हल्द्वानी: डाक्टर साहब काट रहे मौज...चेला रजिस्टर में बैठा रहा था चिड़िया, कमीश्नर साहब ने पकड़ा तो पत्ते झड़ गए

हल्द्वानी: डाक्टर साहब काट रहे मौज...चेला रजिस्टर में बैठा रहा था चिड़िया, कमीश्नर साहब ने पकड़ा तो पत्ते झड़ गए

हल्द्वानी, अमृत विचार। मंडलायुक्त दीपक रावत ने शुक्रवार को रौशिल, ओखलढूंगा में जल जीवन मिशन की प्रगति समीक्षा के लिए निकले। इस अवसर पर उन्होंने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ओखलढूंगा में औचक छापेमारी की। जहां उन्होंने उपस्थिति रजिस्टर चेक किया तो पता चला कि वार्ड ब्वॉय डॉक्टर के साइन करता था। इस पर उन्होंने सीएमओ, डॉक्टर समेत अन्य को तलब किया है। 

मंडलायुक्त रावत हल्द्वानी से हैड़ाखान तक सड़क व जल जीवन मिशन की योजनाओं का निरीक्षण करने निकले थे। इस बीच ओखलढूंगा में ग्रामीणों ने उन्हें बताया कि पीएचसी में डॉक्टर नहीं आते हैं। शिकायत पर उन्होंने पीएचसी का औचक निरीक्षण किया। उन्होंने वहां मौजूद स्टाफ से पीएचसी की जानकारी ली और डॉक्टर की उपस्थिति के बारे में पूछा लेकिन कोई भी स्पष्ट जवाब नहीं दे सका।

 जब उन्होंने ओपीडी और उपस्थिति रजिस्टर चेक किया। ओपीडी रजिस्टर में मिला कि पीएचसी में तैनात डॉक्टर जुलाई में सिर्फ दो दिन आए थे जबकि उपस्थिति रजिस्टरी पर पूरे माह के साइन थे। जब उन्होंने इस बाबत पूछताछ की तो फार्मासिस्ट जगमोहन उप्रेती ने बताया कि डॉक्टर के साइन वार्ड ब्वॉय करता था।

इस पर मंडलायुक्त ने उपस्थिति रजिस्टर को कब्जे में ले लिया और इस लापरवाही का संज्ञान लेते हुए सीएमओ, डॉक्टर समेत अन्य को शनिवार सुबह 10 बजे कैंप कार्यालय में तलब किया है। इसके अलावा यह भी पता चला कि पीएचसी में तैनात पर्यावरण मित्र हल्द्वानी में रहती है, वह माह में सिर्फ सात-आठ दिन आता है। इस पर उन्होंने पर्यावरण मित्र के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी।

इसके अलावा ग्रामीणों ने बताया कि ओखलढूंगा में तीन माह से ग्रामीणों को बिजली के बिल नहीं मिले है। लाइनमैन को भी ठेकेदार ने आठ माह का मानदेय नहीं दिया है जिसका खामियाजा ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है। उन्होंने ऊर्जा निगम के मुख्य अभियंता पिछले 3 महीने के बिजली बिलों का ब्यौरा और अन्य जानकारी 15 दिन के भीतर देने के निर्देश दिए।