कासगंज: पटियाली में बाढ़ का मुद्दा लोकसभा में भी गूंजा...सांसद देवेश शाक्य ने रखा किसानों का दर्द, सुझाए उपाय

कासगंज: पटियाली में बाढ़ का मुद्दा लोकसभा में भी गूंजा...सांसद देवेश शाक्य ने रखा किसानों का दर्द, सुझाए उपाय
पटियाली विधानसभा क्षेत्र में गंगा के कटान एवं बाढ़ की रोकथाम के लिए संसद में मांग रखते सांसद देवेश शाक्य।

कासगंज, अमृत विचार। कासगंज में बाढ़ का मुद्दा लोकसभा में भी गूंज उठा है। सपा सांसद ने लोकसभा में किसानों का दर्द रखा है और अपने सवालों के साथ-साथ उपाय भी सुझाए हैं। उन्होंने कहा कि तहसील पटियाली दर्जनों गांव बाढ़ से प्रभावित रहते हैं। लेकिन सिंचाई विभाग गंगा कटान और बाढ़ से बचाने के लिए कोई परमानेंट समाधान नहीं कर पाया है। जबकि इस समस्या के समाधान के लिए एक व्यापक प्रोजेक्ट बनाने की आवश्यकता है।  

बता दें, कुछ दिन पहले ही जब गंगा नदी में पानी बढ़ा तो कटान तेज हो गया। फिर बैराजों पर पानी का दबाव कम होने के बाद हालात सामान्य हुए। अब एक बार फिर जिले में गंगा नदी के जलस्तर में वृद्धि की संभावना है। इसका कारण बैराजों से पानी छोड़ा जाना बताया जा रहा है। हालांकि, अधिकारियों का कहना है कि इसके बाद भी नदी में सामान्य बाढ़ से अधिक की स्थिति पैदा होने की कोई आशा नहीं है। ऐसे में किसी को चिंता करने की जरूरत नहीं है। 

पिछले दिनों बैराजों से छोड़े गए पानी से नदी उफान पर आई, लेकिन धीरे-धीरे बैराजों पर पानी का दबाव कम हो गया तो जलस्तर घट गया। अब एक बार फिर से बैराजों पर पानी का दबाव बढ़ गया है। इससे कछला गंगा नदी में पानी छोड़ा गया है। घटता-बढ़ता जलस्तर तराई क्षेत्र के ग्रामीणों को चिंतित किए हुए है। कटान का खतरा ग्रामीणों की धड़कन बढ़ा रहा है,

हालांकि अभी तक न तो खतरे की बाढ़ के हालात बने हैं और न ही कहीं दोबारा कटान हुआ है। तब भी ग्रामीण चिंतित हैं। सिंचाई विभाग भी गंभीरता से जलस्तर की निगरानी कर रहा है। अब बैराजों से धीरे-धीरे पानी का दबाव कछला गंगा नदी में बढ़ने लगा है, जिससे भले ही खतरे की स्थिति न बने लेकिन गंगा का जलस्तर बढ़ने की संभावना जताई गई है। 

कर रहे मॉनिटरिंग
सिंचाई विभाग अलीगढ़ के अधीक्षण अभियंता कछला गंगा नदी में पानी की मानिटरिंग कर रहे हैं। वह प्रतिदिन सिंचाई विभाग के अधिकारियों से डाटा ले रहे हैं। सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता ने अधीक्षण अभियंता को जल स्तर की जानकारी दी है। फिर मचलने को आतुर दिख रही है।

आंकड़े की नजर में 
- 58064 क्यूसेक पानी हरिद्वार बैराज से छोड़ा गया 
- 54958 क्यूसेक पानी बिजनौर बैराज से छोड़ा गया 
- 76891 क्यूसेक पानी नरोरा बैराज से छोड़ा गया
- 162.90 मीटर है कछला गंगा नदी का जलस्तर

बैराजों से जैसे-जैसे पानी छोड़ा जाता है। तब-तब गंगा नदी में पानी बढ़ता है, लेकिन अभी लो फ्लड है और बाढ़ के कोई हालात नहीं बने हैं। खतरे की कोई चिंता नहीं है। बाढ़ और कटान से बचाव के सभी इंतजाम पूरे कर लिए गए हैं। -शमशेर सिंह, अधिशासी अभियंता सिंचाई

लोकसभा में सपा सांसद ने उठाया बाढ़ का मुद्दा 
कासगंज में बाढ़ का मुद्दा लोकसभा में भी गूंज उठा है। सपा सांसद ने लोकसभा में किसानों का दर्द रखा है और अपने सवालों के साथ-साथ उपाय भी सुझाए हैं कहा है कि उत्तर प्रदेश के जनपद कासगंज की तहसील पटियाली में शहबाजपुर, बरौना, बरी बगवास, कादरगंज पुख्ता, इंदा मिहौला, नरदोली, मूंज खेड़ा होते हुए राजेपुर कुर्रा गांव तक 15 किलोमीटर गंगा जी का किनारा है। इस 15 किलोमीटर के दायरे में दर्जनों गांव आते हैं जो बाढ़ से प्रभावित रहते हैं। व

र्तमान में सिंचाई विभाग ने इस क्षेत्र को गंगा कटान और बाढ़ से बचाने के लिए अस्थाई व्यवस्था की है और बीच-बीच में रेत की बोरियां डाल कर ठोकरें बनाईं हैं परंतु यह कोई परमानेंट समाधान नहीं है। इस क्षेत्र को बाढ़ और गंगा कटान से बचाने के लिए पत्थरों की ठोकरों की आवश्यकता है। सिंचाई विभाग को इस 15 किलोमीटर के दायरे में सर्वे कराकर बीच-बीच में पत्थरों की ठोकरें बनाने की आवश्यकता है। इस समस्या के समाधान के लिए एक व्यापक प्रोजेक्ट बनाने की भी आवश्यकता है। 

यह किए सवाल
1- मैं सरकार से जानना चाहूंगा कि इस क्षेत्र को गंगा कटान और बाढ़ से बचाने के लिए जल शक्ति मंत्रालय के पास क्या कोई योजना है या क्या जल शक्ति मंत्रालय भविष्य में इस क्षेत्र को गंगा कटान और बाढ़ से बचाने के लिए कोई योजना बना रहा है?

2- इस क्षेत्र को बाढ़ और गंगा कटान से बचाने के लिए गंगा जी की डीसिल्टिंग करना बहुत आवश्यक है। गंगा में सिल्ट अधिक जमने से गंगा का बहाव रिहायशी इलाकों की तरफ हो गया है। यदि गंगा की डी-सिल्टिंग कर दी जाए तो गंगा के बहाव को मोड़ा जा सकता है, जिससे जो गांव बाढ़ से प्रभावित हैं उनको बचाने में मदद मिलेगी। 

3- मैं जल शक्ति मंत्रालय से जानना चाहूंगा क्या इस क्षेत्र की डीसिल्टिंग का भी कोई प्लान मंत्रालय के पास है या नहीं?