Digital Arrest: डॉ. रुचिका को डिजिटल अरेस्ट कर पांच दिनों तक चली थी फर्जी कोर्ट, जानें पूरा मामला

बिहार के सीतामढ़ी निवासी साइबर जालसाज के पाकिस्तान से जुड़े तार

Digital Arrest: डॉ. रुचिका को डिजिटल अरेस्ट कर पांच दिनों तक चली थी फर्जी कोर्ट, जानें पूरा मामला

लखनऊ, अमृत विचार। पीजीआई की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. रुचिका टंडन को डिजिटल अरेस्ट कर 2.81 करोड़ रुपये ठगी के मामले में एसटीएफ ने ठगों के पूरे नेटवर्क को ध्वस्त करना शुरू कर दिया है। अब तक इस मामले में 16 की गिरफ्तारी हो चुकी है। जेल भेजे गए नौसेना का भगोड़ा सबसे शातिर निकला है।टेलीग्राम ग्रुप पर मिले 90 से अधिक पाकिस्तानी नंबरों के संपर्क में मुंबई के कई जालसाज भी है।

वहीं, बिहार के सीतमढ़ी निवासी जालसाजा ऋषिकेश साह उर्फ रोशन उर्फ सोनू का कनेक्शन पाकिस्तान से है। यह बात भी सामने आई की डिजिटल अरेस्ट किए गए लोगों को धोखा देने के लिए जालसाजों ने फर्जी सीबीआई कोर्ट भी बना रखा है।

जांच में सामने आया कि पाकिस्तानी गिरोह से जुड़े मुंबई के जालसाजों ने उत्तर प्रदेश के कई लोगों को डिजिटल अरेस्ट कर और अन्य माध्यमों से करोड़ों की ठगी की है। इसकी पुष्टि होने के बाद लोकेशन के आधार पर एसटीएफ की एक टीम मुंबई के लिए रवाना हो गई है। एसटीएफ के अफसरों के निर्देश पर एक टीम पाकिस्तानी और मुंबई के जालसाजों के मोबाइल नंबरों का ब्योरा जुटा रही है। 

सार्विलांस की एक टीम लगातार इनकी लोकेशन के बारे में पता कर रही है। इसके अलावा यह भी पता लगाया जा रहा कि इन नंबरों के सिम किसके नाम से जारी हैं? किस पते पर जारी किए गए हैं? इन तमाम बिंदुओं पर एसटीएफ ने जांच शुरू कर दी है। भगोड़े सैन्य अफसर द्वारा डॉ रुचिका टंडन को भेजे गए लिंक और सीबीआई के फर्जी पत्र की भी तफ्तीश कर रही है। इनके आईपी एड्रेस के बारे में जानकारी जुटा रही है।

पाकिस्तान के खाते में किए थे 30 करोड़ ट्रांसफर

बिहार के सीतामढ़ी का साइबर जालसाज ऋषिकेश साह उर्फ रोशन उर्फ सोनू का कनेक्शन पाकिस्तान के ठगों से है। उसके मोबाइल से कई ऐसे राज सामने आए हैं जो एसटीएफ को चौंका दिए । बिहार के सीतामढ़ी का रहने वाले इस जालसाज ने 30 करोड़ रुपये पाकिस्तान के कई बैंक खातों में ट्रांसफर किए है। इसकी जांच एसटीएफ की टीम कर रही है। जांच रिपोर्ट आने पर बड़ा खुलासा होने की संभावना है।

डार्क वेब के माध्यम से ठगी

सोनू एक ऐसे संगठन से जुड़ा हुआ था, जो इंटरनेट की काली और खतरनाक दुनिया के सबसे बदनाम नाम डार्क वेब का इस्तेमाल कर रहा था। बहरहाल इस मामले की आधिकारिक पुष्टि नहीं हो सकी है। मीडिया रिपोटों के अनुसार, सोनू का गैंग वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से फर्जी कोर्ट संचालित करता था। कोर्ट देखने में सामान्य लगता था। फर्जी कोर्ट में जज, सीबीआई और वकील सभी होते थे।

यह था मामला:

एसजीपीजीआई की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. रुचिका को गोपाल और उसके गिरोह के अन्य लोगों ने फोन कर बहुचर्चित मनी लांड्रिंग के केस जेल भेजने की धमकी दी थी। धमकी देकर उन्हें छह दिन तक डिजिटल अरेस्ट कर रखा था और 2.81 करोड़ रुपये ठगे थे। एसटीएफ की टीम अबतक 16 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। बुधवार को एसटीएफ ने बिहार के पटना में बाढ के रहने वाले भगोड़े सैन्य अफसर गोपाल और उसके चार साथियों को गिरफ्तार किया था।

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