25 हजार से अधिक लोग हुए रोड़ हादसे का शिकार, प्रत्येक जिले में बनेंगे दो-दो मॉडल सेफ रोड

अधिक दुर्घटना वाली सड़कों को चिह्नित करेगा परिवहन विभाग

25 हजार से अधिक लोग हुए रोड़ हादसे का शिकार, प्रत्येक जिले में बनेंगे दो-दो मॉडल सेफ रोड

लखनऊ, अमृत विचार: सड़क दुर्घटनाएं रोकने के लिए प्रत्येक जिले में एक नेशनल और एक स्टेट हाईवे को मॉडल सेफ रोड बनाया जाएगा। इसके लिए उन सड़कों को चिन्हित किया जाएगा, जहां तीन वर्ष में 10 से अधिक सड़क हादसे हुए हैं। सड़कें चिन्हित करने की जिम्मेदारी परिवहन विभाग को दी गई है। मॉडल सेफ रोड पीडब्ल्यूडी बनाएगा। दोनों विभागों ने काम शुरू कर दिया है।

लोक निर्माण विभाग में सड़क सुरक्षा से जुड़े अधिकारी बतातें हैं कि केंद्रीय सड़क राजमार्ग मंत्रालय के निर्देश पर प्रदेश में कवायद कर दी गई है। इस संबंध में पहली बैठक 19 सितंबर को हुई थी। प्रस्तावित मॉडल सेफ रोड का आडिट कराया जाएगा। आडिट में मॉडल सेफ रोड में आने वाली दिक्कतें दूर करने के संबंध में प्रस्ताव बनाया जाएगा। इस प्रस्ताव पर अगली सड़क सुरक्षा की बैठक में रखकर मंजूरी ली जाएगी। इसके बाद पीडब्लूडी मॉडल सेफ रोड बनाने के लिए काम शुरू करेगा।

मॉडल सेफ रोड पर ये सुधार होंगे-

-दुर्घटना के कारण का पता लगाएंगे।
-सड़क की डिजाइन की जांच होगी
-सुधार के कारणों को चिन्हित करेंगे
-स्पीड ब्रेकर, दिशासूचक बोर्ड लगेंगे
-सभी हादसे की वजह की रिपोर्ट बनेगी

फैक्ट

-2023 में 70 फीसदी नेशनल और स्टेट हाईवे पर हुए
-25 हजार हादसों में 13700 लोगों की जान चली गई

एक अक्टूबर को शासन की ओर से कार्यवृत्त जारी कर दिया गया है। सभी आरटीओ को मॉडल सेफ रोड चिन्हित करने के निर्देश दिए हैं। जहां लोक निर्माण मॉडल सेफ रोड की आडिट कराते हुए कार्ययोजना तैयार करेंगे। इससे काफी हद तक सड़क हादसे रोकने में कामयाबी मिलेगी।
पुष्पसेन सत्यार्थी, अपर परिवहन आयुक्त सड़क सुरक्षा

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