बरेली: बिजली कटौती से सूखी धान की पौध, किसानों और बिजली कर्मी में हाथापाई

बरेली: बिजली कटौती से सूखी धान की पौध, किसानों और बिजली कर्मी में हाथापाई
सूख रही धान की फसल लेकर विद्युत उपकेंद्र पहुंचे किसान।

बरेली/भमोरा, अमृत विचार। बिजली कटौती से किसान धान की पौध नहीं लगा पा रहे हैं। पौध सूख जा रही है। भमोरा के कटका भरत गांव के किसान बुधवार को उपकेंद्र पर धान की सूखी पौध लेकर शिकायत करने पहुंचे। किसानों ने प्रदर्शन किया और अधिकारियों को बुलाने के लिए कहा तो संविदाकर्मी से उनकी नोकझोंक हो गई और इसके बाद हाथापाई भी हुई। पुलिस दोनों पक्षों को थाने ले गई लेकिन दोनों पक्षों में समझौता हो गया।

कटका भरत गांव निवासी किसान राजकुमार ने बताया उनके गांव में 10 दिनों से दिन में दो घंटे भी बिजली नहीं आ रही है। 12 सौ रुपये किलो में धान खरीदकर पौध डाली, उसे किसी तरह रोपाई के लिए तैयार किया। अब रोपाई के समय बिजली नहीं मिलने से पौध सूख रही है।

जेई और एसडीओ को अपनी समस्या बताने के लिए कई बार फोन किया लेकिन कोई फोन नहीं उठाता। मजबूर होकर किसान विद्युत उपकेंद्र पहुंचे। यहां मौजूद संविदा कर्मी किसानों से उनकी समस्या सुनने के बजाय बदसलूकी करने लगा, जिस पर दोनों पक्षों में हाथापाई हो गई। सूचना पर पहुंची पुलिस दोनों पक्षों को थाने ले गई। जिला पंचायत सदस्य सतेंद्र श्रीवास्तव और एसडीओ आंवला और जेई ने किसानों को नियमानुसार बिजली देने का आश्वासन दिया तो दोनों पक्षों में समझौता करा दिया।

24 घंटे में 2 घंटे भी नहीं मिल पा रही बिजली
आंवला : ग्रामीण क्षेत्र में बिजली न आने से किसानों की फसल खराब हो रही है लेकिन विभाग के अधिकारियों ने समाधान करने के बजाय हाथ खड़े कर दिए हैं। आंवला उपकेंद्र के पांच फीडरों से आंवला तेल डिपो, 50 से अधिक गांव और नलकूपों को सप्लाई दी जाती है लेकिन धान की फसल की सिंचाई के लिए सप्लाई नहीं मिल पा रही है। एक-दो घंटे यदि सप्लाई चल भी जाती है तो लो वोल्टेज के कारण नलकूप की मोटरें फुंक रही हैं। जिससे किसानों को आर्थिक नुकसान हो रहा है। वहीं घरों में भी बिजली नहीं आ रही है।

सेंधा, टांडा, दिगोई पोषक से जुडे ग्रामीणों ने बताया कि बिजली विभाग ने गांव की लाइन से नलकूपों की लाइन जोड़ दी है। इससे भी दिक्कत हो रही है। एसडीओ कामेश कुमार ने बताया कि सभी फीडर ओवरलोड हैं। इस कारण घरेलू और नलकूप की सप्लाई नहीं चल पा रही है। ओवरलोड को ठीक करना उनके बस की बात नहीं है।

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