मंगलवार को देश में सबसे ज्यादा प्रदूषित शहर रहा मुरादाबाद

मुरादाबाद,अमृत विचार। पीतल नगरी, एक बार फिर से दूषित हवाओं से घिर गई है। हैरत की बात तो यह है कि पूरे देश में प्रदूषण के मामले में मुरादाबाद टॉप पर आ गया है। यह जितनी चौंकाने वाली बात है, उतनी है डराने वाली भी। पश्चिम यूपी में यह शहर प्रदूषण के मामले में टॉप …
मुरादाबाद,अमृत विचार। पीतल नगरी, एक बार फिर से दूषित हवाओं से घिर गई है। हैरत की बात तो यह है कि पूरे देश में प्रदूषण के मामले में मुरादाबाद टॉप पर आ गया है। यह जितनी चौंकाने वाली बात है, उतनी है डराने वाली भी। पश्चिम यूपी में यह शहर प्रदूषण के मामले में टॉप पर रहा है। सोमवार को देश में इसका स्थान दूसरा था, मंगलवार को इसने उसमें भी बाजी मारी और यह पहले स्थान पर आ गया।
अब संकट यहां रह रहे लोगों के लिए है, उन्हें इस प्रदूषण से बचने के लिए जागरूक होना होगा। फिलहाल प्रदूषण कैसे कम हो सकेगा, इस पर संबंधित विभागों की कोई ठोस पहल नजर नहीं आ रही है। मंगलवार को प्रदूषण विभाग के जारी आकड़ों के अनुसार मुरादाबाद में 326 एक्यूआई प्रदूषण दर्ज किया गया। एक्यूआई के इस अंक के साथ पीतल नगरी ने पहला स्थान प्राप्त किया।
प्रदूषण के मामले में उसने लखनऊ को पीछे छोड़ दिया। राजधानी दूसरे स्थान पर है। आइआइटी रिपोर्ट के अनुसार सर्दियों में स्मॉग का असर सबसे ज्यादा होता है। मौसम में नमी होने के कारण धुआं, धूल, वाहनों और फैक्ट्रियों से निकलने वाला धुआं बड़ा कारण होता है। प्रदूषण से जब इस बढ़ते प्रदूषण को लेकर पूछा गया तो उसने ठीकरा नगर निगम पर फोड़ा। रीजनल अधिकारी विकास मिश्रा ने बताया कि पानी का छिड़काव के लिए, फव्वारा चलाने के लिए निगम को बोला था। पर इसपर ध्यान नहीं दिया गया है।
उधर नगर निगम की ओर से भी इस पर कोई खास होता नहीं दिख रहा है। नगर आयुक्त संजय चौहान ने बताया कि छिड़काव के लिए निर्देशित किया जा रहा है।
सात सबसे प्रदूषित शहर
शह एक्यूआई
मुरादाबाद 345
लखनऊ 322
हिसार 324
फरीदाबाद 318
आगरा 308
दिल्ली 307
मुम्बई 102
ये है एक्यूआई का मानक
एक्यूआई असर
0-50 अच्छी
51-100 संतोषजनक
101-200 मध्यम
201-300 खराब
301-400 बहुत खराब
401-500 गंभीर
इन बीमारियों के होने का खतरा
– श्वसन संबंधि
– हृदय रोग
– अस्थमा
– फेफड़ों का कैंसर
– दिल का दौरा पड़ना
– बच्चों में यह खतरा बहुत ज्यादा होता है।
वायु प्रदूषण से बचाव
– घर से बाहर निकलते वक्त हमेशा मुंह पर मास्क का उपयोग करें
– ध्यान रखें चेहरे पर लगे मास्क को बार-बार छूना नहीं चाहिए
– एक मास्क का प्रयोग एक बार ही करें, नहीं तो इंफेक्शन हो सकता है
– आंखों पर चश्मा भी लगाएं, जलन हो तो साफ पानी से धोएं
– सड़कों गीला करें, जिससे धूल के दूषित कण हवा में न उड़ पाएं।
– घर पर भी साफ सफाई का पूरा ध्यान रखें
– टहलने के लिए तब निकलें जब प्रदूषण का स्तर कम हो।
– घर के दरवाजे व खिड़की ज्यादा समय खुला न छोड़ें
ये भी आजमा सकते हैं
-खाना खाने के बाद थोड़ा सा गुड़ जरूर खाएं, गुड़ खून साफ करता है। इससे आप प्रदूषण से बचे रहेंगे।
-फेफड़ों को धूल के कणों से बचाने के लिए आप रोजाना एक गिलास गर्म दूध जरूर पियें।
– अदरक का रस और सरसों का तेल नाक में बूंद-बूंद कर डालने से भी आप हानिकारक धूल कणों से भी बचे रहेंगे।
– खुद को प्रदूषण के प्रभाव से बचाने के लिए आप ज्यादा से ज्यादा पानी का सेवन करें।
(इसमें चिकित्सक की सलाह जरूर लें।)
आयुर्वेदिक चिकित्सक के सुझाव
-शहद में काली मिर्च मिलाकर खाएं, आपके फेफड़े में जमी कफ और गंदगी बाहर निकल जाएगी।
-अजवायन की पत्तियों का पानी पीने से भी व्यक्ति का खून साफ होने के साथ शरीर के भीतर मौजूद दूषित तत्व बाहर निकल जाते हैं।
-तुलसी प्रदुषण से आपकी रक्षा करती है, इसलिए रोजाना तुलसी के पत्तों का पानी पीने से आप स्वस्थ बने रहेंगे।
-ठंडे पानी की जगह गर्म पानी का सेवन करना शुरू कर दें।
(इसमें चिकित्सक की सलाह जरूर लें।)
जिला अस्पताल चेस्ट फिजीशियन प्रवीण शाह ने कहा कि मास्क लगाकर बाहर निकलें। इससे दूषित हवाओं से बचा जा सकता है। इसके साथ ही गर्म पानी पिएं। कोई भी तकलीफ होती है तो फौरन चिकित्सक से मिलें।
फिजीशियन सीपी सिंह ने कहा कि सांस के रोग का खतरा ज्यादा रहता है। त्वचा व आंख से संबंधित भी नुकसान हो सकता है। इसके लिए जरूरी है कि आंखों को बार बार धोएं। कोई तकलीफ है तो उसकी जानकारी फौरन चिकित्सक को दें।