प्रयागराज : मानहानि और झूठी खबर छापने के मामले में हाईकोर्ट ने पत्रकारों को दी राहत

प्रयागराज : मानहानि और झूठी खबर छापने के मामले में हाईकोर्ट ने पत्रकारों को दी राहत

प्रयागराज, अमृत विचार। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दो मानहानि और झूठी खबर छापने के मामले में पत्रकारों को राहत देते हुए उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। याचियों पर उत्तर प्रदेश पुलिस ने आपराधिक मानहानि का मामला दर्ज किया था, क्योंकि उन्होंने पुलिस जीप से कथित रूप से डीजल चोरी होने की खबर प्रकाशित करवाई थी। 

रिपोर्ट के सामने आने के बाद पुलिस ने याचियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता, 2023 (बीएनएस) की धारा 212 (झूठी सूचना), 229 (झूठे साक्ष्य देने की सजा) और 356 (मानहानि) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम (आईटी एक्ट) की धारा 66 का हवाला देते हुए पुलिस स्टेशन फतेहगंज बांदा में आपराधिक मामला दर्ज किया। याचियों के अधिवक्ता ने दावा किया कि आपराधिक मामला दुर्भावनापूर्ण इरादे से दायर किया गया था और वास्तव में पत्रकारों ने कोई अपराध नहीं किया था। 

अधिवक्ता ने आगे तर्क दिया कि अखबार की रिपोर्ट में विभिन्न दस्तावेज, वीडियो और तस्वीरें शामिल हैं, जो यह दर्शाते हैं कि चोरी हुई थी। अंत में कोर्ट ने याचियों को गिरफ्तारी से संरक्षण प्रदान करते हुए राज्य प्राधिकारियों से जवाब मांगा। उक्त मामले में न्यायमूर्ति विवेक कुमार बिड़ला और न्यायमूर्ति अरुण कुमार सिंह देशवाल की खंडपीठ ने उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को डीजल की कथित चोरी के साथ-साथ पत्रकारों के खिलाफ आपराधिक मामले की सत्यता की जांच करने का निर्देश दिया।

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