अयोध्या : यही रफ्तार रही तो परिषदीय विद्यालय बन चुके निपुण.!
अब तक केवल 52 परिषदीय विद्यालय बन सके निपुण,जिले में है 1788 स्कूल, 2025 तक सभी को बनाया जाना है निपुण
अयोध्या, अमृत विचार : परिषदीय विद्यालयों के कक्षा एक व दो के बच्चों को भाषा व गणित में दक्ष बनाने के लिए निपुण अभियान चलाया जा रहा है। इसके लिए शिक्षकों को समय समय पर बैठक कर प्रेरित भी किया जा रहा है। विभाग का मकसद है कि 2025 के फरवरी तक ज्यादा से ज्यादा स्कूल निपुण बन सकें। अभी तक 1788 परिषदीय विद्यालयों में से केवल 52 परिषदीय विद्यालयों को ही निपुण बनाया जा सका है जबकि 2025 तक सभी स्कूलों को निपुण बनाने का लक्ष्य है। ऐसी रफ्तार पर दावों पर सवालिया निशान खड़े हो गए हैं।
जिले में करीब 1788 प्राथमिक, उच्च प्राथमिक व कंपोजिट विद्यालय है। इनमें करीब 1,47,651 बच्चे शिक्षा ग्रहण करते हैं। पहले इन स्कूलों में निपुण भारत अभियान के तहत कक्षा एक से तीन तक के बच्चों को भाषा और गणित में निपुण बनाया जाता था। लेकिन इस बार सिर्फ कक्षा एक से दो तक के बच्चों को ही निपुण बनाया जाएगा। बीते शैक्षिक सत्र में 52 स्कूल निपुण हो चुके थे। नए शैक्षिक सत्र में शिक्षकों को भी बच्चों का आकलन करते हुए उन्हें निपुण बनाने का लक्ष्य दे दिया गया है। इस लक्ष्य को तीन चरणों में पूरा किया जाना है। पहले चरण में 31 अक्टूबर तक 63 स्कूलों को निपुण बनाना है।
वहीं दूसरे चरण में 31 दिसंबर तक 502 स्कूलों को निपुण बनाना है और तीसरे चरण में 25 फरवरी तक 472 स्कूल निपुण करने हैं। अभियान को सफल बनाने के लिए स्कूलों की हर महीने रिपोर्ट ली जाएगी। निपुण विद्यालयों का मूल्यांकन डायट प्रशिक्षु करेंगे। जिला समन्वयक निपुण मिशन मुकेश पाठक ने बताया कि अब कक्षा 1 से 2 तक के बच्चों को निपुण किया जाएगा। अभियान को तीन चरणों में पूरा किया जाना है। फरवरी 2025 में जिले के अधिकांश विद्यालयों के निपुण होने की उम्मीद है। हालांकि अभी तक के हालात यह है तमाम कवायद के बाद भी केवल 52 स्कूल निपुण की श्रेणी में आ सके है जबकि हर महीने प्रशिक्षण और अन्य मदों में दो लाख रुपये तक खर्च हो रहे हैं।
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