लखनऊ: दिव्यांग अभ्यर्थी भूख हड़ताल पर, परीक्षा पास करने के बाद भी नहीं मिली नौकरी

दिव्यांग अभ्यर्थियों ने की रिक्त पदों पर नियुक्ति की मांग 

लखनऊ: दिव्यांग अभ्यर्थी भूख हड़ताल पर, परीक्षा पास करने के बाद भी नहीं मिली नौकरी

लखनऊ, अमृत विचार। लेखपाल भर्ती में शामिल दिव्यांग अभ्यार्थी रिक्त पदों पर नियुक्ति की मांग को लेकर 7 महीने से धरना प्रदर्शन कर रहे है। बीते 10 दिन से भूख हड़ताल पर बैठे हैं, लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हो रही है। मौजूदा समय में भूख हड़ताल पर यह अभ्यर्थी इको गार्डन में बैठे हैं। 

अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे दिव्यांग अभ्यर्थियों का कहना है कि विज्ञप्ति में उनके लिए कुल 309 सीटें अनुमोदित की गई थी। जिनमें पीएच (परमानेंट हैंडिकैप्ड) ओएच (ऑर्थोपेडिक हैंडिकैप्ड) कैटिगरी की 122 सीटें निर्धारित की गई थी। लेकिन 30 दिसंबर 2023 को परिणाम जारी किया गया तो परीक्षा परिणाम के अंतिम परिणाम से दिव्यांग अभ्यर्थियों ओएच (ओए (एक हाथ), बीए  (दोनो हाथ),ओएल (एक पैर),बीएल (दोनो पैर ) आदि को अंतिम परिणाम से बाहर कर दिया गया। 

भूख हड़ताल कर रहे अभ्यर्थियों ने आरोप लगाते हुए कहा, 'राजस्व परिषद के अधिकारी हम दिव्यांगो को परेशान कर रहे हैं।  मार्च में कहा गया कि सबको इसी भर्ती में नियुक्ति मिल जाएगी लेकिन अब नियुक्ति देने से मना कर रहे।

अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे अभ्यर्थियों की माने तो 2021 में पेट एग्जाम लिया गया, 2022 में लेखपाल का फॉर्म भरा गया, रिजल्ट में पास किए गए, फिर डीवी कराया गया, फिर बाहर कर दिए गए।

ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है कि इन दिव्यांग अभ्यर्थियों का दोष क्या है। 4 साल बीत जाने के बाद दिव्यांग अभ्यर्थियों के हाथ में महज प्रदर्शन और भूख हड़ताल ही आया है।

अभ्यर्थियों ने मांग करते हुए कहा कि ओएच श्रेणी की रिक्त 188 सीटों पर पुन: परिणाम जारी कर उन्हे समाज के मुख्य धारा से जोड़ने का मौका दिया जाए।

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