आत्महत्या करने से पहले पहुंची स्मार्ट पुलिस, एक हफ्ते में 10 की बचाई जान

आत्महत्या करने से पहले पहुंची स्मार्ट पुलिस, एक हफ्ते में 10 की बचाई जान

लखनऊ, अमृत बिचार: प्रदेश की स्मार्ट पुलिस ने इस बार तकनीकि के प्रयोग का बेहतरीन उदाहरण पेश किया है। फेसबुक और इंस्टाग्राम के सहयोग से जानकारी प्राप्त कर उन 10 लोगों की जान बचा ली, जो आत्महत्या करने जा रहे थे। यह आकड़ा मात्र एक हफ्ते का है। सक्रियता इतनी कि दुर्गम क्षेत्रों में भी लक्ष्य तक पहुंच बना ली और कार्य को अंजाम दे दिया। डीजीपी ने पुलिस कर्मियों का उत्साहवर्धन किया है।

पहला प्रकरण कानपुर देहात का है। यहां 19 वर्षीय बीएससी की छात्रा ने इंस्टाग्राम पर पोस्ट किया कि वह आत्महत्या करने जा रही है। इस संबंध में मेटा कंपनी ने अलर्ट का संज्ञान लेकर पुलिस मुख्यालय को प्रेसित कर दिया। छात्रा के मोबाइल नंबर के आधार पर तत्काल उसकी लोकेशन प्राप्त की गई और स्थानीय पुलिस को भेजा गया, जहां पुलिस कर्मियों ने उसे सकुशल बचा लिया। महिला आरक्षी द्वारा की गई काउंसलिग में पता चला कि उसकी अपने दोस्त से कहासुनी हो गई थी।

दूसरा प्रकरण कुशीनगर निवासी 23 वर्षीय एक युवक का है जो बंगलूरू में कार्यरत है। सिपाही भर्ती परीक्षा देने के लिए वह कुशीनगर पहुंचा हुआ था। गर्लफ्रेंड से लड़ाने होने के बाद उसने आत्महत्या की सोची और इंस्टाग्राम पर आत्महत्या करने की बात कही। इस दौरान भी उक्त प्रक्रिया के तहत ही उसकी लोकेशन प्राप्त कर उसे बचा लिया गया। इसी तरह 31 अगस्त को लखनऊ में बीए की छात्रा ने इंस्टाग्राम पर गले में टुपट्टा बांधकर पंखे से लटककर आत्महत्या करने का वीडियो अपलोड किया। 15 मिनट के अंदर ही पुलिस छात्रा के घर पहुंच गई। काउंसलिंग में पता चला कि पति की प्रताड़ना से क्षुब्ध होकर वह ऐसा कदम उठा रही थी। इसी तरह कानपुर नगर में दो वाकये सामने आए। डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा कि मेटा के सहयोग से एक सप्ताह में पुलिस ने 10 लोगों को आत्महत्या से बचाया है।

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