तीन-तीन आपराधिक केस पहले से दर्ज हैं लेकिन इसके बावजूद एक सप्ताह पहले तक उसकी सुरक्षा में गनर तैनात था। धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज होने के बाद वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य ने शासन को रिपोर्ट भेजने के साथ उसका गनर वापस ले लिया।

पैसों के मामले में बाप-बेटे को नहीं था किसी का भरोसा
एसआईटी के मुताबिक जाफरी और उसका बेटा फिरोज पैसों के मामले में किसी पर भरोसा नहीं करते थे। लेनदेन के सारे मामले में वे दोनों खुद देखते थे। इसके पीछे डर यह था कि अगर किसी ने हेराफेरी कर दी तो वे उसकी कहीं शिकायत भी नहीं कर पाएंगे। इसी कारण जाफरी ने खुसरो मेमोरियल ट्रस्ट में सिर्फ अपनी पत्नी और बेटे का ही नाम शामिल किया था।

दाखिले लिए 2021 में, मार्कशीट दी 2019 की

शेर अली जाफरी ने अपने रसूख के दम पर बेधड़क होकर छात्रों के साथ धोखाधड़ी की। जिन छात्रों को उसने अपने कॉलेज में 2021 में दाखिला लिया था, उन्हें 2019 की मार्कशीट देने तक में संकोच नहीं किया।ज्यादा पैसा कमाने के लिए उसने डी फार्मा की पढ़ाई के लिए कोई शिक्षक तक नहीं रखा था, न ही क्लासरूम का इंतजाम किया था। छात्र पढ़ने आते थे तो उन्हें वह बगैर पढ़े पास कराने का झांसा देकर लौटा दिया जाता था।

अदालत में पेश करने से पहले की गई पूछताछ में शेर अली जाफरी ने एसआईटी को बताया कि छात्रों से डी-फार्मा की फीस वह खुसरो इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस एंड टेक्नोलॉजी और खुसरो पैरामेडिकल कॉलेज के नाम से छपवाई गई रसीद पर किस्तों में लेता था। पेटीएम के जरिए सीधे बैंक अकाउंट में भी पैसा डलवा लेता था। बेटे फिरोज अली जाफरी और डॉ. विजय शर्मा को उसने प्रत्येक छात्र से बतौर फीस 2.30 लाख रुपये लेने की जिम्मेदारी सौंपी हुई थी।

एसआईटी के मुताबिक जाफरी ने डी फार्मा में 379 छात्रों के प्रवेश तो ले लिए लेकिन उन्हें पढ़ाने के लिए एक भी फैकल्टी या क्लासरूम की व्यवस्था नहीं की। छात्र कॉलेज आते थे तो क्लास न चलने का बहाना बना दिया जाता था और यह कहकर लौटा दिया जाता था कि बगैर परीक्षा के ही उन्हें पास करा दिया जाएगा। जाफरी ने यह भी बताया कि फर्जी डिग्री वह खुद, उसका बेटा फिरोज और डॉ. विजय शर्मा तैयार कराते थे। एसआईटी ने जाफरी और उसके बेटे से एक प्रवेश रजिस्टर, फीस बुकलेट, डॉ. विजय शर्मा से लेनदेन का रजिस्टर और बैंक स्टेटमेंट बरामद किया है। शेर अली और उसके बेटे पर पहले से भी तीन-तीन केस चल रहे हैं।

वर्जन…
खुसरो कॉलेज के चेयरमैन ने 379 छात्रों का फर्जी मार्कशीट दी थी। उसने ठगी कर करोड़ों की संपत्ति अर्जित की है। फरार डॉ. विजय शर्मा की गिरफ्तारी के लिए टीम दबिश दे रही है। जल्द उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा। - मानुष पारीक, पुलिस अधीक्षक दक्षिणी

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