कानपुर-नोएडा-गाजियाबाद एक्सप्रेस वे का डीपीआर बनाने के काम में आई तेजी, NHAI ने इतनी कंपनियों को किया आमंत्रित...
कानपुर, अमृत विचार। प्रदेश के तीन बड़े औद्योगिक शहरों नोएडा, गाजियाबाद और कानपुर के बीच सीधा और द्रुतगामी सड़क संपर्क स्थापित करने के लिए लगभग 380 किमी लंबे ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस वे का डीपीआर तैयार करने का काम एक बार फिर जोर पकड़ गया है। जानकारी के मुताबिक एनएचएआई ने इस महत्वाकांक्षी योजना के प्रजोक्ट की डीपीआर बनाने के लिए 9 कंपनियों को आमंत्रित किया है।
इनमें से जिसकी बोली सबसे कम होगी, उसे काम सौंपा जाएगा। इस परियोजना पर करीब 15 हजार करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान लगाया गया है। यह एक्सप्रेस वे प्रदेश के 9 जिलों गाजियाबाद, हापुड़, बुलंदशहर, अलीगढ़, कासगंज, फर्रुखाबाद, कन्नौज, उन्नाव तथा कानपुर को आपस में जोड़ेगा।
कानपुर-गाजियाबाद ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस वे के बनने से दिल्ली-एनसीआर से प्रदेश के कई शहरों की पहुंच आसान हो जाएगी। दिल्ली और गाजियाबाद से कानपुर की दूरी भी कम हो जाएगी। अभी कानपुर से सड़क मार्ग द्वारा गाजियाबाद पहुंचने में 8 घंटे समय लगता है, जो इस एक्सप्रेस वे के बनने के बाद घटकर 5 घंटे रह जाएगा।
शुरुआत में यह एक्सप्रेस वे 4 लेन का बनेगा, जिसे बाद में 6 लेन तक बढ़ाया जा सकेगा। इस एक्सप्रेस वे का उत्तरी छोर एनएच-9 (गाजियाबाद-हापुड़ हाइवे) से जुड़ा होगा, जबकि दक्षिणी छोर लगभग 63 किमी लंबे कानपुर-लखनऊ एक्सप्रेस वे के साथ जुड़ जाएगा। इसके अलावा यह ग्रीन फील्ड कॉरिडोर गाजियाबाद में मौजूदा मेरठ एक्सप्रेस वे को हापुड से भी जोड़ेगा। परियोजना में इसे नोएडा के जेवर एयरपोर्ट से जोड़ने का काम भी शामिल किया गया है। इसी तरह बाद में यह सिरसा में ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे को भी जोड़ेगा।
पहले यह एक्सप्रेस-वे कानपुर से हापुड़ के बीच बनाए जाने की ही योजना बनी थी। लेकिन नई योजना में इस एक्सप्रेस-वे से हापुड़ को जोड़ने के लिए 60 किलोमीटर लंबी कनेक्टर रोड का निर्माण प्रस्तावित किया गया है। इससे यह एक्सप्रेस-वे हापुड़ में मेरठ एक्सप्रेस-वे से भी जुड़ जाएगा। भविष्य इस ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस वे के किनारे औद्योगिक केंद्र भी स्थापित किए जाने की योजना है।
राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के अधिकारियों का कहना है कि कि माल परिवहन में आसानी के साथ कानपुर की गाजियाबाद और दिल्ली से कनेक्टिविटी स्थापित होने से औद्योगिक विकास की रफ्तार और तेज होगी। इस एक्सप्रेस वे के निर्माण से अर्थव्यस्था को बढ़ावा मिलने के साथ संबंधित जिलों में रोजगार के अवसर भी तेजी से बढ़ेंगे।