Kanpur: सिर्फ इतने फीसदी नवजात को ही मिलता मां से ‘अमृत’...जागरूकता के लिए स्वास्थ्य विभाग चलाएगा स्तनपान सप्ताह
कानपुर, अमृत विचार। जन्म के एक घंटे में मां का पहला गाढ़ा दूध शिशु के लिए अमृत जैसा होता है। लेकिन जिले में सिर्फ 34.8 फीसदी नवजात को ही यह अमृत प्राप्त होता है। इसी तरह 6 माह तक स्तनपान करने वाले बच्चों का आंकड़ा 53.9 फीसदी ही है। यह तथ्य राष्ट्रीय परिवार एवं स्वास्थ्य सर्वे रिपोर्ट-5 में सामने आने के बाद जिले में जागरुकता के लिए विश्व स्तनपान सप्ताह मनाने का फैसला हुआ है।
जन्म के एक घंटे के भीतर से लेकर 6 माह तक बच्चे को स्तनपान का महत्व बताने के लिए जिले में गुरुवार से 7 अगस्त तक स्वास्थ्य विभाग विश्व स्तनपान सप्ताह आयोजित करेगा। इसकी थीम ‘ क्लोसिंग द गैप : ब्रेस्टफीडिंग सपोर्ट फॉर आल’ रखी गई है, यानी स्तनपान सुनिश्चित करने में सभी सहयोग करें। सीएमओ डॉ.आलोक रंजन ने बताया कि नवजात शिशु मृत्यु दर में कमी लाने, शिशुओं को कुपोषण से बचाने के लिए स्तनपान कराना महत्वपूर्ण है।
मां का पहला गाढ़ा पीला दूध रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता
मां के पहले गाढ़े पीले दूध में कोलस्ट्रोम होता है, जो बच्चे में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है। यह दूध बच्चे के लिए पहला टीका होता है। जन्म के एक घंटे के अंदर स्तनपान कराने से नवजात में मृत्यु की संभावना 20 फीसदी कम हो जाती है। 6 माह तक शिशु को सिर्फ स्तनपान कराना चाहिए। 6 माह से 2 साल उम्र तक पूरक आहार के साथ स्तनपान कराना चाहिए।
घर-घर जाकर आशा व आंगनबाड़ी देंगी जानकारी
परिवार कल्याण कार्यक्रम की नोडल एसीएमओ डॉ. रमित रस्तोगी ने बताया कि स्तनपान सप्ताह में सरकारी अस्पतालों, स्वास्थ्य केंद्रों, प्रसव कक्ष और स्तनपान कक्षों में महिलाओं को जागरूक किया जाएगा। एएनएम, आशा कार्यकर्ता और आंगनबाड़ी सेविकाएं घर-घर जाकर गर्भवती महिलाओं को जानकारी देंगी।