अयोध्या: सरयू उफान पर और जिंदगी नाव व स्टीमर पर, चार गांव बाढ़ से घिरे, 20 हजार की आबादी प्रभावित
दो जनपदों के बीच फंसने से चार गांव के वासिंदो की सुधि लेने वाला कोई नही
सोहावल/अयोध्या, अमृत विचार। सरयू उफान पर है। जल स्तर इतना बढ़ गया है की तराई के दर्जन भर से ज्यादा गांव के लोगों के खेत खलिहान सब डूब गए। खेत में खड़ी चारे की फसल भी काट कर ला पाना नाव से ही संभव रह गया है। ढेमवा पुल से गोंडा के रास्ते एक स्टीमर दिन भर नदी की धारा के बीच दौड़ रहा है। जान जोखिम में डाल कर हजारों लोग आने जाने को मजबूर है।
अयोध्या और गोंडा दोनो जनपदों की सीमा पर बसे चार गांव दत्त नगर, बहादुरपुर ब्योंदा, साखीपुर पानी से घिरे हैं। बीस हजार की आबादी प्रभावित हो गई है। नदी के बीच बने एक टापू जैसे इन गांवों की जिंदगी नाव और स्टीमर पर चल रही है। जिसके सहारे इन्हें सोहावल आकार अपनी दिनचर्या और भोजन पानी की तलाश करनी पड़ती है।
जिला प्रशासन यह कहकर हाथ खड़ा कर रहा है कि गांव और पीड़ित गैर जनपद और मंडल के है तो गोंडा प्रशासन ने कभी इस और झांकने की जहमत ही नहीं उठाई। अलबत्ता गोंडा की दत्त नगर पुलिस चौकी स्टीमर को चलवाने में मददगार की भूमिका में है।
मांझा कला सहारा बाग से लेकर निदूरा, मंगलसी, रौनाही, धन्नीपुर, लखौरी मांझा सफीपुर, तहसीनपुर, सनाहा, अलीगंज, कलाफरपुर, राम नगर, धौरहरा, इस्माइल नगर सिहोरा, सीवार जैसे गांवों की हजारों हेक्टेयर भूमि की फसल पानी में डूब गई। कुछ गन्ने के खेत ही नजर आते है। रौनाही बांध तक जाने के रास्ते हो या ढेमवा के पूर्वी क्षेत्र तराई के गांव जहां पहले ट्रैक्टर दौड़ते थे आज नाव चल रही है।
क्या कहते है ब्योंदा और दत्त नगर के लोग
घर से छोटी नाव के सहारे ढेमवा पुल पर आकर राशन पानी के लिए सोहावल आ रहे खेलावन, फक्कड़ यादव, गायत्री, सुनीता, राम देव यादव, अभिलाख यादव, मंगरू, संतराम कहते हैं कि मदद और राहत के लिए कई बार गुहार लगाई लेकिन कोई मदद अब तक नही मिली। गोंडा के जनप्रतिनिधि और प्रशासन हमें अपने जिला का मानते ही नहीं। दो वर्ष पहले बाढ़ में नाव भी मिली थी राशन भी मिला था। दिवंगत हुए मंगलसी प्रधान रामचेत यादव की बदौलत प्राइमरी स्कूलों में शरण लेकर महीनों रहे। नदी में बनाई गई सीढ़ी भी अब पानी में आ गई है। नाव ही एक सहारा है जिस पर जिंदगी चल रही है।
कुछ दिन पहले बाढ़ प्रभावित क्षेत्र मांझा कला क्षेत्र में राहत सामग्री का वितरण किया गया है। डूब क्षेत्र सहित संभावित प्रभावित गांव की बनाई गई बाढ़ चौकियों के माध्यम से निगरानी की जा रही है। जो गांव गोंडा जनपद के हैं उनकी निगरानी वहीं से होती है। उफनाती सरयू में चल रही स्टीमर का नियंत्रण भी वहीं से हो रहा है...,अशोक कुमार सैनी, उपजिलाधिकारी।