Chitrakoot: बस चेकिंग के नाम पर उमस और गर्मी में बेचैन रहे बच्चे; पुलिस लाइंस में दो घंटे तक रोका, निरीक्षक निलंबित

Chitrakoot: बस चेकिंग के नाम पर उमस और गर्मी में बेचैन रहे बच्चे; पुलिस लाइंस में दो घंटे तक रोका, निरीक्षक निलंबित

चित्रकूट, अमृत विचार। चेकिंग के नाम पर स्कूली बच्चों से भरी दो बसों को एआरटीओ और अन्य विभागीय लोग पुलिस लाइंस ले गए। बच्चे भीषण उमस और गर्मी में बस में बेचैन रहे पर अफसरों को कोई फर्क नहीं पड़ा। अभिभावकों की बातों पर भी ध्यान नहीं दिया गया। बताया जाता है कि किसी बच्चे के अभिभावक ने इसकी सूचना लखनऊ में अपने परिचित पत्रकार को दे दी। 

इस पर उसने ट्वीट कर दिया तो जानकारी मुख्यमंत्री कार्यालय तक को हो गई। आनन-फानन में प्रशासन से जांच रिपोर्ट तलब की गई और फिर संभागीय निरीक्षक को निलंबित कर दिया गया। एआरटीओ पर भी अनुशासनात्मक कार्रवाई की तलवार लटक रही है। 

मामला मंगलवार का है। जानकारी के मुताबिक, श्रीजी इंटरनेशनल स्कूल के बच्चों की लगभग 11 बजे छुट्टी हुई तो बच्चों को लेकर दो बसें कर्वी तक पहुंच गई थीं। बताया जाता है कि इसी दौरान वाहनों की फिटनेस समाप्त हो जाने के नाम पर सहायक संभागीय परिहन अधिकारी (प्रवर्तन) विवेक शुक्ला और अन्य विभागीय बच्चों सहित दोनों बसों को लेकर कई किमी दूर पुलिस लाइन ले गए। 

दोनों वाहनों को सीज कर फायर सर्विस परिसर पुलिस लाइन में दाखिल दिखाया गया और फिर लगभग एक बजे छोड़ा गया। करीब दो घंटे तक बसों को पुलिस लाइंस में खड़ा रखा गया। इस दौरान किसी बच्चे के अभिभावक ने अपने लखनऊ के परिचित पत्रकार को इसकी जानकारी दे दी तो उन्होंने इसे ट्वीट कर दिया। 

मामला शासन तक पहुंच गया। बताया जाता है कि इस पर आननफानन में प्रशासन से इस संबंध में रिपोर्ट तलब की गई और फिर निलंबन की गाज संभागीय निरीक्षक (प्राविधिक) गुलाब चंद्र पर गिरी। इन पर समय से वाहनों की जांच कर फिटनेस प्रमाणपत्र न देने का आरोप है। 

एआरटीओ पर भी जांच की तलवार

इस मामले में सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन) विवेक कुमार शुक्ला पर भी कार्रवाई की तलवार लटक रही है। उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई किए जाने की संस्तुति की गई है। एआरटीओ का पक्ष जानने के लिए कई बार उनके मोबाइल पर रिंग की गई पर फोन नहीं उठा। उधर, इस संबंध में स्कूल प्रबंधन ने किसी भी तरह की टिप्पणी से मना कर दिया। 

मैं निर्दोष, फंसाया जा रहा- गुलाब चंद्र

उधर, निलंबित संभागीय निरीक्षक गुलाब चंद्र का कहना है कि उनको अधिकारी द्वारा फंसाया जा रहा है। बताया कि उनका काम सिर्फ वाहनों की चेकिंग कर उनको नोटिस जारी करना है। दावा किया कि वह तो पुलिस लाइंस गए ही नहीं थे। बताया कि उन्होंने कई स्कूलों की बसों को चेक कर नोटिस भी जारी कीं, उनमें श्रीजी इंटरनेशनल स्कूल की बसें भी थीं।

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