गोंडा ट्रेन हादसे में बड़ा खुलासा: हादसे के आधे घंटे पहले KEY-MAN ने JE को दी थी ट्रैक में खराबी की जानकारी, ऑडियो वायरल

सामने आया जेई व की- मैन की बातचीत का ऑडियो, रेल महकमें में मचा हड़कंप 

गोंडा ट्रेन हादसे में बड़ा खुलासा: हादसे के आधे घंटे पहले KEY-MAN ने JE को दी थी ट्रैक में खराबी की जानकारी, ऑडियो वायरल

गोंडा, अमृत विचार। चंडीगढ़ डिब्रूगढ़ रेल हादसे को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ हैं। जिसका आडियो सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रहा है। बता दें कि बृहस्पतिवार को जिस ट्रैक पर हादसा हुआ वह डेंजर जोन में था। ट्रैक की निगरानी करने वाले रेलवे के की-मैन ने एक दिन पहले ही अधिकारियों को अलर्ट किया था और ट्रैक के खराब होने की जानकारी दी थी। फिर हादसे वाले दिन भी ट्रेन के आने से आधे घंटे पहले भी वह चिल्लाता रहा कि ट्रैक खराब है, लेकिन किसी ने उसकी बात नहीं सुनी। नतीजा चंडीगढ़ डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस ट्रेन डिरेल हो गई।

 की-मैन और रेल अधिकारियों की बातचीत का सोशल मीडिया में ऑडियो वायरल हो रहा है। इस वायरल ऑडियो को लेकर रेल महकमें में हड़कंप मचा हुआ है। वायरल ऑडियो में रेल कर्मी अपने सीनियर अधिकारियों से चिल्ला चिल्ला कर कह रहा है कि ट्रैक खराब है, आगे खतरा हो सकता है, गाड़ी पटरी से उतर सकती है। लेकिन कर्मचारी की बात नहीं सुनी गई और चंडीगढ़ डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस ट्रेन इस जगह पर डिरेल हो गई।

रेल कर्मचारी आसने वर्ष 2008 से गोंडा रेल अनुभाग में की- मैन के पद पर तैनात है। ट्रैक निगरानी करने वाला कर्मचारी छुट्टी पर गया था, इसलिए 4 दिन पहले ही आसने की ड्यूटी ट्रैक निगरानी के लिए लगाई गई थी। आसने ने बताया कि उसने एक दिन पहले ही रेलवे के अवर अभियंता रंजन कुमार को इस ट्रैक की खराबी की जानकारी देते हुए उन्हें सतर्क किया था।उसने कहा कि हादसे के एक दिन पहले जब वह ट्रैक चेक कर रहा था तब उसे पटरियों के बीच बकलिंग (गैप) दिखाई दिया था।

आसने ने तत्काल इसकी जानकारी अपने सीनियर अफसर को दी। बृहस्पतिवार को भी दोपहर में वह ट्रैक देखने गया था। उसे ट्रैक में खराबी दिखाई दी। मामला गंभीर था और उसका मोबाइल स्विच ऑफ हो गया था। वह तुरंत भाग कर गेट पर पहुंचा और अपने अधिकारी को फोन किया। उन्हें ट्रैक के खराबी की जानकारी देते हुए पूछा कि कॉशन लगा है कि नहीं।दूसरी तरफ से अधिकारी ने कहा कि कॉशन लगने वाला है। इस पर की मैन ने कहा कि बहुत डेंजर स्थिति है।

आसने ने जेई से कॉशन लगाने के लिए कहा था लेकिन उसकी बात नहीं सुनी गयी। हालांकि रेल अधिकारियों का कहना है कि कॉशन लगाया गया था और ट्रेन को 30 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से गुजरना था लेकिन जब चंडीगढ़ डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस ट्रेन घटनास्थल से गुजरी तो उसकी स्पीड 70 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से अधिक थी। ऐसे में माना जा रहा है कि रेलवे के अफसरों ने समय रहते कॉशन नहीं लगाया जिससे ट्रेन के चालक को ट्रैक में खराबी की जानकारी नहीं मिल सकी। रेलवे की जांच टीमें इन बिंदुओं की गहनता से पड़ताल कर रही हैं।

 रेलवे में क्या होता है कॉशन ऑर्डर 

जब किसी रेलवे लाइन की रिपेयरिंग या मेंटेनेंस हो रही होती है या किसी खतरे से सुरक्षा के लिए जरूरी सावधानी बरती जाती है तो उसे ही कॉशन कहा जाता है। कॉशन अंग्रेजी शब्द है।  जिसका मतलब होता है सावधानी। स्टेशन मास्टर को जैसे ही किसी गड़बड़ी की सूचना मिलती है उसकी जिम्मेदारी है कि जिस एरिया में गड़बड़ी है। वहां के स्टेशन मास्टर, कंट्रोलर, सेंट्रलाइज ट्रैफिक कंट्रोल ऑपरेटर, पावर कंट्रोलर, ट्रैक्सन पावर कंट्रोलर, लोको फोरमैन और दूसरे रेलवे कर्मचारियों को तुरंत सूचना दें।

