कासगंज: गुणवत्ता खराब होने के कारण चार माह से वितरित नहीं कराया जा रहा था भोजन

संस्था की मनुहार पर माना कॉलेज प्रशासन तो पहले दिन ही टूटा मुसीबत का पहाड़

कासगंज: गुणवत्ता खराब होने के कारण चार माह से वितरित नहीं कराया जा रहा था भोजन

कासगंज, अमृत विचार। पहले भी कार्यदायी संस्था की ओर से भोजन वितरित किया जा रहा था, लेकिन भोजन गुणवत्ताहीन रहा, ऐसे में चार माह पहले से कार्यदायी संस्था से भोजन लेने से विद्यालय प्रशासन ने इंकार कर दिया था और अप्रैल माह से अर्ध-शासकीय विद्यालय सुमंत कुमार माहेश्वरी इंटर कॉलेज में भोजन का वितरण नहीं हो रहा था। लगातार लखनऊ के अलावा स्थानीय अधिकारी भी भोजन के लिए दबाव बनाते रहे, फिर कार्यदायी संस्था ने विद्यालय प्रशासन की मनुहार की। भरोसा दिया कि गुणवत्ता युक्त भोजन दिया जाएगा। इसी भरोसे पर जब विद्यालय प्रशासन ने भोजन लेने की शुरुआत की तो पहले ही दिन मुसीबत का पहाड़ टूट पड़ा और गुणवत्तायुक्त भोजन वितरण के दावे झूठे साबित हुए। बच्चों को गुणवत्ताहीन भोजन दिया गया, जिससे उनकी हालत बिगड़ गई।

पिछले साल शैक्षिक सत्र में भोजन वितरण कार्यदायी संस्था अशर्फी देवी ग्रामोद्योग सेवा समिति के द्वारा ही किया गया, लेकिन इस संस्था द्वारा जो भोजन वितरण किया जा रहा था वह गुणवत्ताहीन था और विद्यार्थियों की सेहत के लिए भोजन खतरा बना हुआ था। इसको लेकर विद्यालय के प्रधानाचार्य डीएस पाल ने प्रबंध समिति से सलाह लेकर कार्यदायी संस्था से भोजन लेने से इनकार कर दिया और अपनी रिपोर्ट स्थानीय माध्यमिक एवं बेसिक शिक्षा विभाग को भेजने के साथ ही लखनऊ मध्याह्न भोजन प्राधिकरण को भी दे दी। उसके बाद से भोजन नहीं लिया जा रहा था। प्रतिदिन मध्याह्न भोजन प्राधिकरण लखनऊ की ओर से भोजन वितरण से जुड़ी रिपोर्ट के लिए कॉल आती रही, लेकिन विद्यालय प्रशासन की ओर से शून्य संख्या भेजी जाती रही। फिर क्या था लखनऊ के अलावा स्थानीय अधिकारी विद्यालय प्रशासन पर दबाव बनाने लगे और मध्याह्न भोजन वितरण कार्यदायी संस्था से कराने का अनुरोध करने लगे। 

इस बीच बुधवार को कार्यदायी संस्था के स्थानीय कार्यकर्ता सुमंत कुमार माहेश्वरी इंटर कॉलेज पहुंचे। जहां उन्होंने भरोसा दिया की गुणवत्ता युक्त खाना विद्यार्थियों को वितरित किया जाएगा। विद्यार्थियों की सेहत से किसी भी हाल में खिलवाड़ नहीं होने दिया जाएगा। इसी भरोसे पर विद्यालय प्रशासन ने संस्था से भोजन मंगाना शुरू कर दिया। गुरुवार को भोजन वितरण का पहला दिन था। पिछले शैक्षिक सत्र के बाद इस सत्र के पहले दिन ही गुणवत्ताहीन भोजन बच्चों को वितरित कर दिया गया, जिससे उनकी हालत बिगड़ गई। अब कॉलेज प्रशासन किसी हाल में इस संस्था से भोजन वितरण कराने के पक्ष में नहीं है।

100 बच्चों के लिए आया था भोजन, मजबूरन फेंकना पड़ा

मध्याह्न भोजन 100 विद्यार्थियों के लिए आया था, लेकिन जब शुरुआत में ही मध्यान भोजन खाने से बच्चों की हालत बिगड़ गई तो विद्यालय प्रशासन की ओर से मजबूरन भोजन फेंकना पड़ा। हालांकि, नमूने के लिए भोजन सुरक्षित रखा गया। विद्यालय प्रशासन का दावा है कि पहले भी भोजन में कीड़े निकलते रहे हैं, लेकिन अधिकारी कोई ध्यान नहीं दे रहे थे। शुक्रवार से भोजन इस संस्था से वितरित नहीं कराया जाएगा।

दो सत्र पहले तक भोजन तैयार करा था विद्यालय 

पिछले और उससे पूर्व के सत्र से भोजन तैयार करने की जिम्मेदारी कार्रदायी संस्था को दी गई है, इससे पहले मध्यान्ह भोजन तैयार करने एवं वितरण की जिम्मेदारी संबंधित माध्यमिक स्कूल की थी, लेकिन कमीशन के खेल में व्यवस्था फेल हो गई और भोजन वितरण की जिम्मेदारी कार्यदायी संस्था को दे दी गई। तब से ही भोजन वितरण प्रणाली में घुन लग गया।

वर्जन

पिछले साल भी गुणवत्ताहीन भोजन का वितरण किया गया तो कार्यदायी संस्था से भोजन लेने से इनकार कर दिया गया। विद्यार्थियों की सेहत को ध्यान में रखते हुए व्यवस्था बनाई गई। अधिकांश विद्यार्थी अपने घर से ही भोजन लाते थे, लेकिन जब काफी दबाव बना तो गुणवत्तायुक्त भोजन मिलने के भरोसे पर भोजन वितरण करने के लिए विद्यालय की ओर से सहमति जताई गई। इस साल पहले ही दिन भोजन वितरण व्यवस्था फेल हो गई। हमने उच्चाधिकारियों को रिपोर्ट दे दी है।

डीएस पाल, प्रधानाचार्य सुमंत कुमार माहेश्वरी इंटर कॉलेज

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