राष्ट्रपति मुर्मू बोलीं- भ्रष्टाचार आर्थिक प्रगति में बाधा, भ्रष्ट लोगों के विरूद्ध त्वरित कानूनी कार्रवाई बहुत ही जरूरी

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Published By Deepak Mishra
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नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को कहा कि भ्रष्ट लोगों के विरूद्ध त्वरित कानूनी कार्रवाई बहुत ही जरूरी है क्योंकि देरी या कमजोर कार्रवाई से ऐसे लोगों को बढ़ावा मिलता है। उन्होंने यहां केन्द्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) के सतर्कता जागरूकता सप्ताह समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि विश्वास सामाजिक जीवन का आधार है। 

मुर्मू ने कहा, ‘‘यह एकता का स्रोत है। सरकार के काम और कल्याणकारी योजनाओं में जनविश्वास शासन की शक्ति का स्रोत है। भ्रष्टाचार न केवल आर्थिक प्रगति में बाधा है, बल्कि यह समाज में विश्वास को भी घटाता है। यह लोगों में भाईचारे की भावना पर प्रतिकूल असर डालता है। इसका देश की एकता और अखंडता पर भी व्यापक प्रभाव पड़ता है।’’ 

राष्ट्रपति ने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ त्वरित कानूनी कार्रवाई बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा, ‘‘कार्रवाई में देरी या कमजोर कार्रवाई अनैतिक व्यक्तियों को बढ़ावा देती है। लेकिन साथ ही यह भी जरूरी है कि हर कार्रवाई और व्यक्ति को संदेह की नजर से न देखा जाए। हमें इससे बचना चाहिए। व्यक्ति की गरिमा को ध्यान में रखा जाना चाहिए एवं कोई भी कार्रवाई दुर्भावना से प्रेरित नहीं होनी चाहिए। किसी भी कार्रवाई का उद्देश्य समाज में न्याय और समानता स्थापित करना होना चाहिए।’’ 

प्रत्यक्ष लाभ अंतरण और ई-निविदा का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए कई कदम उठाये हैं। उन्होंने कहा कि पिछले दस सालों में धनशोधन रोकथाम अधिनियम के तहत 12 अरब डॉलर की संपत्तियां जब्त की गयी हैं। राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘मुझे विश्वास है कि भ्रष्टाचार को कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति भ्रष्टाचार को जड़ से उखाड़ फेंकेगी।’’ 

केन्द्रीय सतर्कता आयोग हर साल सतर्कता सप्ताह मनाता है। इस साल 28 अक्टूबर से तीन नवंबर तक सतर्कता सप्ताह मनाया गया और उसका ध्येय वाक्य ‘राष्ट्र की समृद्धि के लिए अखंडता की संस्कृति’ रखा गया। सतर्कता सप्ताह के अलावा आयोग तीन महीने का एहतियाती सतर्कता अभियान चलाता है। इसके तहत केंद्र सरकार के मंत्रालय, विभाग/संगठन 16 अगस्त से 15 नवंबर तक यह अभियान चला रहे हैं। 

 

अभियान में पांच विषयों पर बल दिया जा रहा है जिनमें क्षमता निर्माण, प्रणालीगत सुधार की पहचान और कार्यान्वयन, परिपत्रों / दिशानिर्देशों/नियमावली का अद्यतन, 30 जून, 2024 से पहले प्राप्त शिकायतों का निपटान और गतिशील डिजिटल उपस्थिति शामिल हैं। आज के कार्यक्रम में केंद्रीय सतर्कता आयुक्त प्रवीण कुमार श्रीवास्तव एवं सतर्कता आयुक्त ए एस राजीव तथा अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद थे।  

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