गौचर में सांप्रदायिक बवाल के बाद प्रशासन ने हटाई धारा 163
गौचर, अमृत विचार। गौचर में हाल ही में हुए सांप्रदायिक बवाल के बाद प्रशासन ने बृहस्पतिवार देर शाम को धारा 163 हटा दी। पहले इस धारा के तहत 10 नवंबर तक प्रतिबंध लागू किए गए थे। 15 अक्टूबर को गौचर में दो अलग-अलग समुदाय के व्यापारियों के बीच विवाद हुआ था, जो बाद में मारपीट में बदल गया। इस घटना के बाद एक समुदाय के लोगों ने दूसरे समुदाय के एक युवक की पिटाई करने का आरोप लगाया, जिसके बाद क्षेत्र में तनाव फैल गया था।
विरोध और प्रदर्शन के कारण बढ़ा तनाव
गौचर में हुए विवाद के बाद, नाराज स्थानीय लोग और हिन्दू संगठनों ने बाजार में प्रदर्शन किया और विरोध जताया, जिससे स्थिति बिगड़ने की संभावना पैदा हो गई। तनाव को बढ़ते देख प्रशासन ने यहां सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए धारा 163 लागू कर दी थी। इस धारा के तहत सार्वजनिक स्थलों पर लोगों के एकत्र होने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था और सुरक्षा बलों की तैनाती की गई थी।
गौचर और कर्णप्रयाग में तनाव की स्थिति को नियंत्रित करने के बाद, एसडीएम संतोष कुमार पांडेय ने पुष्टि की कि पुलिस रिपोर्ट के आधार पर अब धारा 163 हटा दी गई है। उन्होंने बताया कि अब दोनों शहरों में माहौल शांतिपूर्ण और सौहार्दपूर्ण है।
एसडीएम पांडेय ने कहा, "अब स्थिति पूरी तरह सामान्य हो गई है और लोगों में आपसी भाईचारे का माहौल है। प्रशासन स्थिति पर पूरी तरह से नियंत्रण बनाए हुए है।"
धारा 163 हटाए जाने के बाद अब लोग बाजारों और सार्वजनिक स्थानों पर पहले की तरह स्वतंत्र रूप से आ-जा सकते हैं। प्रशासन की ओर से स्थिति को सामान्य बनाए रखने के लिए सतर्कता बरती जा रही है, और स्थानीय पुलिस भी सक्रिय है।
यह फैसला आने से स्थानीय लोगों ने राहत की सांस ली है, लेकिन साथ ही प्रशासन ने यह भी कहा है कि किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए स्थिति पर कड़ी नजर रखी जाएगी।
यह भी पढ़ें - ऋषिकेश: नौडू गांव में सड़क न होने से जंगल में प्रसव, जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