कासगंज: सावधान! मोबाइल फोन का इस्तेमाल बच्चों को बना रहा आंखों का रोगी

कासगंज: सावधान! मोबाइल फोन का इस्तेमाल बच्चों को बना रहा आंखों का रोगी
demo image

कासगंज, अमृत विचार। मोबाइल का लगातार और ज्यादा उपयोग बच्चों को आंखों का रोगी बना रहा है। 50 की उम्र में पनपने वाले नेत्र रोग आठ और 10 साल के उम्र के बच्चों में भी दिख रहे हैं। मोबाइल के प्रयोग से होने वाले नेत्र रोगों की रोकथाम के लिए जरूरी है कि अभिभावक अपने बच्चों को मोबाइल का प्रयोग करने से रोकें। 

dr.
जिला अस्पताल के सीएमएस एवं नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. संजीव सक्सेना

 

जिला चिकित्सालय सीएमएस एवं नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. संजीव सक्सेना का कहना है कि मोबाइल का ज्यादा प्रयोग युवा, बड़े, बूढ़े सभी को प्रभावित कर रहा है, लेकिन छोटे बच्चों में मोबाइल चलाने की लत बढ़ रही है। अधिक मोबाइल चलाने से बच्चों की आंखों ड्राइनेस की शिकायत आ रही है। अमूमन यह शिकायत लगभग 50 वर्ष की महिला में अधिक होती है और इससे अधिक उम्र के पुरुषों में भी मिलती है। वर्तमान में अधिक मोबाइल का प्रयोग करने से ड्राइनेस की शिकायत आठ से 10 साल और इससे कम उम्र के बच्चों में भी मिल रही है। जो उनकी आंखों के लिए अधिक घातक है। 

सीएमएस का कहना है कि अभिभावक अपने बच्चों को अधिक मोबाइल के प्रयोग से रोकें। इससे बहरेपन की भी शिकायत हो सकती है। मोबाइल से निकलने वाला विकिकरण बच्चों की आंखों के लिए खतनाक साबित हो रहा है। स्क्रीन पर एक टक देखने से आंखों का ब्लिकिंगरेट कम हो रहा है। 

चिकित्सक की सलाह
सीएमएस का कहना है कि पहले मोतियाबिंद की शिकायत बुजुर्गों में होती थी, लेकिन खान-पान के बदलाव के कारण अब यह लक्षण कम उम्र के बच्चों को भी दिखाई देते हैं। कम लाइट में स्मार्ट फोन न चलाएं। 15-20 मिनट के अंतराल में इसे कुछ देर न देखें। कंप्यूटर चलाते समय भी इसी नियम का पालन किया जाए। मोबाइल फोन चेहरे से लगभग आठ से 10 इंच की दूरी पर रखें।

ये भी पढ़ें- कासगंज: अब प्लाज्मा और प्लेटलेट्स के लिए नहीं भटकेंगे मरीज, जिला अस्पताल में ब्लड सेफरेशन यूनिट शुरू