आखिर सियारों के हिंसक होने के पीछे क्या वजह...प्रजनन काल या बारिश
बीते कुछ समय में बढ़े सियार के हमलों के बाद अफसर भी तलाश रहे वजह
पीलीभीत, अमृत विचार। पिछले एक सप्ताह में लगातार हमला कर रहे सियार वन विभाग के लिए भी चिंता का विषय बन गए हैं। शनिवार को पूरनपुर और अमरिया क्षेत्र में हुए हमलों में दस लोगों के घायल होने के बाद अफसर भी इसकी वजह का पता लगाने में जुट गए है। हालांकि दो वजह अभी निकलकर सामने आ रही हैं। फिलहाल ग्रामीणों को अलर्ट कर दिया गया है।
बहराइच में आदमखोर भेड़िए के आतंक के साथ ही पीलीभीत में सियारों का आतंक शुरू हो गया है। तीन दिन पूर्व पूरनपुर तहसील के सेहरामऊ उत्तरी क्षेत्र के गांव जादौपुर में सियार ने हमला कर दो बच्चों को घायल कर दिया था। इधर शनिवार सुबह जहानाबाद क्षेत्र में सियारों ने हमले की सूचना से क्षेत्र में सनसनी फैल गई। पहली घटना जहानाबाद क्षेत्र के गांव सुस्वार की है। रोजाना की तरह ही ग्रामीण सुबह-सवेरे खेतों पर आ जा रहे थे। बच्चे घरों से बाहर खेल रहे थे। इसी बीच खेत से निकले सियार ने बच्चों समेत ग्रामीणों पर हमला कर दिया। चीख-पुकार पर तमाम ग्रामीण मौके पर पहुंचे। बताते हैं कि हमला करने के बाद सियार पुन: खेत में चला गया। हमले में तीन बच्चों समेत सात लोग घायल हो गए। हमले की जानकारी पर गांव में दहशत फैल गई। सूचना के बाद वन कर्मियों की टीम मौके पर पहुंची। ग्रामीणों की मदद से घायलों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जहानाबाद ले जाया गया। इसी बीच पड़ोस के गांव पंसोली में सियार ने एक बुजुर्ग पर हमला कर लहूलुहान कर दिया। इधर सूचना मिलने के बाद एसडीएम अमरिया अजीत प्रताप सिंह, सीओ विधिभूषण समेत सामाजिक वानिकी के डिप्टी रेंजर देव ऋषि सक्सेना समेत वनकर्मी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे और घायलों का हाल जाना। इधर एसडीएम, सीओ समेत वनकर्मी गांव पहुंचे और ग्रामीणों से हमले की जानकारी की। सुरक्षा की दृष्टि से वन दरोगा शीलेंद्र कुमार, कौशलेंद्र समेत वनकर्मियों की टीम मॉनीटरिंग में जुटी हुई है।
हमले में ये हुए घायल
सियार के हमले में गांव सुस्वार निवासी दीनदयाल (50), कलावती (34), तेजपाल की पुत्री रोशनी (17), छत्रपाल पुत्र पंकज (09), जसवंत (23), वीरपाल की पुत्री खुशी (03), रुपलाल (28) घायल हो गए। जबकि पंसोली गांव में मुख्तयार अहमद (60) सियार के हमले में घायल हुए।
तो इस माह सतर्क रहने की जरूरत
वन विभाग के अधिकारियों की माने तो अभी तक मूल वजह तो पता नहीं चली है। सियार कुत्ते की प्रजाति का है और इस तरह से हमला भी नहीं करता। इन दिनों प्रजनन काल चल रहा है। बारिश के बाद जलभराव होने पर भी सियार बाहर निकल रहे है। ऐसे में इन्ही दो वजह को माना जा रहा है। जिम्मेदारों की माने तो अभी इस माह तक तो प्रजनन काल चलेगा। इसे लेकर जंगल से सटे लोगों को भी अलर्ट किया जा रहा है।
क्या बोले वन विभाग के अफसर
मुख्य वन संरक्षक/फील्ड डायरेक्टर, पीटीआर विजय सिंह ने बताया कि सियार शर्मीले स्वभाव का वन्य जीव है। इन दिनों प्रजननकाल चल रहा है दूसरे खेतों आदि में पानी भरा है। इसी वजह से सियार आबादी क्षेत्र के आसपास देखे जा रहे हैं। हमले न हो इसके लिए लोगों को जागरूक होने की आवश्यकता है।