साहब! 38 साल से लगा रहे हैं LDA का चक्कर... कह रहे फाइलें हो गईं गायब, बुजुर्ग ने कहा- ब्याज समेत दें आठ करोड़, जानें मामला

साहब! 38 साल से लगा रहे हैं LDA का चक्कर... कह रहे फाइलें हो गईं गायब, बुजुर्ग ने कहा- ब्याज समेत दें आठ करोड़, जानें मामला

लखनऊ, अमृत विचार। साहब! 38 साल से लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) के चक्कर लगा रहे हैं। न भूखंडों का नामांतरण हुआ, न ही समायोजन। बताया जा रहा है कि भूखंडों की फाइलें गायब हो गईं। भूखंड नहीं मिलते तो ब्याज समेत आठ करोड़ रुपये वापस किए जाएं। यह बात गुरुवार को एलडीए में आयोजित जनता अदालत में उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार से सूर्योदय कॉलोनी से आए 75 वर्षीय अशोक कुमार भार्गव ने कही।

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भार्गव ने बताया कि 1962 में पिता एनके भार्गव ने विभूति खंड में सोसाइटी से दो भूखंड खरीदे थे। उन पर निर्माण नहीं किया। 1986 में पिता की मृत्यु होने पर नामांतरण के लिए आवेदन किया। लंबे इंतजार के बाद 2000 में एलडीए ने दोनों भूखंड विशेष खंड में समायोजित कर दिए। इसकी सूचना पत्र भेजकर दी। जब आगे की प्रक्रिया करने एलडीए पहुंचे तो दोनों भूखंडों की फाइलें गायब होना बताया गया।

तब से जनता दरबार, समाधान दिवस, प्राधिकरण दिवस के चक्कर लगा रहे हैं। दोनों भूखंडों के ब्याज समेत करीब आठ करोड़ रुपये बनते हैं जो या तो वापस किए जाएं। हृदय रोगी होने के साथ चलने-फिरने में असमर्थ हैं। अर्जन और संपत्ति फाइलें खोना एक दूसरे पर पल्ला झाड़ते हैं। उपाध्यक्ष ने मामले को गंभीरता से लिया और जांच के निर्देश दिए। सुनवाई के दौरान नामांतरण, रजिस्ट्री, कब्जा, आवास न मिलने जैसे 42 प्रकरण आए, मौके पर 15 का समाधान किया गया। इस दौरान सचिव विवेक श्रीवास्तव, संयुक्त सचिव सुशील प्रताप सिंह, एसडीएम शशिभूषण पाठक आदि रहे।

बाबू को फटकार, डुप्लीकेट फाइल बनाकर रजिस्ट्री के निर्देश

कानपुर निवासी नीलम सिंह ने बताया कि, मानसरोवर योजना के सेक्टर-ओ में आवंटित भूखंड में करीब 100 वर्गमीटर अतिरिक्त भूमि है। इसकी गणना के अनुसार वह पूर्ण धनराशि जमा करा चुकी है, लेकिन रजिस्ट्री नहीं हुई। इस पर उपाध्यक्ष ने सम्बंधित अधिकारी व बाबू को मौके पर बुलाकर जवाब तलब किया।

पता चला कि भूखंड की मूल पत्रावली उपलब्ध नहीं है। इस पर बाबू को फटकार लगाते हुए निर्देश दिए कि आवंटी के पास उपलब्ध रसीदों व दस्तावेज के आधार पर 15 दिन के अंदर डुप्लीकेट फाइल बनाकर रजिस्ट्री कराएं। इसके अलावा प्रियदर्शिनी योजना के सेक्टर-सी निवासी कृष्ण कुमार ने पार्क का ट्यूबवेल खराब होने की शिकायत की। इस पर जोन-4 के अधिशासी अभियंता को मौके पर टीम भेजकर कार्रवाई के निर्देश दिए।

केस 1- कॉम्पलेक्स बंद, मकानों में व्यवसायिक गतिविधियां

ट्रांसपोर्ट नगर निवासी हरप्रीत सिंह भाटिया ने जनहित की शिकायत की। बताया कि एलडीए के कॉम्पलेक्स के बाहर कब्जा करके लोग कारोबार कर रहे हैं। कई कॉम्पलेक्स खाली हैं और वहां मकानों पर व्यवसायिक गतिविधियां संचालित हैं। इससे करोड़ों का राजस्व नुकसान हो रहा है।

केस 2- रजिस्ट्री के लिए दौड़ लगा रहा बुजुर्ग

एलडीए कॉलोनी कानपुर रोड से आए चरनजीत कौर ने बताया कि वह 80 वर्ष की हैं। उन्हें सेक्टर एफ में भवन आवंटित हुआ था। इसकी गणना नहीं हो पाई है। तब से गणना कराने के लिए चक्कर लगा रहे हैं कि इससे बकाया धनराशि निकलने पर जमा करके रजिस्ट्री करा सकें।

केस 3- रजिस्ट्री में आनाकानी, महिला लगा रही चक्कर

मीना दास ने बताया कि पति संजय ने कानपुर रोड स्थित एलडीए कॉलाेनी में करीब 15 साल पहले मकान खरीदा था। इस बीच पति की मृत्यु के बाद रजिस्ट्री नहीं हो पाई। जो आपने व बेटे के नाम से कराने के लिए बराबर चक्कर लगा रहे हैं। पिछले माह जनता अदालत में आए थे। कार्रवाई नहीं हुई।

केस 4- सुरक्षा की दृष्टि से बनवाएं दीवार व लगाएं गेट

गोमती नगर स्थित नेहरू एंक्लेव के लोगों ने महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा की दृष्टि से परिसर में बाउंड्रीवाल और गेट लगाने की मांग की। अंजू ने बताया कि मल्टी स्टाेरी अपार्टमेंट में सुरक्षा के इंतजाम नहीं हैं। शाम होते ही अराजकतत्वों का जमावड़ा होता है। वहीं, परिसर में बिना अनुमति के 50 लाख से बनीं सड़कों को तोड़कर बड़े और ऊंचे स्पीड ब्रेकर बनाए गए। इससे दुघर्टना का खतरा है और रुपये की बर्बादी की गई।

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