अफ्रीका से लंबा सफर तय कर पीलीभीत पहुंचे जैकोबिन, पीटीआर के जंगल समेत आबादी क्षेत्रों में देखी जा रही मौजूदगी

सर्दियां शुरू होते ही अपने बच्चों के साथ वापस लौट जाते हैं यह करिश्माई पक्षी

अफ्रीका से लंबा सफर तय कर पीलीभीत पहुंचे जैकोबिन, पीटीआर के जंगल समेत आबादी क्षेत्रों में देखी जा रही मौजूदगी

पीलीभीत, अमृत विचार। पीलीभीत टाइगर रिजर्व प्रवासी पक्षियों का गढ़ बनता जा रहा है। प्रवासी साइबेरियन पक्षियों के बाद अब अफ्रीका के जैकोबिन कुकू ने भी दस्तक दी है। टरक्वाइज वाइल्ड लाइफ कंजर्वेशन सोसायटी के मुताबिक यह प्रवासी पक्षी पीलीभीत टाइगर रिजर्व के घने जंगलों के अलावा आबादी क्षेत्र में देखे जा रहे हैं। सर्दियां शुरू होते ही यह प्रवासी पक्षी बच्चों के साथ अपने वतन वापस लौट जाएंगें।

देश के सर्वश्रेष्ठ टाइगर रिजर्वों में शुमार होने की ओर अग्रसर पीलीभीत टाइगर रिजर्व बढ़ती जैवविविधता को लेकर मशहूर है। यहां बाघ-तेंदुओं के अलावा अन्य वन्यजीवों एवं पक्षियों की अन्य प्रजातियां पाई जाती है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अवार्ड जीत चुके पीटीआर बाघों की बढ़ती संख्या को लेकर विश्व पटल पर अपनी पहचान बना चुका है।  

स्थानीय वन्यजीवों और पक्षियों के अलावा अब यहां की आबोहवा प्रवासी पक्षियों को भी रास आने लगी है। यहां हर साल ही सर्दी के दिनों में साइेबरिया, अलास्का आदि देशों से हजारों की संख्या में प्रवासी पक्षी पहुंचते हैं। करीब चार माह के प्रवास के बाद यह सभी वापस लौट जाते हैं। इधर अब प्रवासी पक्षी जैकोबिन कुकू की मौजूदगी देखी जा रही है। इस आमतौर की भाषा में चातक भी कहा जाता है।

अच्छी वर्षा का सूचक माने जाते हैं जैकोबिन कूको

जैकोबिन कुकू अफ्रीका से लंबा सफर तय करने के बाद गर्मियों में प्रवास को यहां पहुंचे हैं।  टरक्वाइज वाइल्ड लाइफ कंजर्वेशन सोसायटी के मुताबिक इस प्रवासी पक्षी की पीलीभीत टाइगर रिजर्व के जंगलों समेत आबादी क्षेत्र में मौजूदगी मिली है।  इसका ऊपरी हिस्सा काले रंग और नीचे का हिस्सा सफेद रंग का होता है। सिर पर क्रिस्ट से इसे आसानी से पहचाना जा सकता है। वर्षा ऋतु में यहां अंडे देकर बच्चों का पालन पोषण करता है। इसको अच्छी वर्षा का सूचक भी माना जाता है। यह झुंड के रूप में नहीं पाए जाते हैं। 

सोसायटी अध्यक्ष के मुताबिक यह प्रवासी पक्षी कैटरपिलर, कीड़े के अलावा छोटे जंगली फल भी खाता है। सर्दियों के शुरू होते ही जैकोबिन कुकू नये बच्चों के साथ अफ्रीका महाद्वीप वापस लौट जाते हैं। इस प्रवासी पक्षी के बारे में एक बात यह भी प्रचलित है कि जैकोबिन कुकू मानसून में बारिश की बूंदों से ही अपनी प्यास बुझाता है। हालांकि इसके वैज्ञानिक तथ्य उपलब्ध नहीं है।


पीलीभीत टाइगर रिजर्व में सुदूर देशों से आने वाले प्रवासी पक्षियों की प्रजातियों में बढ़ोतरी हो रही है। इन दिनों अफ्रीका महाद्वीप का जैकोबिन कुकू पीटीआर समेत आबादी में देखा जा रहा है।  यह पीटीआर की बढ़ती जैव विविधता का भी सूचक है..,अख्तर मियां खान, अध्यक्ष, टरक्वाइज वाइल्ड लाइफ कंजर्वेशन सोसायटी।

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