कासगंज: बाढ़ से भयावह हुए हालात...लोग पानी में डूबे, अधिकारी गंगा नदी की ओर दौड़े!

एनडीआरएफ की टीम ने संभावित बाढ़ के मद्देनजर तराई क्षेत्र में किया मॉकड्रिल

कासगंज: बाढ़ से भयावह हुए हालात...लोग पानी में डूबे, अधिकारी गंगा नदी की ओर दौड़े!
गंगा नदी में मॉकड्रिल करते एनडीआरएफ के जवान

कासगंज, अमृत विचार। बाढ़ से हालात भयावह हो गए हैं। लोग पानी में डूब रहे हैं। गांव तबाह हो रहे हैं। चारों तरफ रास्ते बंद हो गए हैं। इस तरह का संदेश जारी होते ही आपाताकालीन सायरन बजा। फिर क्या था प्रशासनिक अफसर गंगा नदी की ओर दौड़ पड़े और एनडीआरएफ की टीम ने भी रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया।

यह सब मॉकड्रिल था। प्रयोगात्मक तरीके से बाढ़ से बचाव में टीमें जुटी। डूबतों को बचाया। बाढ़ में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। बाढ़ पीड़ितों को प्राथमिक उपचार भी दिया गया। 

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गंगा नदी में मॉकड्रिल का निरीक्षण करने पहुंचे अधिकारी।

 

सायरन बजते ही पटियाली के एसडीएम कुलदीप सिंह के नेतृत्व में एनडीआरएफ की टीम बचाव के लिए पहुंची। फिर क्या था मॉकड्रिल के दौरान बचाव में जुट गए। टीम के जवानों ने राहत कार्य शुरू किया। नदी में ग्रामीण जन लकड़ी या छोटे-छोटे बोट के माध्यम से नदी पार करते समय बोट पलटी हो जाने एवं गांव में पानी भर जाने की स्थिति में किस प्रकार से जिले में उपलब्ध मोटर बोट, स्क्यूबा डायविंग, अंडरवाटर कैमरा, लाइफ जैकेट, लाइफ बॉय आस्का लाइट, पेलिकन लाइट, सर्च लाइट विभिन्न प्रकार के चैन-सा का प्रयोग कर बाढ़ बचाव कार्य का लाइव डेमो मॉकड्रिल किया।

गांवों के ग्रामीणों को घरों में उपलब्ध होने वाली सामग्रियों जैसे टीपा, भगोना, ड्रम, मटका, ट्यूब इत्यादि सामग्रियों का राप्ट बनाना एवं पीने वाले एक लीटर पानी की बोतल को एयर टाइट कर लाइफ जैकेट बनाकर डूबते हुए व्यक्ति को बचाया जा सकता है, इसका डेमो एनडीआरएफ के जवान और जिले के बाढ़ बचाव दल के जवान द्वारा किया गया। प्रयोगात्मक तरीके से बाढ़ में फंसे और गंगा में डूबते लोगों को बचाया गया। 

जलस्तर में आई पांच सेंटीमीटर की गिरावट
जहां एक ओर बाढ़ का खतरा बढ़ रहा है तो वहीं दूसरे तरफ गंगा नदी के जलस्तर में पांच सेंटीमीटर तक की गिरावट 24 घंटे में आयी है। जिससे ग्रामीणों ने आंशिक रूप से राहत की सांस ली है, लेकिन अभी बाढ़ के खतरे को लेकर पूरी निश्चिंत नहीं रहा जा सकता। हालांकि सिंचाई विभाग के अधिकारी इस ओर ध्यान दिए हुए हैं। 

रात में भी जमाए हुए डेरा 
सिंचाई विभाग के अधिकारी तराई के क्षेत्रों में रात में भी डेरा जमा हुए हैं। वे ग्रामीणों से संपर्क बनाकर उनकी मदद ले रहे हैं। गांव बरौना में सुरक्षात्मक कार्य अभी तक जारी है। अधिकारी कराए जा रहे कार्यों का पल-पल अपडेट ले रहे हैं। जिससे किसी भी प्रकार का खतरा टाला जा सके। 

आंकड़े की नजर से 
-65803 क्यूसेक पानी हरिद्वारा बैराज से छोड़ा गया 
-44784 क्यूसेक पानी बिजनौर बैराज से छोड़ा गया 
-46019 क्यूसेक पानी नरौरा बैराज से छोडा गया 
-163.10 मीटर है कछला नदी पर गंगा का जलस्तर 

एनडीआरएफ की टीम ने मॉकड्रिल किया है। बैराजों से पानी कुछ कम हुआ है। ग्रामीणों को सतर्क रहने को कहा गया है। बाढ़ का अभी कोई खतरा नहीं है। हर पल कड़ी निगरानी की जा रही है। -शमशेर सिंह, अधिशासी अभियंता सिंचाई

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