Exclusive: वक्फ का मुद्दा दलित, पिछड़ों के प्लेटफार्म पर उठायेगा मुशावरत

23, 24 और 25 अगस्त को पुणे में चुनिंदा लोगों की आपात मीटिंग

Exclusive: वक्फ का मुद्दा दलित, पिछड़ों के प्लेटफार्म पर उठायेगा मुशावरत

कानपुर, जमीर सिद्दीकी। वक्फ संशोधन बिल को लेकर पुणे (महाराष्ट्र) में कुछ चुनिंदा मुस्लिम, दलित, पिछड़ा वर्ग के बुद्धिजीवियों, राजनेताओं की एक आपात मीटिंग बुलाई गई है। आल इंडिया मुस्लिम मजलिस मुशावरत को भी दावतनामा भेजा गया है। मुशावरत वक्फ संशोधन बिल का मुद्दा उठाकर दलित, पिछड़ों को अपने साथ लाने की कोशिश करेगा। 

आल इंडिया मुस्लिम मजलिस मुशावरत के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रोफेसर मोहम्मद सुलेमान (कानपुर) ने अमृत विचार संवाददाता को बताया कि 23,24 व 25 अगस्त को पुणे में होने वाली नेशनल मीटिंग में वक्फ संशोधन बिल का मुद्दा उठायेंगे। 

उन्होंने आरोप लगाया कि अभी तो सिर्फ मुस्लिम वक्फ पर ही सरकार की नीयत खराब दिखाई दे रही है। देश में दलितों, पिछड़ों के ट्रस्ट भी अरबों खरबों के हैं, ऐसे में उन्हें भी अपनी दान की संपत्ति को बचाने के लिये जागरुक होना पड़ेगा। पुणे मीटिंग में सांसद चंद्रशेखर रावण के अलावा कई विधायक भी शामिल होंगे। 

प्रोफेसर मोहम्मद सुलेमान को भेजे गये दावतनामा में मीटिंग का एजेंडा बताया गया है कि पुणे में होने वाले विभिन्न समुदायों के राष्ट्रीय सम्मेलन में मुस्लिम, दलित, पिछड़ों के भविष्य को आकार दिया जायेगा। सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य राज्यों में उत्पीड़ित और अल्पसंख्यक समुदायों के नेताओं और सदस्यों को एक साथ लाना है ताकि एकता और सहयोग को बढ़ावा मिल सके। 

इस राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्देश्य ऐसे लोगों को इंसाफ दिलाने के लिए आवाज उठाना है जिन्हें अतीत और वर्तमान शासकों के द्वारा उपेक्षित किया गया है। एससी/एसटी/ओबीसी/अल्पसंख्यक के खिलाफ हो रहे भेदभाव को भी एजेंडे में शामिल किया गया है।

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