बाराबंकी: पान की खेती कर किसान बनें मालामाल, सरकार देगी 50 फीसदी अनुदान
पान उत्पादन कृषक गोष्ठी का हुआ आयोजन, विधायक दिनेश रावत ने किया शुभारंभ
बाराबंकी, अमृत विचार। उद्यान विभाग द्वारा संचालित गुणवत्तायुक्त पान उत्पादन प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत शनिवार को एक कृषक गोष्ठी और भ्रमण कार्यक्रम का आयोजन कृषि विज्ञान केंद्र हैदरगढ़ में किया गया। जिसका शुभारंभ हैदरगढ़ के विधायक दिनेश रावत द्वारा दीप प्रज्जलवन कर किया गया। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश कृषि अनुसंधान परिषद (उपकार) लखनऊ महानिदेशक डॉ संजय सिंह, अयोध्या मंडल की उपनिदेशक उद्यान गीता त्रिवेदी और भाजपा महामंत्री एवं ब्लॉक प्रमुख हैदरगढ़ के प्रतिनिधि रणवीर सिंह उर्फ मोनू सिंह ने भी सहभागिता की।
जिला उद्यान अधिकारी महेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि पान विकास से संबंधित योजनाएं प्रदेश के मात्र 21 जिलों में संचालित हैं। जिनमें से बाराबंकी भी एक है। राज्य सरकार पान की खेती करने वाले किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए अनुदान भी उपलब्ध कराती है।
उन्होंने बताया कि पान विकास की दो योजनाएं हैं। गुणवत्तायुक्त पान उत्पादन प्रोत्साहन योजना और राष्ट्रीय कृषि विकास योजना, जिसके अंतर्गत पान बरेजा निर्माण और रोपण सामग्री पर 50 फीसदी का अनुदान सरकार लाभार्थी कृषक के बैंक खाते में देती है। कार्यक्रम का लाभ प्राप्त करने के लिए उद्यान विभाग के पोर्टल पर आवेदन करना होता है। ऐसे कृषक जिनके पास अपनी स्वयं की भूमि हो तथा वह पूर्व वर्षों में कार्यक्रम का लाभार्थी न रहा हो, आवेदन कर सकता है। लाभार्थी चयन प्रथम आवक प्रथम पावक के सिद्धांत पर आधारित है। कम क्षेत्रफल वाले किसान भी लाभ ले सकते हैं।
महेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया की 250 वर्ग मीटर, 500 वर्ग मीटर, 750 मीटर, 1000 वर्ग मीटर और 1500 वर्ग मीटर के क्षेत्रफल में पान बरेजा निर्माण करने और उसमें पान के पौध रोपित करने पर सरकार स्थलीय सत्यापन कराकर अनुदान देती है। 1500 वर्गमीटर पर 75680 रुपए और 1000 वर्ग मीटर पर 50453 रुपए का अनुदान मुहैया कराया जाता है।
इसी प्रकार राज्य सरकार और केंद्र सरकार के मंशानुरूप किसानों की आय दोगुना के लिए उद्यान विभाग में तमाम प्रकार के लाभार्थीपरक योजनाएं चलाई जा रही हैं। एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजनांतर्गत केला टिश्यू कल्चर की खेती दो वर्ष तक, आम, अमरूद के नवीन बाग रोपण पर तीन वर्षों तक अनुदान दिया जाता है। ड्रैगन फ्रूट व स्ट्रॉबेरी की खेती पर भी किसान लाभ प्राप्त कर सकते हैं। एक एकड़ पॉलीहाउस लगाकर जरबेरा फूल की खेती करने पर 29 लाख रुपए का अनुदान सरकार उपलब्ध कराती है।
महानिदेशक, उपकार डॉ संजय सिंह ने अपने उद्बोधन में किसानों से कृषि फसलों के साथ ही औद्यानिकी फसलों की ओर रुख करने का अपील किया। उन्होंने औषधीय खेती को जनपद में बढ़ावा देने के लिए अधिकारियों से कहा कि यहां के किसान मेंथा की खेती तो कर ही रहे हैं। वही किसान भी अपने यहां लेमनग्रास, तुलसी, सतावर व सर्पगंधा आदि की खेती करकर भी अच्छी आमदनी प्राप्त सकते हैं।
अपने उद्बोधन में उपनिदेशक उद्यान गीता त्रिवेदी ने उद्यान विभाग में संचालित योजनाओं का लाभ उठाने के लिए किसानों को कहा कि वह उत्पादन के साथ ही अपने उत्पादों के प्रसंस्करण की ओर भी ध्यान दें। उद्यम लगाकर भी अपनी आमदनी को चार गुणा कर सकते हैं। सरकार द्वारा प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना संचालित की जा रही है। जिसमें खाद्य प्रसंस्करण से संबंधित पूर्व स्थापित लघु उद्योगों के उन्नयन पर या नवीन उद्योग लगाने पर 35 फीसदी अधिकतम 10 लाख रुपए तक का अनुदान भारत सरकार और केंद्र सरकार के द्वारा संयुक्त रूप से दिया जाता है। जनपद बाराबंकी में इस वर्ष अब तक 85 लोगों ने इस योजना का लाभ प्राप्त किया है।
इस अवसर पर प्रगतिशील किसान नवनीत वर्मा जो टिश्यूकल्चर और गर्मियों में टमाटर खेती के लिये जाने जाते हैं, उन्होंने बताया कि 25 लाख रुपए तक आमदनी उनके द्वारा कैसेअर्जित की गई है। अपने अनुभव को किसानों से साझा किया। वहीं विधायक दिनेश रावत ने कार्यक्रम में उपस्थित किसानों से आह्वान किया कि वह किसी एक विशेष फसल के तरफ ही ना रहें। थोड़ा-थोड़ा करके कई फसलों को लगाने से उनकी आय निरंतर बढ़ सकती है। जैसे कि किसी किसान के पास दस बीघा खेत है तो थोड़ा केला लगाए, थोड़ी सब्जी लगाए, थोड़ा फल लगाए तथा थोड़ी फूल की खेती करें जिससे उनको पूरे साल आमदनी होती रहेगी और कभी भी उसको नुकसान का खतरा नहीं रहेगा।
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