इसके बाद कंट्रोलर, सेंट्रलाइज ट्रैफिक कंट्रोल ऑपरेटर, ट्रैक्शन पावर कंट्रोलर और पावर कंट्रोलर की जिम्मेदारी है कि वह उसे रूट के सभी स्टेशन मास्टर्स और संबंधित लोको फोरमैन को स्थिति के बारे में बताएं। जिस लाइन में गड़बड़ी है उसे स्टेशन मास्टर की जिम्मेदारी है कि वहां से गुजरने वाली ट्रेनों को कॉशन ऑर्डर निर्गत करें। 

सुनिए ,वायरल ऑडियो में क्या बता रहा है की-मैन आसने (Audio-1, 1.39 min)


की- मैन और जेई रंजन को बीच हुई बातचीत का जो ऑडियो वायरल हो रहा है उसमें आसने अपने रिपोर्टिंग मैनेजर को बता रहा है कि ट्रैक में खराबी है। तो जेई रंजन कह रहे हैं कि ठीक से देख लिए हो कि नहीं? इस पर आसने का जवाब आता है कि हां देख लिए हैं। की- मैन कहता है कि मिलान पर लाइन गड़बड़ लग रही है। जब अधिकारी ने पूछा की मिलान पर? तो उसने कहा कि हां मिलान पर। बिल्डिंग से पश्चिम तरफ। इस पर जेई रंजन कहते हैं कि बताया तो था इंचार्ज को। मैं भी देखने गया था एक दिन। गड़बड़ तो है ही।

इस पर की-मैन कहता है कि गड़बड़ नहीं बहुत बड़ी गड़बड़ लग रही है। लाइन वहीं बिल्डिंग से लेकर पश्चिम तरफ टेढ़ी-मेढ़ी हो गई है। तो जेई ने की-मैन से कहा कि आगे का फिटिंग विटिंग देख लो। सब सही है न? कीमैन बोला कि हां सब ठोंक कर आए हैं। फिर जेई ने कहा कि बढ़िया से तार वार लगाकर बाहर एकदम चकाचक कर देना। इस पर की-मैन कहा कि हां सब टाइट करके आए हैं। फिर जेई रंजन कहते हैं कि भले दूसरी तरफ मेहनत कम करना, लेकिन जिस एरिया में जहां पर लग रहा है उसे एरिया में जाकर बढ़िया से एकदम ठोंक ठाक देना। कुछ गिरा न रहे। लाइनर के साथ।

हादसे वाले दिन भी की-मैन ने सेक्शन इंजीनियर को किया था फोन (Audio-2 , 1.02 min)

की- मैन आसने ने कहा कि हादसे वाले दिन भी उसने सेक्शन इंजीनियर पीके सिंह को फोन किया था। इस ऑडियो में की-मैन आसने पीके सिंह से पूछ रहा है कि 38/5 में कॉशन लगा है कि नहीं? तो सेक्शन इंजीनियर ने कहा कि कॉशन लगने वाला है। फिर की-मैन कहता है कि बहुत डेंजर इस समय हो गया है। बकलिंग मुड़ने की संभावना है। इस पर पीके सिंह ढीली आवाज में कहते हैं कि क्या बताएं? फिर की-मैन कहता है कि सर बहुत डेंजर हो गया है। सुबह से देखें हैं तभी से बहुत डेंजर लग रहा है। कहीं पहिया उतरने की संभावना न हो जाए। कोई ठिकाना नहीं है। कॉशन लगवा दीजिए। कोई बात हो जाएगी तो दिक्कत हो जाएगी।

की-मैन के अलर्ट पर सेक्शन इंजीनियर ने किया था ट्रैक का निरीक्षण
अमृत विचार: की- मैन आसने के अलर्ट पर सेक्शन इंजीनियर पीके सिंह एक दिन पहले बुधवार को ट्रैक चेक करने भी गए थे। उन्होने ट्रैक का निरीक्षण किया था। तब भी की- मैन आसने ने उन्हे बताया था कि पटरियों में गैप है। हादसा हो सकता है। इसके बावजूद कोई ठोस एक्शन नहीं लिया गया। 

इनपर हो सकती है कार्रवाई 

ट्रैक के निगरानी की जिम्मेदारी की-मैन आसने की थी। अभियंता रंजन कुमार की- मैन के रिपोर्टिंग इंचार्ज थे। की-मैन की सूचना को आगे बढाने की जिम्मेदारी इन्ही की थी। सीनियर सेक्शन इंजीनियर पीके सिंह को मामले की जानकारी होने पर तत्काल एक्शन लेना था लेकिन उन्होने ऐसा नहीं किया। सहायक मंडल अभियंता प्रियांजुल शुक्ला पर मंडलीय अधिकारी होने के नाते सबसे बड़ी जिम्मेदारी थी लेकिन वह भी अपनी जिम्मेदारी निभाने में असफल रहे। ऐसे में माना जा रहा है कि देर सबेर इन अधिकारियों पर कार्रवाई हो सकती है।

ये भी पढ़ें-दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री सोनम किन्नर ने दिया इस्तीफा, बोलीं- संगठन सरकार से बड़ा है