कासगंज: डाई की ठगाई...5 जालसाजों के खिलाफ FIR दर्ज, 10 करोड़ से ज्यादा की ठगी

कासगंज: डाई की ठगाई...5 जालसाजों के खिलाफ FIR दर्ज, 10 करोड़ से ज्यादा की ठगी
डाई कंपनी का लोगो।

कासगंज, अमृत विचार। हर रोज निवेश के एवज बेहतर भुगतान का भरोसा देकर करोड़ों रुपये की ठगी करने वाली कंपनी भाग गई है। पांच जालसाजों के खिलाफ साइबर सेल थाने में एक पीड़ित निवेशक ने एफआईआर दर्ज कराई है। पुलिस ने मामला दर्ज कर हर पहलू पर जांच शुरू कर दी है।

इधर ठगी के शिकार हुए निवेशकों के अनुसार अब तक लगभग 10 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी का मामला सामने आ रहा है, जबकि अभी और भी तमाम ठगी का शिकार हुए निवेशक सामने आ सकते हैं।

साइबर सेल पुलिस हर पहलू पर जांच का दावा कर रही है। हालांकि, अभी तक पुलिस किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है। बिंदुवार जांच कर अपनी रिपोर्ट तैयार करने में पुलिस की टीम जुट गई है। उज्जवल भविष्य का सपना दिखाकर सिर्फ भोली भाली जनता को ही ठगी का शिकार नहीं बनाया गया। बल्कि, कानून का पाठ पढ़कर दूसरों को कानून सिखाने वाले और उन्हें कानून के माध्यम से न्याय दिलाने वाले अधिवक्ता भी डाई कंपनी की ठगी का शिकार हुए हैं।

कंपनी ने कुछ इस तरह से जालसाजी की कि अधिवक्ता भी जाल में फंस गए और वह लालच में आकर अपनी जमा पूंजी कंपनी को दे बैठे। अब उन्हे पश्चाताप हो रहा है। इस बीच पटियाली के एक निवेशक ने प्रार्थना पत्र देकर साइबर सेल थाने में पांच जालसाज एजेंटों के के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी है। उनके मोबाइल नंबर भी पुलिस को दिए हैं, जिससे कि पुलिस की जांच आसान हो सके। पुलिस अब प्रत्येक बिंदु को जांच में शामिल कर रही है और निवेशकों से तथ्य और साक्ष्य मांगे जा रहे हैं।

और भी जिलों में है जाल
निवेशकों के अनुसार और पुलिस की प्रथम दृष्टया जांच के अनुसार के स्पष्ट हो रहा है कि कासगंज में ही नहीं बल्कि आसपास के और भी जिलों में डाई कंपनी का जाल बिछा है और इस कंपनी के जालसाज एजेंट दूसरे जिलों में भी सक्रिय हैं, जो लोगों को ठगी का शिकार बना रहे हैं। हालांकि,कासगंज में यह मामला खुलने के बाद दूसरे जिलों में भी खलबली मच गई है। माना जा रहा है कि अन्य जिलों में भी कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। अधिवक्ता अन्य जिलों के निवेशकों से भी संपर्क में आ रहे हैं।

सफेद पोशों के शामिल होने की संभावना 
जालसाजी करने के मामले में कुछ सफेद पोश भी शामिल हो सकते हैं, क्योंकि राजनीति से जुड़े कुछ लोगों के नाम भी प्रथम दृष्टया सामने आ रहे हैं। हालांकि, अभी उनके नाम पुलिस और निवेशक उजागर नहीं कर रहे हैं, क्योंकि इससे जांच प्रभावित हो सकती है, लेकिन साइबर पुलिस का दावा है कि जल्द ही नतीजे तक पहुंच जाएंगे।

इनके विरुद्ध दर्द हुआ मामला
निवेशक रोहतास यादव ने अधिवक्ता राहुल शर्मा, अभिषेक चौहान, सर्वेश गुप्ता, विश्वनाथ एवं स्वरूप मोहंती के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराई है। पुलिस इन सभी एजेंट से भी पूछताछ करेगी।

अभी किसी को बयान दर्ज करने के लिए नहीं बुलाया गया है। न ही दूसरे जिलों में दबिश दी गई है। पहले एफआईआर दर्ज कर ली गई है और फिर बिंदुवार विवेचना की जा रही है। विवेचना में जैसे-जैसे तथ्य सामने आएंगे। उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी। -शशिकांत, इंस्पेक्टर, साइबर सेल थाना

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