बाराबंकी: एआरटीओ कार्यालय में एडीएम न्यायिक, एएसपी और एसडीएम सदर ने मारा, मचा हड़कंप, 11 हिरासत में

बाराबंकी: एआरटीओ कार्यालय में एडीएम न्यायिक, एएसपी और एसडीएम सदर ने मारा, मचा हड़कंप, 11 हिरासत में

बाराबंकी, अमृत विचार। सहायक संभागीय परिवहन कार्यालय के बाहर उस समय हड़कंप मच गया जब दोपहर अचानक भारी पुलिस बल के साथ प्रशासन व पुलिस की संयुक्त टीम ने छापा मारा। छापेमारी के दौरान कार्यालय के बाहर दलाली की दुकान पर बैठे मिले 11 संदिग्धों को पुलिस हिरासत में ले लिया गया। जिन्हें कोतवाली लाकर उनसे पूछताछ की जा रही है। इस कार्यवाही के दौरान मेडिकल बनाने वाले एक शख्स से भी पूछताछ कर सीएमओ कार्यालय से लाइसेंस के संबंध में जानकारी मांगी गई है।

एआरटीओ कार्यालय में लाइसेंस, फिटनेस के साथ अन्य वाहन संबंधी कामकाज के लिए दलालों की सक्रियता बढ़ने की सूचना प्रशासन के अधिकारियों को मिली थी। बताया जा रहा है कि इस कार्यवाही को लेकर शासन से कड़े निर्देश मिले थे। इसी को लेकर गुरुवार को एडीएम न्यायिक इंद्रसेन, एएसपी दक्षिणी अखिलेश नारायण सिंह और एसडीएम सदर आर.जगतसाईं, सीओ सिटी आदि ने कोतवाली अजय त्रिपाठी व यातायात निरीक्षक रामरतन व भारी पुलिस बल के साथ दोपहर करीब साढ़े बारह बजे छापा मारा। 

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अधिकारियों का काफिला पहुंचते दलाली की दुकान संजाए बैठे दुकानदार डर व भय के बारे में अपनी-अपनी दुकान बंद कर भाग खड़े हुए। वहीं कुछ दुकानें जरुर खुली रहीं। इन दुकानों पर संदिग्ध मिलने वाले 11 लोगों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। और उन्हें पूछतांछ के लिए कोतवाली भेज दिया। बताया जा रहा है कि एआरटीओ कार्यालय के अंदर बाहरी लोगों द्वारा सरकारी कामकाज में हाथ बटाया जा रहा है। 

बिना उनके हस्ताक्षेप के जरुरतमंदों के लाइसेंस, रिनीवल, फिटनेस समेत वाहन संबंधी कार्य नहीं होते हैं और अधिक दाम लेकर जेब ढीली कर रहे हैं। जबकि एआरटीओ कार्यालय में सीधे कर्मचारियों से संंपर्क करने पर अनावश्यक रुप से जरुरतमंदों को कई-कई दिनों तक दौड़ाया जा रहा है। प्रशासन को इस संबंध में मिली सूचना के बाद जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार के निर्देश पर इन तीनों आलाधिकारियों ने एआरटीओ कार्यालय में छापेमारी की।

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एआरटीओ कार्यालय के काम कर रहे बाहरी

शासन के सख्त निर्देशों के बाद भी एआरटीओ कार्यालय में बाहरी लोगों द्वारा सरकार काम किया जा रहा है। यहां तैनात कर्मचारियों ने अपना एक आदमी रखा हुआ है। जो बाबूजी के कामों को बखूबी निपटाता है। छापेमारी या उच्चाधिकारियों के निरीक्षण की सुगबुगाहट पर उसे हटा दिया जाता है और फिर दोबारा उसी ढर्रे पर काम करने लगता है। अब भले ही विभागीय अधिकारी इसे गलत बताए  लेकिन कहीं न कहीं बाबूओं की सांठगांठ अंदर से लेकर बाहर तक दिखती है।

कार्यालय के बाहर जारी हाे रहा मेडिकल सार्टिफिेकेट

छापामारी के दौरान पाया गया कि एआरटीओ कार्यालय के बाहर एक सज्जन अपनी दुकान लगाए हुए मिले। इनके द्वारा मेडिकल सार्टिफिकेट जारी करने का काम किया जा रहा था। पुलिस ने अब इनसे भी पूछतांछ करने के बाद इस संबंध में सीएमओ काे इससे अवगत कराते हुए जानकारी मांगी है कि यह सज्जन प्रमाण पत्र जारी करने के अधिकृत हैं कि नहीं। इनका पंजीकरण स्वास्थ्य विभाग में है या नहीं। सीएमओ द्वारा रिपोर्ट देने के बाद अगर यह सज्जन गलत मिलते हैं तो पुलिस इन पर भी कड़ी कार्रवाई करेगी।

सूचना मिली थी कि एआरटीओ कार्यालय के बाहर सजी दुकानों पर कुछ वांछनीय तत्व बैठकर गलत तरीके से जरुरतमंदों को भ्रमित कर वाहन संबंधित कार्य करा रहे हैं। जनता के नजरिए से बहुत गलत चीज है। इनके द्वारा लोगों का उत्पीड़न किया जा रहा था। इसे लेकर यह रेड डाली गई। 11 लोगाें को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। दोषियों पर विधिक कार्रवाई की जाएगी..,अखिलेश नारायण सिंह, एएसपी दक्षिणी।