Jalaun: गैर इरादतन हत्या के दोषी को मिला दस वर्ष का कारावास, 25 हजार रुपये का लगा जुर्माना
जालौन (उरई), अमृत विचार। न्यायलय में गैर इरादतन हत्या के मामले में करीब छह वर्ष बाद आरोपित को दस वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई गई। साथ ही पर्याप्त साक्ष्य न होने के चलते चार लोगों को दोष मुक्त कर दिये गये हैं। सिरसा कलार थाना क्षेत्र के ग्राम खड़गुई निवासी कीर्ति देवी ने 2018 में सिरसाकलार पुलिस को तहरीर दी थी। जिसमें बताया था कि उसके गांव के ही रहने वाला राम बहादुर उसके पति को घर से अपने साथ ले गया था।
आरोप था कि राम बहादुर, कुंती देवी, अमित, अंकित व जगदीश, प्रदीप, बारे, वीरेंद्र पाल आदि लोगों ने उसके पति को लाठी डंडों से मारपीट कर घायल कर दिया था। जिसकी इलाज के दौरान मौत हो गई थी। तहरीर के आधार पर पुलिस ने आरोपितों के विरुद्ध गैर इरादतन हत्या सहित अन्य धाराओं में रिपोर्ट दर्जकर विवेचना शुरू कर दी थी। जिसमें पुलिस ने राम बहादुर, कुन्ती, प्रदीप, जगदीश, वीरेंद्र के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी थी।
छह साल तक कोर्ट में चले ट्रायल के बाद बुधवार को सुनवाई पूरी हुई। जिसमें अभियुक्त की ओर से पक्ष रख रहे अधिवक्ता दिनेश कुमार व अक्षय रंजन श्रीवास्तव के कथित प्रयास से बहस गवाहों के बयानों और सबूतों के आधार पर प्रदीप, जगदीश, वीरेंद्र, कुन्ती को अपर जिला सत्र न्यायाधीश प्रथम शिवकुमार ने दोष मुक्त कर दिया। जबकि राम बहादुर को साक्ष्यों और सबूतों के आधार पर गैर इरादतन हत्या का दोषी पाया। दोष सिद्ध होने के बाद न्यायाधीश ने दस वर्ष के कारावास की सजा सुनाई। साथ ही 25 हजार रूपये अर्थदंड से भी दंडित किया।