पीलीभीत: सात साल पुराने हरीश हत्याकांड में दोषी मां-बेटे को आजीवन कारावास, दोनों दोषियों पर लगा इतने रुपये का अर्थदंड...
पीलीभीत, अमृत विचार। सात साल पुराने हरीश हत्याकांड में न्यायालय ने सुनवाई के बाद फैसला सुनाया। अपर सत्र न्यायाधीश छांगुर राम ने आरोपी मां-बेटे को दोषी पाते हुए उम्रकैद और प्रत्येक को 38 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। बता दें कि अभियुक्त सदर कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला खकरा निवासी विनीत और उसकी मां गीता देवी पत्नी स्वर्गीय दरबारी लाल पहले पूरनुपर क्षेत्र के गांव बिलहरी के रहने वाले थे। राज्य सरकार की ओर से पैरवी सहायक शासकीय अधिवक्ता विमल कुमार वर्मा ने की।
अभियोजन कथानक के अनुसार तीन दिसंबर 2017 को सुबह करीब छह बजे दरबारीलाल ने दरवाजे पर साफ सफाई के दौरान कूड़े के विवाद को लेकर गाली गलौज शुरू कर दी।विरोध करने पर दरबारीलाल , उसकी पत्नी एवं पुत्र घर चले गए। वादी सुधीर कुमार भी घर आ गया।
कुछ देर बाद आरोपी एकराय होकर कुल्हाड़ी, तमंचा, बांका लेकर वादी के भाई हरीश कुमार और पिता रामकिशोर पार हमलावर हो गए। कुल्हाड़ी से वार करके घायल कर दिया। दोनों को अस्पताल ले गए।वहां हालत गंभीर होने पर जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। इनाज के दौरान हरीश कुमार की मौत हो गई।
पुलिस ने विवेचना कर चार अभियुक्तों के खिलाफ चार्जशीट न्यायालय में दाखिल की। एक आरोपी का विचारण किशोर न्याय बोर्ड में चल रहा है। जबकि एक की विचारण के दौरान मौत हो चुकी है। इधर, अपर सत्र न्यायाधीश छांगुर राम ने दोनों पक्षों को सुनने और पत्रावली का परिशीलन करने के बाद अभियुक्त गीता देवी और उसके बेटे विनीत को दोषी पाते हुए उम्रकैद और अर्थदंड की सजा सुनाई।